झाबुआ

मोनिका नितेश कोठारी का मासक्षमण तप (31 उपवास) 3 अक्टूंबर को पूर्ण , 4 को पारणा…।

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झाबुआ – जैन धर्म में कर्मो की निर्जरा के लिए तप का विशेष महत्व है। चातुर्मास के दौरान जैन समाज में जप , तप का क्रम निरंतर जारी है इसी कड़ी में गुरुदेव श्री राजेंद्र सूरीश्वरजी म.सा व आचार्य श्री ऋषभचंद्र सुरीश्वरजी म.सा की दिव्य कृपा से तेजप्रकाश न्यायसिंधु जी कोठारी परिवार की लाडली बहू मोनिका नितेश कोठारी ने मासक्षमण तप (31 उपवास) की कठोर तपस्या कर परिवार को गौरवान्वित किया । मोनिका का मासक्षमण तप 3 अक्टूबर को पूर्ण होगा और 4 तारीख को पारणा होगा । परिवार जन ने इस कठोर तपस्या की खुशी में मासक्षमण तप पूर्णाहुति हेतु त्रिदिवसीय जिनेंद्र भक्ति महोत्सव का आयोजन भी रखा है ।

मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक जैनाचार्य प.पू. गच्छाधिपति श्री ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा.के आज्ञानुवर्ती शिष्य प.पू. मुनिराज श्री रजतचंद्र‌ विजयजी म.सा. व पू.मुनि श्री‌जीतचंद्र विजयजी म.सा.ठाणा-2 के सानिध्य में झाबुआ जैन समाज में तप आराधना का दौर लगातार जारी है इसी क्रम जैन समाज के श्रद्धानिष्ठ सुश्रावक तेजप्रकाश न्यायसिंधु जी कोठारी परिवार की लाडली बहू श्रीमती मोनिका नितेश कोठारी ने मासक्षमण जैसी उत्कृष्ट एवं कठिन तप (31 उपवास) अब पूर्णता की ओर है । मोनीका ने 3 सितंबर को अपना तप प्रारंभ किया और 3 अक्टूबर को पूर्ण होगा और 4 तारीख को पारणा होगा । छ: भाइयों के परिवार में यह पहली बड़ी तपस्या है । वही झाबुआ नगर के चातुर्मास इतिहास में तीन मासक्षमण तप का पहला मौका है जो एक विशेष उपलब्धि है । गुरु मुख से निरंतर ओजस्वी तात्विक जिनवाणी सुनकर श्रीमती मोनिका कोठारी को तपस्या करने का भाव उदित हुआ । इस वर्षवास में महामृत्युंजय मासक्षमण तप जैसी कठिन आराधना करने का सहयोग प्राप्त हुआ । सर्वप्रथम तपस्वी मोनिका कोठारी ने 8 उपवास (अठाई तप ) करने के मनोबल से तप प्रारंभ किया , फिर आगे बढ़ते हुए 16 उपवास की तप आराधना करने का भाव किया और फिर निरंतर आगे बढ़ते हुए अपने मासक्षमण तप को पूर्ण करने का मन बनाया और 3 तारीख को यह मासक्षमण तप पूण होगा । स्वभाव से ही बहुत ही सरल , सुशील व हंसमुख मोनिका कोठारी ने पूर्व में भी बेले , तैले की तपस्या भी की है साथ ही पूर्व में भी कई उपवास ,आयंबिल तप, एकासन, बीयासन तप आदि भी किए हैं । वही करीब 5 वर्षों से जमीकंद के भी त्याग किए हुए हैं । वही दैनिक जीवन शैली में रोजाना मंदिर दर्शन करने जाना , पूजा पाठ करना , चातुर्मास के दौरान शहर में उपस्थित साधु भगवंतो के दर्शन करना उनकी दैनिक जीवन शैली का हिस्सा भी है । तपस्वी मोनिका की कठिन तप पूर्णाहूति पर संपूर्ण परिवार में खुशी का माहौल हैं और संपूर्ण परिवार अपने आपको गौरवान्वित भी महसूस कर रहा है । और इसी खुशी में व तप अनुमोदना के उपलक्ष्य मे कोठारी परिवार ने त्रिदिवसीय जिनेंद्र भक्ति महोत्सव का आयोजन 2 ,3 व 4 अक्टूबर को आयोजित किया है ।

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