झाबुआ

प्रोडक्शन के साथ पैकेजिंग और मार्केटिंग पर भी ध्यान दें- कलेक्टर श्री पुरुषोत्तम

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कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य पालन, पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश

रतलाम 30 अक्टूबर 2021/  कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम ने निर्देश दिए हैं कि हितग्राही मूलक योजनाओं में हितग्राहियों को शासन की योजनाओं का लाभ मिलेउनका प्रोडक्शन बढ़े। उसके साथ ही उनके लिए मार्केट भी उपलब्ध करवाएं। उत्पाद की पैकेजिंग पर भी ध्यान दें तभी योजना कारगर होगी । अधिकारी यदि इन सब पर ध्यान नहीं देंगे तो योजना का ठीक से क्रियान्वयन नहीं हो सकेगा और इसके लिए वे स्वयं जिम्मेदार होंगे। जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्रीमती जमुना भिड़े एवं संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

 कलेक्टर ने मत्स्य पालन विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि फिशरीज को किसानों की आय का वैकल्पिक स्त्रोत बनाएं। इस विभाग की योजनाओं के माध्यम से न सिर्फ किसानों का बल्कि अन्य व्यवसायियों का भी जीवन स्तर सुधारा जा सकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत बायो फ्लॉक की स्थापनाकैब कल्चर की स्थापनास्वयं की भूमि में नवीन तालाब निर्माण योजना की समीक्षा करते हुए सभी के लिए हितग्राहियों का चयन 20 नवंबर तक करने के निर्देश दिए।  उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन के माध्यम से महिला समूह को भी सशक्त बनाया जा सकता है। इसके साथ ही जिन क्षेत्रों में मत्स्य पालन बेहतर हो रहा है वहां पर अच्छे फिश मार्केट स्थापना का कार्य भी किया जा सकता है। इस पर भी ध्यान दें। उन्होंने कहा कि हितग्राहियों के चयन में सभी विभाग एक दूसरे का सहयोग करें । शासन की योजना किसी एक विभाग की नहीं होती उसके माध्यम से प्रत्येक विभाग अपने हितग्राहियों को दूसरे विभाग की योजनाओं से जोड़ सकता है।

गौशालाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाएं

पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान कलेक्टर श्री पुरुषोत्तम ने कहा कि हितग्राही मूलक योजनाओं में रुचि वाले किसानों को जोड़ें ।इससे वे बेहतर कार्य करेंगे और स्थानीय अन्य लोगों को भी रोजगार प्राप्त होगा। उन्होंने बकरा पालनमुर्गी पालन योजनाओं में भी अच्छे हितग्राहियों का चयन करने पर जोर दिया। कलेक्टर ने कहा कि हितग्राहियों के लिए मार्केट उपलब्ध करवाना विभाग की जिम्मेदारी है । यदि उन्हें अच्छा मार्केट मिलेगा तो वे प्रोत्साहित होंगे और अपने उत्पादों को बेहतर तरीके से बेच सकेंगे। उन्होंने जिले की गौशालाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि गौशालाओं में गो संपदा की रक्षा एवं सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए।

ऑर्गेनिक ब्रांड को मार्केट तक पहुंचाएं

कलेक्टर श्री पुरुषोत्तम ने उद्यानिकी विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि उत्पादन बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा प्रयास किए जाते हैं मगर उत्पादों को बेचने के लिए किसानों को मार्केट उपलब्ध नहीं करवाया जाता। इससे उन्हें पर्याप्त आए नहीं हो पाती। इसलिए ज़रूरी है कि उनके विक्रय पर भी ध्यान दिया जाए । श्री पुरुषोत्तम ने कहा कि ऑर्गेनिक ब्रांड को मार्केट तक पहुंचाने के लिए विशेष प्रयास करें ।खासतौर से जैविक रूप से उत्पादित की जा रही सब्जियों की अच्छी मार्केटिंग की जा सकती है। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर ऑनलाइन मार्केटिंग ऑर्गेनिक ब्रांड की करने के लिए भी प्रयास किए जाएं।

खाद की उपलब्धता बनाए रखें

कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान कलेक्टर पुरुषोत्तम ने निर्देश दिए कि जिले में उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित रखें। उर्वरक की आवश्यकता होने पर तत्काल डिमांड करें । खाद के लिए किसी किसान को परेशान नहीं होना पड़े यह देखें।

कलेक्टर श्री पुरुषोत्तम ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि वे एक दूसरे के समन्वय से कार्य करें। हितग्राहियों के चयन में भी एक दूसरे का सहयोग करें। अच्छे हितग्राही चयनित होंगे तो योजनाओं का ठीक से क्रियान्वयन भी होगा और क्षेत्र के अन्य लोगों को भी अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने यह निर्देश भी दिए की एक माह पश्चात पुनः सभी विभागों की प्रगति की समीक्षा की जाएगीइससे सही स्थिति सामने आ सकेगी। बैठक में मौजूद मैदानी अमले को निर्देशित करते हुए कलेक्टर ने कहा कि अपने-अपने क्षेत्र में विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ ही अन्य विभागों से जुड़ी योजनाओं पर भी ध्यान दें । उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वर्तमान में वैक्सीनेशन का सेकंड डोज कई स्थानों पर ड्यू चल रहा है । सभी विभाग अपनी हितग्राहीमूलक योजनाओं में हितग्राहियों के आने पर उनसे वैक्सीनेशन की अपील अवश्य करें ।साथ ही यह भी देखें कि वैक्सीनेशन हुआ है या नहीं। यदि हितग्राहियों ने वैक्सीनेशन नहीं करवाया है तो उन्हें वैक्सीनेशन करवाने के लिए प्रेरित करें।

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