झाबुआ

पिटोल बैरियर पर कर्मचारियों ने दिखाया गुंडागर्दी का तांडव….

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झाबुआ – मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले से सटे और गुजरात बॉर्डर पर स्थित पिटोल बैरियर पर तौलकांटा के कर्मचारी और प्रभारी अधिकारी के संरक्षण में गुंडागर्दी का तांडव देखने को मिला । जहां पर दो पत्रकार पर जानलेवा हमला करने का प्रयास किया गया व भविष्य में कवरेज पर जान से मारने की धमकी भी दी गई ।।

13 अगस्त को शाम करीब 5 बजे जिले के दो पत्रकार पिटोल बैरियर पर खबर कवरेज के लिए गए और कुछ वीडियो तौलकांटा के आसपास व कुछ वीडियो ट्रकों के पासिंग के दौरान बनाए गए । वीडियो बनाने के दौरान वहा स्टाफ द्वारा वीडियो बनाने से मना किया गया, तब पत्रकारों द्वारा मात्र कवरेज की बात कही गई । दोनो पत्रकार दारा विडीयों बनाने के पश्चात संबंधित अधिकारी से मिलने के लिए व वर्जन लेने के लिए ऑफिस की ओर जा ही रहे थे कि तोल कांटे और बैरियर पर कार्य कर रहे कर्मचारियों ने गाली गलौज करते हुए धक्का-मुक्की करते हुए घेर लिया और ऑफिस की ओर स्थित बैरियर की ओर ले जाने लगे । करीब 20 लोगों ने दोनो पत्रकारों को तीन तरफ से घेर लिया और कुछ गुंडों ने लटट और ईट लेकर पत्रकारों पर वार करने का प्रयास किया और गाली गलौज भी की व भविष्य में बैरियर का कवरेज करने पर जान से मारने की धमकी भी , संबंधित कर्मचारियों ने दी । साथ ही उन कर्मचारियों में से एक पत्रकार का मोबाइल भी छीन लिया । जब पत्रकारों दारा इस गुंडागर्दी का विरोध किया तो उनमें से कुछ ने धक्का-मुक्की करते हुए किसी कमरे में ले जाकर पिटाई की बात भी कही। इस तरह गुंडा तत्वों द्वारा पत्रकारों को डराने और धमकाने का प्रयास किया । वहीं तौलकांटा कंपनी के कर्मचारी वीडियो बनाने की बात को लेकर गुंडागर्दी पर उतर आए और शिकायत की बात पर यह तक कह दिया कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता । इस तरह पिटोल बैरियर पर गुंडागर्दी का तांडव करते हुए , लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास किया गया । जो कि अपराध की श्रेणी में आना चाहिए । वही पिटोल बैरियर सरकार के अधीन ही होता है तो सरकार द्वारा नियुक्त कंपनी के अधिकारी या कर्मचारी इन बैरियर पर गुंडागर्दी करेंगे…….। यदि वही बाहर के सीसीटीवी वीडियो फुटेज देखेंगे तो आपको सारी वस्तु की स्थिति नजर आ जाएगी । वही बैरियर पर बैठे प्रभारी अधिकारी शिंदे और तोलकांटा कंपनी के शिफ्ट इंचार्ज नितेश कुमार तिवारी के संरक्षण में यह गुंडागिरी और दादागिरी की गई है जो कि लोकतंत्र की हत्या है । शासन प्रशासन के साथ जिला कलेक्टर को भी इस और ध्यान देकर पिटोल बैरियर पर इस तरह के गुंडातत्वों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाना चाहिए , ताकि भविष्य में कोई भी लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को इस तरह से धमकाने का प्रयास न करें । क्या शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देकर कोई कार्रवाई करेगा या इस बैरियर पर यू ही गुंडागर्दी चलती रहेगी….?

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