झाबुआ

3 महिनों करीब होने को है….! बैंक से लुटे रूपये के आरोपी आज भी पुलिस की गिरफत से बाहर क्यों?

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एक नजर इधर भी साहेब

जनता सब जानती है

मनोज अरोरा

मोबाईल नंबर 9425101077

झाबुआ –बहुचर्चित दिन दहाडे हुई लुट के आरोपी आज भी पुलिस की गिरफतर से बाहर है आखिर क्यों? मामला है जिला सहकारी मर्यादित बैंक (पीली कोठी) में दिनांक 29 जुन 2021 को बैंक कर्मी रोहित व साथी लक्ष्मणसिंह रूपयों से भरा बैंग लेकर बैंक राषि जमा करने पहुंचे थे। करीब 03 बजकर 12 मिनीट का समय था। बैक में भारी भीड थी और रूपयों से भरा बैंग लेकर फरियादी लक्ष्मणसिंह बैठा था और फरियादी रोहित बाथरूम करने के लिए चला गया था और उसी समय लक्ष्मणसिंह टेबल पर बैग रख बैक में लगी भीड को हटाने में चला गया। जब दोनों अंदर पहुंचे तो रूपयों से भरा बैंग टेबल पर नही था दोनों ने मिल कर बैग की काफी तलाषी की मगर बैंग नही मिला। जब सीसी टीवी चेक किये तो पता चला कोई अज्ञात बदमाष बैग लेकर फरार हो गया और मामला झाबुआ कोतवाली में अपरराध क्रमांक 633/2021 धारा 379 भादवी का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
गलती तो सोसायटी कर्मी की थी जो रूपयों से भरा बैंग सुना छोड कर चला गया। मगर होनी को कौन टाल सकता है। लेकिन ये बात तो पक्की है कि अपराधियों को ये तो पता चला गया था झाबुआ पुलिस की कार्यप्रणाली ढुलमुल वाली है। तो उन्होने अपराध करने का प्लान कुछ ही देर में बना लिय और पुलिस जब तक हरकत में आती तब तक बैंक लुटेरे अपना काम कर के वापस जिले की सीमा से बाहर हो गए। जब पुलिस ने तत्परता दिखाई और सीसी टीवी के फुटेज देते तो पता चला की राजवाडा से बस स्टेंड जोने हेतु लुटेरो ने 40 रूपए देकर एक आॅटो भाडे पर लिया और फिर एक कार एमपी 04 ईए 7830 कार से रफुु चक्कर हो गये।
ऐसी वारदात करने का “Modus Operandi” कहा जाता है। इस तरह की वारदात जिला राजगढ ब्यावरा तरफ के लोग बडी आसानी से करते है। जब इस संबंध में पता चला कि जिला राजगढ व्याबरा के थाना बोडा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कडिया सांसी क्षेत्र के लोगो के गिरोह बैंक में जाकर पीडितों का ध्यान किसी बहाने से हटा देते है व उनका रूप्यों से भरा बैग लेकर धीे से रफुचक्कर हो जाते है।
लेकिन जनता के मन में यह प्रष्न बार बार आ रहा है कि पुलिस डवकने व्चमतंदकप करने वाली गैंग का फोटो इंस्टाग्राम प्रोफाइल से लेकर अपराधियों के गांव तक और गांव से घर तक पुलिस पहुंच गई और पुलिस के अबाये अनुसार घर से सारे लोग फरार हो गये और घर की तलाषी लेने पर किसी के घर में रूपयों से भरा बैंग जिसमें 8 लाख 20 हजार मिले।
मगर सवाल ये है पुलिस के पास सारे सबुत होने के बावजुद भी अपराधियों को पकडने में नाकाम हुई और कोई घर में ऐसे पैसों से भरा बैग कैसे छोड सकता है? अपराधियों को पकडने का ईनाम भी पुलिस अधीक्षक 10-10 हजार घोषित किया मगर पुलिस क्यों नाकाम हुई ये प्रष्न जनता के मन में अभी चल रहा है? कि पुलिस अपराधियों तक भी पहुंच गई और पुलिस अधीक्षक से ईनाम भी ले लिया और अपराधी आज भी पुलिस की गिरफत से बाहर है।

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