झाबुआ

जीवन में सफलता के लिए हमें अणुव्रतो को अपनाना चाहिए.:- सांसद जी.एस.डामोर

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झाबुआ – आध्यात्म के शिखर पुरूष, अणुव्रत अनुशास्ता, युगद्रष्टा गणाधिपति पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री तुलसी जी का 108 वें जन्म दिवस (अणुव्रत दिवस) पेटलावद तेरापंथ सभा भवन पर आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य श्री वर्धमान मुनि व श्री राहुल मुनि के सानिध्य में मनाया गया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर क्षेत्र के सांसद जी एस डामोर उपस्थित थे । सांसद जी एस डामोर ने दोनों मुनि श्री के चरणो में वंदना कर, धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि, गणाधिपति आचार्य श्री तुलसी जी महान आचार्य थे। उनके जन्मदिवस पर उन्हें वंदन नमन करता हूं, आज हमें उनके बताए हुए आदर्शों पर चलना चाहिए। जीवन में सफलता के लिए हमें अणुव्रतों को अपनाना चाहिए जो कि इस प्रकार है,
अहिंसा – जीवों की स्थूल हिंसा के त्याग को अहिंसा कहते हैं।
सत्य – राग-द्वेष-युक्त स्थूल असत्य भाषण के त्याग को सत्य कहते हैं।
अचौर्य – बुरे इरादे से स्थूल रूप से दूसरे की वस्तु अपहरण करने के त्याग को अचौर्य कहते हैं।
ब्रह्मचर्य – पर स्त्री का त्याग कर अपनी स्त्री में संतोषभाव रखने को ‘ब्रह्मचर्य’ कहते हैं।
अपरिग्रह – धन, धान्य आदि वस्तुओं में इच्छा का परिमाण रखते हुए परिग्रह के त्याग को अपरिहार्य कहते हैं।
अहिंसा और मैत्री की भावना का हर स्तर पर विकास कर हम एक सुन्दर विश्व का निर्माण कर सकते हैं। महात्मा गांधी ने अहिंसा की ताकत से पूरे विश्व को परिचित कराया था।

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