झाबुआ, 29 अक्टूबर 2021। जिले मे यूरिया खाद की आपूर्ति मांग अनुसार लगातार करवाई जा रही है। जिला कलेक्टर श्री सोमेश मिश्रा के निर्देशन मे राजस्व एवं कृषि विभाग के अमले द्वारा उर्वरको की उपलब्धता एवं वितरण की लगातार समीक्षा की जा रही है।
उप संचालक कृषि नगीनसिंह रावत ने बताया वर्तमान मे जिले मे यूरिया 7316 मिट्रिक टन, डी.ए.पी. 2200 मिट्रिक टन, एन.पी.के. 1174 मिट्रिक टन, एम.ओ.पी. 309 मिट्रिक टन, एवं एस.एस.पी. 1846 मिट्रिक टन, उपलब्ध है, जिसका डबललॉक, सहकारी समितियों एवं निजी विक्रेताओ के माध्यम से वितरण करवाया जा रहा है। जिले मे रबी 2021 हेतु पर्याप्त मात्रा मे उर्वरक उपलब्ध है।
किसान भाई अपनी आवश्यकता के अनुसार उर्वरक क्रय कर सुरक्षित स्टॉक कर लेवें उप संचालक कृषि , जिला झाबुआ ने कृषकों से आग्रह किया है कि जिले मे उर्वरको की आपूर्ति सतत् एवं सुचारू रूप से हो रही है। कृषक अपनी आवश्यकतानुसार उर्वरक नगद/परमिट पर प्राप्त कर भण्डारित कर लेवें ताकि असुविधा से बच सके। रबी फसलो में जैविक उर्वरको के उपयोग हेतु निम्नानुसार अनुशंसा की जाती है। दलहनी फसलो जैसे चना, मटर, एवं मसूर, मे बुआई के समय जैविक कल्चर जैसे राईजेबियम का प्रयोग हेतु 30 किलो चना बीज पर गुड मिला पानी छिडक कर 150 ग्राम राईजोबियम कल्चर से उपचारित कर छाया मे सुखा कर बीज की बुआई करना चाहिये। अनाज वाली फसले जैसे मक्का, गेहूं एवं जौ, मे बुआई के समय जैविक कल्चर जैसे एजेटोबेक्टर से बीजो का उपचारित कर करना चाहिये। 40 किलो गेहूं बीज पर गुड मिला पानी छिडक कर 300 ग्राम एजेटोबेक्टर कल्चर से उपचारित कर छाया मे सुखा कर बीज की बुआई करना चाहिये। जमीन मे उपलब्ध फॉस्फोरस को घुलनशील बनाने के लिये जैविक कल्चर जैसे पी.एस.बी. का उपयोग करना चाहिये। एक एकड हेतु 1200 ग्राम जैव उर्वरक को गोबर की अच्छी सडी खाद 50 किलो मे मिला कर खेत मे फैला कर देना चाहिये। उपरोक्त जैविक उर्वरको के उपयोग के तरीको से खेत मे जिवांश तत्व की मात्रा बढ कर फसलो की उपज मे 10 से 15 प्रतिशत तक की बढोत्तरी तक प्राप्त की जा सकती है।