झाबुआ

झाबुआ जिला बना अवेध कारोबार का गड्ड प्रशासन बेठा आँखें मूंद कर

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साहेब एक नजर इधर भी  जनता सब जानती  है
मनोज अरोरा
मोबाइल नंबर 9425101077
निरंतर बायो  डीजल  2

झाबुआ। आदिवासी  बाहुल्य जिला झाबुआ को इन दिनों अवैध कारोबार अवैध कारोबार की राजधानी कहे तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी। क्योंकि यहाँ हर वो अवैध कारोबार होता है। जिसकी सरकार मंजूरी नही देती। फिर भी यहाँ अवैध कारोबार का चलना कही न कही प्रशासनिक अमले पर प्रश्न चिन्ह लगती है। आखिर क्यों सब कुछ सामने है फिर कारवाई नही होना?

गुजरात राजस्थान दो राज्यों से झाबुआ जिले में  न
कोई आदेश या फिर यूं कहें बिना कोई लाइसेंस के इन झाबुआ जिला इन राज्यों से आये अवैध कारोबारियों के लिए शरण स्थली बन चुकी है।    इसका मुख्य कारण है  अशिक्षा ओ अज्ञानता।  आप देख लीजिए  जिले में बायो डीजल के अवैध कारोबार को जो दिन ब दिन फलता फूलता जा रहा है। जिसकी जिला प्रशासन को पूरी पूरी जानकारी है। फिर भी इस ओर ध्यान न देने को हम क्या कह सकते है।  सोचिए अगर   आम आदमी सरकारी जमीन पर अपने ओर अपने परिवार का सर ढकने के लिए छत बनाता है तो प्रशासनिक अमला तुरंत जाकर करवाई करने के साथ साथ उस मकान को ध्वस्त कर देता है। परंतु सरकारी जमीन पर जो अवैध बायोडीजल चल रहे जिनके पास न कोई परमिशन है और माही कोई दस्तावेज फिर भी  बेख़ौफ़ होकर रातोंरात बायो डीजल पम्प संचालिका है रहे उसे जिला प्रशासन देख पर भी अनदेखा कर रहे है।
हाल ही में पीलिया खदान, झाबुआ नेशनल हाइवे 47 गिट्टी मशीन के
पास एक ढाबे के पीछे, गुजरात पासिंग टैंकर  लगा कर जनरेटर  से खुलेआम  बायो डीजल  के नाम  पर  केमिकल  बेचा जा  रहा  है अवैध  बायो  डीजल  के व्यापारी  को सरकार  को भय  नहीं है  क्यों  की वह व्यापारी  सरकारी  मुलाजिमों  की जेब  गर्म  कर आता  है झाबुआ  के निकट  मात्र  9 किलोमीटर  की दुरी  पर  जिला अधिकारिओ  का प्रतिदिन  निकलना  होता  है अगर  कोई  आदिवासी पांच  किलो  महुआ  की शराब  बनता है  तो  पुलिस  उस पर केस  बनाती बनाती  है  तो अवैध  बायो  डीजल  व्यपारियो  पर केस दर्ज  करने  पर प्रशासन क्यों  कन्नी काट रही है।

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