झाबुआ

आदिवासी जिले में अवैध ईसाई प्रार्थनाघारों को लेकर जिले के आदिवासी संगठनों का बड़ा ऐलान

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दिनांक 9 सितंबर 2021 को स्थानीय गायत्री मंदिर में आदिवासी संगठनों एवं विश्व हिंदू परिषद धर्म प्रसार की जिला बैठक संपन्न हुई। 3 सूत्री मांगों जिसमें, अवैध इसाई प्रार्थना घरों को हटाए जाने, अनुसूचित क्षेत्र झाबुआ में शुक्रवार और रविवार को होने वाली ईसाई धर्म सभाएं बंद करने एवं 56 आदिवासी से ईसाई धर्म अपना चुके पादरियों को एसटी सूची से हटा कर ईसाई सूची में शामिल करने के महा अभियान के तारतम्य में यह बैठक आयोजित की गई।

संगठन प्रमुख कमल महाराज द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पिछले कई वर्षों में जिले के बहुसंख्यक आदिवासी समाज द्वारा उक्त विषयों पर अनेकों आवेदन एवं ज्ञापन दिए जा चुके हैं;जिनके उपरांत भी सरकार एवं प्रशासन द्वारा अनुसूचित क्षेत्र में धर्मांतरण ना रोके जाने एवं ईसाई मिशनरियों के प्रवेश निषेध संबंधित कोई कार्रवाई नहीं की गई।निर्णायक आंदोलन स्वरूप गत 27 अगस्त 2021 को कल्याणपुरा से आदिवासी समाज के सैकड़ों प्रतिनिधियों द्वारा अनुसूचित क्षेत्र से समस्त अवैध निर्माण स्वयं हटाए जाने की कारवाही प्रारंभ की गई थी। जिला प्रशासन द्वारा मौके पर पहुंचकर उक्त सभी विषयों को संज्ञान में लेते हुए एवं अनुसूचित क्षेत्र के प्रावधानों को दृष्टिगत रखते हुए निष्पक्ष रूप से कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया था, जिसे, तय समय सीमा से अधिक समय दिए जाने के उपरांत भी अंजाम नहीं दिया गया।
बैठक में विभिन्न आदिवासी संगठनों, विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल से जुड़े समाज प्रमुखों द्वारा ना सिर्फ सरकार एवं प्रशासन के उदासीन रवैया को लेकर अपना कड़ा आक्रोश व्यक्त किया गया बल्कि झूठे आश्वासनों के चलते,भोले भाले आदिवासी समाज की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किए जाने की बात कही गई।


आदिवासी समाज सुधारक संघ के संरक्षक आजाद प्रेम सिंह डामोर द्वारा जोर देते हुए इस बात को कहा गया की मूल आदिवासी रीती-रिवाजों एवं परंपराओं का सर्वनाश कर रहे आदिवासियों के धर्मांतरण एवं अनुसूचित क्षेत्र में ईसाई मिशनरियां पर प्रतिबंध लगाना ही आदिवासियों की विशेष संस्कृति को बचाने का एक मात्र विकल्प है जिसके लिए संविधान ने आदिवासियों को विशेष अधिकार दिए हैं।
लेकिन जब मूल आदिवासी संविधान द्वारा प्रदत्त अपने मौलिक अधिकारों के चलते अपनी आदिवासी संस्कृति बचाने के लिए कानूनी रास्ता अपना रहे हैं तब भी उनके साथ भारतीय जनता पार्टी की सरकार एवं प्रशासन द्वारा लगातार धोखेबाजी की जा रही है। आदिवासी संगठन अध्यक्ष रमेश निनामा द्वारा सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस सरकार में काली देवी की घटना का जिक्र किया गया, जिसमें आदिवासी के घर में बाइबल और धर्मांतरण का सामान लेकर ईसाई मिशनरी रंगे हाथों पकड़े गए थे,लेकिन बावजूद इसके कांग्रेस सरकार में जिला पुलिस द्वारा एक भी आरोपी पर कार्रवाई नहीं कर के सभी ईसाई मिशनरियों को छोड़ दिया गया।रमेश निनामा द्वारा बताया गया कि उस समय भी थाना प्रभारी अशफाक खान द्वारा आरोपियों पर f.i.r. करने का झूठा आश्वासन कार्यकर्ताओं को दिया गया।



बैठक का निष्कर्ष

बैठक में उपस्थित संगठन प्रमुखों द्वारा संयुक्त रुप से दिनांक 26 सितंबर 2021 रविवार को पुनः अपने द्वारा की जा रही कार्रवाई को यथावत प्रारंभ किए जाने की बात कही गई।
पूर्व में आदिवासी समाज एवं संगठनों द्वारा सरकार एवं प्रशासन पर विश्वास करना अपनी गलती मानते हुए आगामी 26 सितंबर 2021 से अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासियों को प्राप्त संवैधानिक अधिकारों का उपयोग करते हुए जिले भर के अवैध प्रार्थना घरों को हटाने की कार्रवाई स्वयं की जाएगी।अभियान में इस बार हजारों की तादात में आदिवासी समाज के शामिल होने की बात संगठन संरक्षक प्रेम सिंह डावर द्वारा बताई गई।
बैठक में जिले के सुदूर क्षेत्रों से उपस्थित आदिवासी महाराजों द्वारा भारतीय जनता पार्टी की सरकार को भी आड़े हाथों लिया गया एवं आदिवासी संस्कृति के संरक्षण की इस लड़ाई में आदिवासियों के साथ छल करने एवं गैर कानूनी गतिविधियों को ना रोकने पर प्रशासन समेत भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी के पुतले दहन करने का आह्वान भी किया गया।
इस संबंध में संगठन द्वारा विधायक कांतिलाल भूरिया से भी विशेष भेंट करने एवं निष्पक्ष रूप से बहुसंख्यक आदिवासी समाज के अधिकारों का संरक्षण करने की बात भी कही गई।

ब्यूरो प्रादेशिक जन समाचार

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