RATLAM

मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में खराब परफॉर्मेंस पर शहर  छोड़कर सभी तहसीलदारों को शोकाज नोटिस

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रतलाम 23 अगस्त 2021/ शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता के मुख्यमंत्री हेल्पलाइन कार्यक्रम की समीक्षा कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम द्वारा सोमवार को बैठक में की गई। इस दौरान खराब परफॉर्मेंस पाए जाने पर रतलाम शहर को छोड़कर बाकी सभी स्थानों के तहसीलदारों को शोकॉज नोटिस जारी करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिए गए।

कलेक्टर ने निर्देश दिए कि राजस्व विभाग के अधिकारी आवेदकों शिकायतकर्ताओं के आवेदनों का निराकरण संतुष्टिपूर्वक करें। निराकरण में टालु प्रवृत्ति के शब्दों का उपयोग नहीं किया जाए। जहां आवश्यक हो पटवारी को भेजकर शिकायतकर्ता से बात की जाए। यदि वह संतुष्ट है तो फोर्स क्लोज किया जाए।

कलेक्टर द्वारा अन्य विभागों की भी समीक्षा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के तहत की गई। समय अवधि पत्रों की  बैठक में सामाजिक न्याय विभाग की मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में निराकरण की रैकिंग 43 पाए जाने पर कलेक्टर द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई। सुधार लाने के निर्देश दिए गए। सहकारिता विभाग का प्रदर्शन भी कमजोर पाया गया। नगर निगम का परफारमेंस उत्कृष्ट पाया गया। कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी विभाग की रैकिंग 20 से नीचे नहीं जाने पाए। उचित मूल्य दुकानों से वितरित होने वाले राशन की समीक्षा भी कलेक्टर द्वारा की गई। सभी एसडीएम तथा तहसीलदारों को निर्देश दिए कि उचित मूल्य दुकानों को चेक करते रहें।

जिले के 1000 से ज्यादा गांवों में पहुंचेगा कृषि विभाग का अमला, फसल निरीक्षण कर रिपोर्ट देगा

समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक में कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम द्वारा किसानों की फसल खराबी की शिकायत के संबंध में निरीक्षण के लिए निर्देशित किया गया। कलेक्टर ने कहा कि जिले के सभी 1054 गांव में कृषि विभाग के मैदानी अधिकारी पहुंचकर फसल निरीक्षण करें, रिपोर्ट तैयार करें जो आगामी सोमवार को ग्रामवार प्रस्तुत की जाए। कृषि विभाग के उपसंचालक श्री विजय चौरसिया को निर्देश दिए कि मैदानी अधिकारियों के फसल निरीक्षण हेतु लिखित में ड्यूटी आदेश जारी किए जाएं। उपसंचालक को भी रतलाम ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचकर फसल निरीक्षण के लिए निर्देशित किया।

वैक्सीन की प्रथम डोज आंशिक सुरक्षादूसरी डोज मतलब पूरी सुरक्षा

रतलाम 23 अगस्त 2021/ कोरोना महामारी के विरूद्ध पूरी तरह से रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए वैक्सीनेशन काफी कारगर साबित हो रहा है। वैज्ञानिक तथ्य भी यही कहते हैं कि वैक्सीन की दोनों डोज समय पर लग जाने से व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने की संभावना 93 प्रतिशत तक घट जाती है। साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों की मृत्यु की संभावना भी नगण्य हो जाती है। प्रदेशवासियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिये संवेदनशील राज्य सरकार लक्षित समूह को वैक्सीन का सुरक्षा कवच देने के लिए कटिबद्ध है। वैक्सीनेशन का शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर 25 एवं 26 अगस्त को दो दिवसीय टीकाकरण महाअभियान चलाया जाएगा।

कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर ने विश्व के अधिकांश देशों को अपनी चपेट में ले लिया था। कोरोना काल में अनेकों ने अपनी जान भी गंवाई। कोरोना के साथ लड़ाई में भारत ने कम समय में स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर एक अनूठा उदाहरण पूरे विश्व के सामने प्रस्तुत किया। वैक्सीन का निर्माण जितनी तेजी से किया गयाउतनी ही रफ्तार से प्रदेशों में वैक्सीन पहुँचाई भी गई। इसके बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने “सबको वैक्सीन-नि:शुल्क वैक्सीन” मंत्र देकर वैक्सीन तक सभी की पहुँच सुनिश्चित की। वैक्सीन की उपलब्धता के साथ उसके उपयोग में मध्यप्रदेश पूरे राष्ट्र में अग्रणी रहा।

वैक्सीन के द्वितीय डोज का महत्व

कोरोना महामारी से बचाव के तौर पर रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए कोविड-19 के दोनों डोज लगवाना अत्यन्त आवश्यक है। कोविड-19 टीके का प्रथम डोज मनाव शरीर में आंशिक सुरक्षा प्रदान करता हैजिसके लगने के बाद भी संक्रमित होने का खतरा बना रहता है। वैक्सीन का द्वितीय डोज समयावधि में लगवाने से वैक्सीन की एफिकेसी सर्वाधिक रहती है। प्रदेश में अभी दो प्रकार की वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगाई जा रही है। चिकित्सकीय एवं वैज्ञानिक आधार पर कोविशील्ड वैक्सीन की प्रथम डोज लेने के 84 दिन बाद द्वितीय डोज और कोवैक्सीन की प्रथम डोज लेने के 28 दिन बाद द्वितीय डोज लेना जरूरी है। वैक्सीन की द्वितीय डोज लगने के 2 से 3 सप्ताह बाद ही शरीर में कोरोना बीमारी के विरूद्ध प्रतिरोधक क्षमता पूर्ण रूप से विकसित होती है। साथ ही शरीर एक से अधिक प्रकार की एंटीबॉडी तैयार करता है जो कोरोना और उसके अन्य वेरिएंट के विरूद्ध बचाव करने में सहायक होती है।

महाअभियान को सफल बनाने जन-भागीदारी भी जरूरी

कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन सिर्फ सरकार की ही नहींसमाज की जिम्मेदारी भी है। हर नागरिक को स्व-प्रेरणा से आगे आकर सरकार द्वारा दिए जा रहे वक्सीन के सुरक्षा कवच को अपनाना होगा। यह अतिश्योक्ति नहीं होगी कि मध्यप्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए चलाए गए प्रथम टीकाकरण महाअभियान में राष्ट्रीय स्तर पर जो सफलता मिलीउसमें जन-भागीदारी की महत्ता को नकारा नहीं जा सकता है। प्रदेश में वैक्सीनेशन महाअभियान का दूसरा चरण 25 एवं 26 अगस्त को होने जा रहा है। प्रथम महाअभियान की तरह इस महाअभियान में भी राज्य सरकार के प्रयासों के साथ जनता की भागीदारी भी बहुत जरूरी होगी।

वैक्सीनेशन के बाद भी सजग और सर्तक रहना है जरूरी

यूं तो वैक्सीनेशन की दोनों डोज लगवा लेने के बाद काफी हद तक कोरोना संक्रमण का प्रभाव कम हो जाता है। इसके बावजूद भी सजग और सर्तक रहने की आवश्यकता है। कोरोना वायरस के प्रति अनुकूल व्यवहार को अपनाते रहना होगाजिसमें मास्क लगानाहाथों को समय-समय पर सेनेटाइज करनाज्यादा भीड़-भाड़ न करना और न ही उसमें शामिल होने जैसी गतिविधियों को अपनाते रहना होगा। तभी हम अपने आपको और समाज को कोरोना वायरस से बचा पाएंगे।

नागरिकों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील सरकार

राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण को खत्म करने के लिये जो भगीरथी प्रयास किये वह किसी से छिपे नहीं हैं। कोरोना की जाँच से लेकर उपचार की जो व्यवस्थाएँ की गईउससे प्रदेश में कोरोना संक्रमण को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सका है। वैक्सीन का सुरक्षा कवच हर नागरिक को मिल जाएयह प्रयास राज्य की संवेदनशील सरकार ने किया है। इन प्रयासों में आम नागरिक के साथ धर्मगुरूओंसामाजिक कार्यकर्ताओंस्वयंसेवी संस्थाओंकोरोना वॉलेंटियर्सशहरी-ग्रामीण जन-प्रतिनिधियों के साथ समाज के हर वर्ग को आगे आकर अपनी नैतिक जिम्मेदारी के साथ वैक्सीनेशन महाअभियान में सहयोग करना होगा।

प्रदेश में 4 करोड़ के पार हुआ वैक्सीन डोज का आंकड़ा

      वैक्सीनेशन के आंकड़ों पर यदि नजर डाले तो हम पायेंगे कि मध्यप्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए लक्षित समूह की संख्या करोड़ 49 लाख हैजिसके विरूद्ध अब तक प्रदेश में करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन के डोज लगाए जा चुके हैं। इनमें से वैक्सीन की दूसरी डोज 65 लाख से अधिक लोगों को लग चुकी है। वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूरा करने के लिये मध्यप्रदेश में टीकाकरण महाअभियान का दूसरा चरण 25 अगस्त से प्रांरभ किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य वैक्सीन के दूसरे डोज का कव्हरेज बढ़ाना भी है।

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