रतलाम 04 सितम्बर 2021/ राज्य शासन द्वारा आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के तहत मरीजों को उनके जिले में ही चिकित्सा विशेषज्ञों की सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं का उन्नयन किया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि इन अस्पताओं में चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ आई.सी.यू, एच.डी.यू. वार्ड, आइसोलेशन वार्ड एवं डायग्नॉस्टिक्स सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जा रही है।
101 प्रकार की डायग्नॉस्टिक जाँच
अपर मुख्य सचिव श्री सुलेमान ने बताया कि जिला अस्पतालो में रेफरल को कम करने और जिले में ही संपूर्ण चिकित्सा उपलब्ध करने के उद्देश्य से प्रदेश के 48 जिला अस्पतालोएवं 9 सिविल हॉस्पिटल में वेट लीज रेंटल रीएजेंट मॉडल के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली हाई एंड टाइप की कुल 101 प्रकार की डाइग्नोस्टिक जाँच सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही है। आगामी 6 माह में शेष 4 जिलों में सुविधाएँ उपलब्ध करा दी जायेगी।
1068 चिकित्सकों को बनाया प्रभारी विशेषज्ञ
श्री सुलेमान ने बताया कि जिला अस्पतालो में विशेषज्ञों की सेवाएँ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विशेषज्ञों के पदों में वृद्धि हेतु कुल 1068 चिकित्सा अधिकारियों (विशेषज्ञ डिग्री/ डिप्लोमाधारी) को प्रभारी विशेषज्ञ बनाते हुये उनसे विशेषज्ञ का कार्य लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 25 प्रतिशत विशेषज्ञों के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती की कार्यवाही की जायेगी। इसके अतिरिक्त विशेषज्ञ की पूर्ति हेतु प्रदेश के जिला चिकित्सालयों में सी.पी.एस. का कोर्स संचालित किया जा रहा है तथा वर्ष 2021-22 में 4 जिलों में डी.एन.बी. का पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। उन्होंने बताया कि 50 प्रतिशत जिलों में सुविधाएँ दी जा रही है। शेष जिलों में आगामी 6 माह में सुविधाएँ सुचारू रूप से संचालित हो जायेगी।
11 हजार 184 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड्स
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्यश्री सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में 50 जिला अस्पतालो में कुल 585 बिस्तरीय क्रियाशील आई.सी.यू. तैयार किये गये है तथा 11 हजार 184 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड्स मरीजों के उपचार के लिए स्थापित किये गये है। उन्होंने बताया कि आगामी 6 माह नये आई.सी.यू बेड्स तथा 2887 नये ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड्स की स्थापना कर ली जायेगी।