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धार, 05 अगस्त 2021/ बुधवार को आत्मा एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के संयुक्त दल में परियोजना संचालक आत्मा कैलाष मगर एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केन्द्र ए.के. बढ़ाया द्वारा विकासखण्ड तिरला के ग्रामों का भ्रमण किया गया। जिसमें ग्राम दिलावरा के कृषक तेजराम जाट, ग्राम खादनबुजुर्ग के कृषक जयराम भीमसिंह एवं राकेश नरसिंह, ग्राम रायपुरिया के कृषक राकेश रामनारायण के के खेत में बोई गई सोयाबीन, पपीता एवं अमरूद फसल एवं स्टडी कम्पोसर इकाई का अवलोकन किया तथा कृषकों से चर्चा की गई।
भ्रमण के दौरान पपीता फसल में कुछ पौधे वायरस से ग्रसित पाये गये, जिन्हे सावधानीपूर्वक उखाड़कर नष्ट करने की सलाह दी गई। सोयाबीन फसल में आंशिक रूप से गर्डल बिटल के प्रकोप से ग्रसित होना पाया गया। इसके नियंत्रण के लिये पूर्व मिश्रीत थायोमेथाक्साम और लेमडासायलोथ्रीन की 125 एमएल का 500 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टर छिडकाव करने की सलाह दी गइ।  मक्का फसल में फाल आर्मी वर्ग कीट का प्रकोप पाया गया, जिसके नियंत्रण के लिये इमामेक्टीन बेन्जोएट 425 एमएल मात्रा या क्लोरन्ट्रानीलीप्रेाल 18.5 एससी की 150 ग्राम मात्रा का 500 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़काव करें। खेत में जल भराव की स्थिति होने पर जल हनिकास का उचित प्रबंध करने।
परियोजना संचालक आत्मा श्री मगर द्वारा कृषकों को जैविक खेती के लाभ एवं महत्व के बारे मे विस्तार से बताया गया। कृषकों को वेस्ट डी कम्पोसर, केचुआ खाद एवं जैविक कीट नियंत्रण हेतु 10 पत्ती काडा तैयार कर छिडकाव करने की सलाह दी गई। कृषको को मध्यप्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संख्या से पंजीयन कराने की बात कही। पंजीयन के लिए विकासखण्ड स्तर पर ब्लाक तकनीकी प्रबंधक एवं सहायक तकनीकी प्रबंधक के पास फार्म उपलब्ध करा दिये गये है। श्री बढ़ाया द्वारा कृषकों को कीट एवं रोग नियंत्रण हेतु तकनिकी सलाह दी गई। भ्रमण के दौरा अन्य अधिकारीगण भी मौजूद थे।

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