झाबुआ

बिरसा मुंडा में भारत के प्रति वो महान समर्पणता और निष्ठा थी, जिसके लिए संपूर्ण देश ने उन्हें आज भगवान की उपाधि दी है -ः जिला सह-कार्यवाह कैलाश मालीवाड़

Published

on


भगवान बिरसा मुंडाजी की 146वीं जयंती पर वनवासी कल्याण परिषद् ने शहर के ह्रदय स्थल राजवाड़ा पर किया सभा का आयोजन, शोभायात्रा मे युवाओ ने केसरिया ध्वज के साथ लगाए जयकारे…..


झाबुआ। जनजाति समाज के गौरव कहे जाने वाले भगवान बिरसा मुंडाजी की 146वीं जयंती 15 नवंबर, सोमवार को दोपहर जिला मुख्यालय झाबुआ पर वनवासी कल्याण परिषद् नगर इकाई द्वारा मनाई गई। जिसमें सर्वप्रथम शहर के ह्रदय स्थल राजवाड़ा पर भव्य सभा का आयोजन किया गया। जिसमें उपस्थित परिषद् के विद्वान वक्ताओं एवं संतजनों ने बिरसा मुंडाजी के बाल्याकाल से लेकर युवा अवस्था तक के भारत की अस्मिता बरकरार रखने के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद करनते हुए उन्हे आज के विशेष दिवस पर नमन किया गया। बाद यहां से भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें केसरिया ध्वज लेकर युवाओं ने नृत्य करते हुए बिरसा मुंडाजी के जयकारे लगाए। समापन पर बस स्टैड पर क्रांतिकारी टंट्या भील की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।
प्रारंभ में वनवासी कल्याण परिषद् एवं जनजाति विकास मंच से जुड़े समस्त पदाधिकारी-सदस्यों के साथ युवाजन और वनवासी कल्याण आश्रम में अध्ययनरत छात्रों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर इस कार्यक्रम को भव्य बनाया। बाद आयोजित कार्यक्रम में अतिथि केे रूप में वनवासी कल्याण परिषद् के जिला सह-कार्यवाह कैलाश मालीवाड़, धर्म जागरण मंच से ग्राम कालापीपल से पधारे मंगू भूरिया, वनवासी कल्याण परिषद् के जागरण प्रमुख सागरभाई बिलवाल के साथ संत श्री जोसाजी महाराज हत्याहेदली एवं वरिष्ठ समाजसेवी यशवंत भंडारी ने भगवान बिरसा मुंडाजी की आदमकद तस्वीर पर माल्यार्पण कर सभी ने बिरसा मुंडा अमर रहे … अमर रहे … के जयघोष लगाए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए वनवासी कल्याण परिषद् के झाबुआ नगर इकाई अध्यक्ष मनोज अरोरा ने सभी अतिथियों का परिचय करवाया। बाद उन्हे उद्बोधन हेतु आमंत्रित किया।


बिरसा मुंडाजी का जीवन आदर्शो से भरा
अपने उद्बोधन में वनवासी कल्याण परिषद् के जागरण प्रमुख सागरभाई बिलवाल ने बताया कि बिरसा मुंडाजी का जीवन आदर्शो से भरा हुआ है। उन्होंने भारत को आजादी दिलवाने के लिए बाल्याकाल से ही अंग्रेजो के खिलाफ बगावत छेड़ दी थी, जिसके चलते ही उन्हें 2 साल की जेल भी हुई, लेकिन उनके हौंसले हमेशा बुलंद रहे।  वह ना केवल जनजाति समाज अपितु पूरे देष के लिए गौरव है। बिरसाजी के बलिदान और शोर्य गाथा को समझकर उनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है तथा आज के युवाओ को भी उनके आदर्शो पर चलकर राष्ट्र के गौरव में अभिवृद्धि करने की आवष्यकता है। भगवान बिरसाजी के बलिदान और उनकी गाथा को कभी भूलाया नहीं जा सकता है।
बिरसा के शौर्य और समर्पणता के चलते भगवान की उपाधि दी
मुख्य वक्ता परिषद् के जिला सह-कार्यवाह कैलाष मालीवाड़ ने कहा कि 15 नवंबर 1875 को जन्मे बिरसा मुंडा वह नाम है, जिनमें अपने वतन के प्रति शौर्य और समर्पणता से हर एक फिरंगी थर-थर कांपता था। उन्हे पैरो तले जमीन खसक जाती थी। आज उनकी गाथा और राष्ट्र के प्रति निष्ठा के चलते ही उन्हे भगवान की उपाधि दी गई है। श्री मालीवाड़ ने बिरसा मुंडाजी के बाल्याकाल से लेकर युवा अवस्था तक के बलिदान तक का विस्तृत वर्णन कर हुए उन्हें धरती के सच्चे सपूत और जन-महानायक की उपाधि दी।
भव्य शोभायात्रा निकाली गई
तत्पष्चात् राजवाड़ा से बिरसा मुंडाजी के जयघोष के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जिसका नेतृत्व वनवासी कल्याण परिषद् के वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित जनजाति समाज के संतगणो ने किया। पीछे डीजे पर वाहन पर बिरसा मुंडाजी का चित्र विराजमान किया गया। इसके पीछे युवा गीतों पर केसरिया ध्वज लेकर नृत्य करते सम्मिलित हुए। सबसे पीछे वन कल्याण परिषद् परिषद् एवं जनजाति विकास मंच से जुडे अन्य पदाधिकारियों में अल्केश मेड़ा, श्री बिलवाल, जोगाभाई सिंगाड़, भाजपा के पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विजय चौहान, वरिष्ठ भाजपा नेता रमेश शर्मा, ओपी राय, भाजपा नगर मंडल उपाध्यक्ष मितेश गादिया , बबलू सकलेचा, पूर्व मंडल महामंत्री हेमेन्द्र नाना राठौर, जितेन्द्र जैन, युवाओ में दर्शन कहार, रोहित सारोलकर, धर्मेन्द्रसिंह सेालंकी, स्वीट गोस्वमी, सुमित सोनी आदि शामिल हुए। यात्रा में समाज के लोग अपने हाथो में बिरसा मुंडाजी के शौर्य को प्रदर्शित करते हुए तीर-कमान, गौफन आदि लेकर भी चले।
आजाद एवं टंट्या भील की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण
शोभा यात्रा शहर के जिला थोक उपभोक्ता के सामने, श्री गौवर्धननाथ मंदिर तिराहा, आजाद चौक पहुंचने पर देश के वीर सपूत शहीद चन्द्रषेखर आजाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। आगे चलने पर बाबेल चौराहा, थांदला गेट, मेन बाजार, फव्वारा चौक होते हुए बस स्टेंड पहुंचने पर यहां यात्री प्रतिक्षालय में स्थापित क्रांतिकारी टंट्या भील की प्रतिमा पर सभी ने माल्यार्पण कर शहीदों एवं क्रांतिकारियों के जमकर जयकारे लगाए। अंत मे आभार उक्त कार्यक्रम के संयोजक वनवासी कल्याण परिषद् के झाबुआ नगर अध्यक्ष मनोज अरोरा ने माना।

Trending