झाबुआ – जिला मुख्यालय से तथा अन्य ब्लॉक और तहसील से गांव गांव फलिया फलिया तक यात्री बसों और वाहनो में क्षमता से अधिक सवारियों का परिवहन किया जा रहा है यह परिवहन चाहे स्लीपर कोच बस में प्रदेश से अन्य प्रदेश की ओर हो या फिर अन्य लोडिंग वाहनों में यात्रियों को क्षमता से अधिक बैठाकर व लटका कर उनकी जान से खुलेआम खिलवाड़ करने की बात हो । संबंधित परिवहन विभाग जान कर भी अंजान बैठा है या फिर किसी घटना के घटित इंतजार कर रहा है
जिला मुख्यालय से तथा जिले के अन्य क्षेत्रों से रोजगार की तलाश में ग्रामीण जन महाराष्ट्र , गुजरात प्व अन्य प्रदेश की ओर जाते हैं यह सभी जिले वासी स्लीपर कोच बसों के माध्यम से या फिर अन्य लोडिंग वाहनों के माध्यम से यात्रा करते हैं झाबुआ जिले में स्लीपर कोच बसों में क्षमता से अधिक सवारियों को बैठाकर ओवरलोडिंग की जा रही है साथ ही साथ जिले में अन्य लोडिंग संसाधनों द्वारा भी लोडिंग वाहनों में यात्रियों को ठूंस ठूंस कर भरा जा रहा है और वाहनों के चारों तरफ लटका कर.भी यात्रा करवाई जा रही है और उनकी जान से खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है इन यात्रा में बच्चे भी शामिल होते हैं स्लीपर कोच बस की चेकिंग की जाए, तो कई वाहनों के पास परमिट भी नहीं होंगे । वही लोडिंग वाहनों की यदि चेकिंग की जाए तो वह भी यात्रियों के लिए आवागमन नहीं होते हैं सिर्फ सामान लोडिंग अनलोडिंग के लिए होते हैं । सिर्फ माल परिवहन के लिए होते हैं । फोटो मे जिले के पेटलावद क्षेत्र में लोडिंग वाहनों में यात्रियों ठूंस ठूंस कर भरा गया और यात्री वाहन के चारों तरफ लटके हुए भी नजर आ रहे हैं । जबकि नियम अनुसार इन वाहनों मे यात्रियों को परिवहन ही नहीं किया जा सकता है । लेकिन परिवहन विभाग की लापरवाही से जिले में बसों में और लोडिंग वाहनों में यात्रियों की ओवरलोडिंग बदस्तूर जारी हैं परिवहन विभाग के संरक्षण में यह ओवरलोडिंग की जा रही है.वही जबकि परिवहन विभाग लाइसेंस बनाने तक ही सीमित नजर आ रहा है । क्या शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देकर जिले में यात्रियों की ओवरलोडिंग की ओर ध्यान देकर कोई कार्यवाही करेगा या फिर यह सब यूं ही चलता रहेगा और यात्रियों की जान से खिलवाड़ होता रहेगा….?