झाबुआ

पिटोल में बढ़ती गुंडागर्दी और झाबुआ में बढ़ती चोरी की वारदातें…. पुलिस की निष्क्रियता से असामाजिक तत्व हुए सक्रिय…

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झाबुआ -.जिले में धीरे-धीरे असामाजिक तत्व ,गुंडागर्दी और चोरी की वारदातें बढ़ती जा रही है समय रहते इन पर कार्रवाई ना होने से असामाजिक तत्वों के हौसले बढ़ते हैं जा रहे हैं । गुंडागर्दी ,दादागिरी की लिखित व मौखिक शिकायत करने के एक माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की । वहीं शहर में एक के बाद एक चोरी की वारदातें भी बढ़ती जा रही हैं जिससे शहरवासियो मे डर व भय हैं ।

झाबुआ शहर के वार्ड नंबर 13 व पुलिस लाइन के पास माधोपूरा क्षेत्र में निरंतर चोर सक्रिय रूप से नजर आ रहे हैं माधोपूरा क्षेत्र के निवासीयो ने बताया,. करीब चार-पांच दिन से रोजाना चोर रोजाना आ रहे हैं और चोरी करने का प्रयास भी कर रहे हैं और कुछ हद तक सफल भी हुए हैं । वार्ड वासियों का कहना है कि वर्तमान मे मक्का की फसल अभी लहरा रही है और इसी की आड़ में आकर चोर छुप जाते हैं और रात 12:00 बजे के बाद अपनी सक्रियता दिखाते हैं । वार्ड वासियों ने यह बताया कि विगत 2 दिन पूर्व एक घर में चोरों ने घर की खिड़की को तोड़ते हुए प्रवेश किया और वहां पर बकरियों को छुड़ाकर ले गए । साथ ही कुछ राशि नगदी भी ले गए । इसके अलावा एक अन्य घर पर भी घर के पतरे खोलने का प्रयास किया गया । इसके अलावा एक और अन्य घर पर को टारगेट कर चोरी की प्लानिंग कर रहे थे लेकिन लोगों की जागरूकता के कारण उन्हें भागना पड़ा । इसके अलावा वार्ड वासियों ने यह भी बताया कि जब किसी घर पर टारगेट कर चोरी करने आते हैं तो आसपास के सभी सभी घरों के सांकल को बाहर से लगा देते हैं जिससे लोगों के जागने पर एकदम उनका घेराव ना हो सके और वे भागने में सफल हो सके । इस प्रकार माधोपूरा क्षेत्र में धीरे-धीरे चोरों की सक्रियता से लोगों में डर व भय बढ़ता जा रहा है सभी रात भर जाग कर अपने घरों की सुरक्षा में लगे हुए हैं और डरे हुए हैं और कई लोग सहमे हुए हैं कि कही उनके घर पर चोरी न हो जाए । झाबुआ पुलिस को चोरों की की सक्रियता की सूचना दे दी गई हैं । लेकिन अब तक चोरों की सक्रियता थमी.नहीं है । कहीं ना कहीं पुलिस की निष्क्रियता के कारण चोर की सक्रियता बढ़ती जा रही है ।

वही झाबुआ जिले के पिटोल क्षेत्र में गुंडागर्दी और दादागिरी बढ़ती जा रही है विगत दिनों ही दो युवकों पर हुए प्राणघातक हमले को लेकर एक लिखित और मौखिक शिकायत पुलिस अधीक्षक को भी की गई। लेकिन एक माह के बाद भी जांच तक ही.सीमित हैं । शिकायत के बाद भी कार्रवाई ना होने पर असामाजिक तत्वों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं और गुंडागर्दी और दादागिरी भी बढ़ती जा रही है जिससे लोगों में वर्तमान में सरकार के प्रति असंतोष बढ़ता जा रहा है । अब तो चर्चा चौराहों पर होने लगी हैं कि बीजेपी के शासन काल मे गुंडागर्दी और दादागिरी जोर-शोर से चल रही है । इस तरह की चर्चाओं का असर आने वाले चुनावों पर भी होता है जैसा कि संभवत अगले वर्ष नगर पालिका चुनाव । क्या कारण है कि विगत दिनो शिकायती आवेदन पर भी अब तक पुलिस जांच पर ही सीमित है …क्यों हमलावर पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है…..? क्या पुलिस किसी घटना के घटित होने का इंतजार कर रही है या फिर असामाजिक तत्वों को संरक्षण दे रही है यह जांच का विषय है…..?

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