झाबुआ

महंगाई के विरोध में भारतीय मजदूर संघ ने प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

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झाबुआ – बढ़ती हुई महंगाई और मूल्यवृद्धि एवं बेरोजगारी के विरोध में भारतीय मजदूर संघ ने 8 सूत्रीय मांगों को लेकर 9 सितंबर, को कलेक्ट्रेट परिसर में दोपहर 2:00 बजे जोरदार प्रदर्शन किया और कलेक्ट्रेट पहुंचकर माननीय प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी को सौंपा।
कोरोना महामारी के लगातार फैलने के बाद, औधोगिक गतिविधियों में गिरावट, आर्थिक कार्यकलापों के क्षरण और बढ़ती हुई बेरोजगारी व वेतन कटौती और अब आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी सामान्य जन को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। उपभोक्ता महंगाई आम जनता के साथ-साथ श्रमिकों / कर्मचारियों को विशेष तौर पर प्रभावित कर रही हैं विगत 18 माह से महंगाई दर 6% की सीमा पार कर चुकी हैं जबकि पिछले 5 वर्षों में महंगाई दर 3 से 5 प्रतिशत के बीच रही।
खाद्य पदार्थों एवं दवाइयों के मूल्यों में तीव्र वृद्धि ने जनता एवं श्रमिकों / कर्मचारियों का जीवन कठिन बना दिया है। अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में बढ़ोतरी के नाम पर देश में खाद्य तेलों की कीमतें बढ़ाई जा रही हैं सरकार को यह अनचाही आयातित महंगाई पर नियंत्रण करना चाहिए कंपनियां उपभोक्ताओं को लूटने के लिए कालाबाजारी करके मौके का अनुचित फायदा उठा रही हैं केंद्र सरकार द्वारा अति आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3 (1) में से खाद्य तेल तिलहन दलहन प्याज और आलू को मुक्त कर दिया गया । सरकार की भावना किसानों की मदद के लिए हो सकती है परंतु इसका लाभ सटोरियों और कालाबाजारियों ने उठाया और बाजार में इसकी कृत्रिम कमी करके उन्होंने इनके मूल्यों में अत्यधिक वृद्धि भी की है।
कच्चे तेल धातु आदि की कीमतों में बढ़ोतरी भी आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों की बढ़ोतरी का कारण है देश में भवन निर्माण सामग्री की तेजी से बढ़ती हुई कीमतों के कारण भवन निर्माण कार्य महंगा होता जा रहा है कंपनियां आपस में सांठगांठ करके कीमतों में कृत्रिम बढ़ोतरी करके लाभ कमाने का प्रयास कर रही हैं जिसे रोका जाना आवश्यक है धातुओं व अन्य आयातित वस्तुओं की बढ़ती हुई कीमतें लंबे समय तक चलने वाली उपभोक्ता वस्तुओं व रसायन वस्त्र उद्योग सहित देश के सभी उद्योगों में समस्याएं खड़ी कर रही हैं।
उपभोक्ता वस्तुओं की कीमत उत्पादन लागत से एक अनुपात में होनी चाहिए यह उपभोक्ताओं के संज्ञान मैं लाएगा की उत्पादनकर्ता द्वारा कितना लाभ कमाया जा रहा है अतएव,भारतीय मजदूर संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार से मांग करती है कि
1 उत्पादनकर्ता द्वारा प्रत्येक वस्तु की लागत मूल्य की घोषणा को अनिवार्य करने का कानून बनाकर इसे लागू किया जाए।
2 आवश्यक वस्तुओं एवं पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी पर नियंत्रण रखना।
3 पेट्रोलियम पदार्थों की प्रतिदिन कीमत निर्धारण पद्धति का समापन करना और पेट्रोलियम पदार्थों को जी.एस.टी. के दायरे में लाया जाए।
4 धातुओं एवं अन्य वस्तुओं की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी के छद्म बहाने द्वारा व्यक्तियों एवं कंपनियों का गैर वाजिब लाभ रोकना और इस तरह के मामलों में दोषी व्यक्तियों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्यवाही करना।
5 किसानों को पारिश्रमिक भुगतान द्वारा खाद्य पदार्थों के उत्पादन में बढ़ोतरी हेतु कदम उठाना।
6 खाद्य तेलों दालों एवं अन्य खाद्य पदार्थों के संदर्भ में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खाद्य पदार्थों के मूल्यों पर नियंत्रण आवश्यक है इस हेतु लंबी अवधि के लिए योजना बनाई जाए।
7 सार्वजनिक क्षेत्रों एवं निजी क्षेत्रों दोनों के श्रमिकों / कर्मचारियों के वेतन बढ़ाकर महंगाई की क्षतिपूर्ति हेतु कदम उठाना।
8 अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3 (1 ) में की गई उपरोक्त छूट को तुरंत वापस लिया जाए।
अतःआपसे विनम्र अनुरोध है कि केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा इस मूल्यवृद्धि महंगाई के खिलाफ प्रभावी कारवाही शीघ्र की जावे।जिला स्तरीय विभागों की समस्याओं को लेकर भी एक ज्ञापन कलेक्टर के नाम सोपा गया।
ज्ञापन सोंपने वालो में भारतीय मजदूर संघ के विभाग प्रमुख सौरभ पोरवाल, जिलाध्यक्ष मोहन प्रजापति,जिला मंत्री मेहरसिंह सोलंकी,जयंत बैरागी,प्रकाश पालीवाल,गोपाल कृष्ण शर्मा,राधू भाभोर,दिनेश देवाना,रामलाल डामोर,वेर सिंह भयडिया, चिन्दिया धाकडे, बेनि गेहलौर,प्रेमलता मोर्य, चंदा धाकडे, मीरा आदि अन्य कार्यकता उपस्थित थे।

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