झाबुआ – झाबुआ जिले में अब लगता है मानो धीरे-धीरे गुंडों असामाजिक तत्व और दलालों का बोल बाला नजर आ रहा है जहा शिकायत के बाद भी पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई करने के बजाय मामले को ठंडे बस्ते में रखा जा रहा है जिससे इन अवैध माफियाओं के हौसले बढ़ते जा रहे हैं झाबुआ जिले में पिटोल बैरियर पर नितिन द्वारा लाखों रुपए अवैध रूप से उगाई के रूप में लूटे जा रहे हैं जिसकी शिकायत के बाद भी प्रशासन मौन है…?
गुजरात राज्य से सटे हुए और मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के पिटोल बैरियर पर गुंडा तत्वों और दलालों का बोलबाला नजर आ रहा है जहां दलाल नितिन और उसके साथी द्वारा अवैध रूप से वाहन चालको से अवैध उगाही की जा रही है और बैरियर पर गुजरने के लिए एंट्री के नाम पर सैकड़ों या हजारों वाहनों से रोजाना प्रतिदिन करीब 1000 से लेकर 2000 रुपए तक प्रति वाहन चालको से उगाही के नाम पर लूटे जा रहे हैं । जब वाहन चालकों द्वारा एंट्री का विरोध किया जाता है तो उन्हें इस गुंडे द्वारा डराया ,धमकाया जाता है और कार्यवाही के नाम पर पूरे दिन भर इस बेरियर पर खड़ा रखा जाता है । तब यही छोटे और बड़े वाहन चालक इस उगाई से परेशान होकर भाजपा की सरकार को कोसते हुए जाते हैं । कई बार वाहन चालक इसलिए शिकायत नहीं करते , क्योंकि उन्हें बार-बार इस रास्ते से आना और जाना रहता है तो गुंडों से उलझना भी उचित नहीं समझते । इसके अलावा इस दलाल द्वारा अवैध शराब परिवहन को लेकर भी वाहनों को बेरियर से गुजरने के लिए इस दलाल व माफिया द्वारा मासिक रूप से बंदी भी ली जा रही है जो करीब ₹1 लाख के आसपास है । क्योंकि गुजरात प्रदेश में शराब प्रतिबंधित है और इसी का फायदा यह दलाल उठा रहा है । इसके बाद गुजरात राज्य से अनेक ट्रक बिना बिल का माल लेकर मध्यप्रदेश की ओर रोजाना आ रहे हैं और कुछ ट्रकों में माल के अनुरूप में 20% बिल ही होता है जिसको पासिंग को लेकर इस दलाल द्वारा उगाही की जाती है । जिससे शासन को रोजाना लाखों रुपए का राजस्व का नुकसान हो रहा है और यह दलाल इसकी आड़ में अपनी जेबे गर्म कर रहा है । इसके अलावा जिस्मफरोशी के धंधे से भी हजारों रुपए की कमाई प्रतिमाह की जा रही हैं गुजरात राज्य से.अनेक महिलाओं को लाकर पिटोल के अनेक क्षेत्रों में व फुलमाल , झाबुआ आदि क्षेत्रों मे जिस्मफरोशी का व्यापार करवाया जा रहा है और दलाली के रूप में भी महीने में हजारों रुपए भी कमाये जा रहे हैं । इस तरह इस दलाल द्वारा पिटोल बैरियर पर रहकर अवैध उगाही, अवैध शराब परिवहन , अवैध धंधो.से आदि अनेक स्रोतों से करीब 10 लाख से अधिक की आय निजी तौर पर अर्जित की जा रही है या यूं कहें कि अवैध उगाही कर लूटी जा रही है । अब तो ऐसा लगने लगा है कि मोदी के देश में और शिवराज के प्रदेश में दलालों और माफियाओं को संरक्षण दिया जा रहा है फिर यूं कहें कि बचाया जा रहा है आखिर क्या कारण है कि जिला प्रशासन द्वारा इस तरह के अवैध हमलावर और दलाल पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है सबसे बड़ी बात जिला प्रशासन को इसकी जानकारी होने के बाद भी इस तरह के दलालों को रोकने के बजाय संरक्षण देना कहीं ना कहीं असामाजिक तत्व को बल देने के बराबर है । शासन प्रशासन को चाहिए कि इस ओर ध्यान देकर इस तरह के दलालों को पर नियमानुसार कार्रवाई की जाना चाहिए जिससे लोगों में भाजपा की सरकार के खिलाफ असंतोष ना हो ।