झाबुआ

18 वर्ष की कम आयु वाले बच्चों को मोटरसाईकिल नहीं चलाने देना चाहिए अपर जिला न्यायाधीश/सचिव श्री लीलाधर सोलंकी जी

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शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल कल्याणपुरा जिला झाबुआ में नालसा
(बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाऐं और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाऐं)
योजना-2015 अंतर्गत विधिक साक्षरता/जागरूकता शिविर का आयोजन
झाबुआ, 18 नवंबर 2021। दिनांक 17.11.2021 को माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ श्रीमान मोहम्मद सैय्यदुल अबरार जी के मार्गदर्शन एवं अपर जिला न्यायाधीश/सचिव श्री लीलाधर सोलंकी जी की अध्यक्षता में शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल कल्याणपुरा जिला झाबुआ में नालसा (बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाऐं और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाऐं) योजना-2015 अंतर्गत विधिक साक्षरता/जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर को संबोधित करते हुये अपर जिला न्यायाधीश/सचिव श्री लीलाधर सोलंकी जी ने अपने उद्बोधन में बताया की सदैव अपने गुरूओं का सम्मान करने और उनसे हमेशा अच्छी शिक्षा लेने की बात गई। गुरू और शिष्य का संबंध उसी प्रकार का रहता है जिस प्रकार का कुम्हार अपने कच्चे मिट्टी के घडे को बनाने में बाहर से चोट मारता है लेकिन अंदर से सहारा देने के लिए हाथ लगाये रहता है। शिक्षक सदैव विद्यार्थी को सभी प्रकार का ज्ञान देता है और अच्छे नागरिक बनने का मार्ग प्रशस्त करता है। श्री सोलंकी जी ने उपस्थित छात्र/छात्राओं को मोटरयान के बारे में बताया कि बाईक चलाते समय हेलमेट अनिवार्य रूप से लगाना चाहिए 18 वर्ष की कम आयु वाले बच्चों को मोटरसाईकिल नहीं चलाने देना चाहिए। ड्राईविंग लाईसेंस एवं गाड़ी का बीमा अनिवार्य रूप से होना चाहिए, गाडी पर क्षमता से अधिक सवारी बिठाकर नही चलाना चाहिए। दुर्घटना होने के बाद अगर किसी के पास गाड़ी का बीमा पॉलिसी नहीं होगी तो वाहन मालिक को स्वयं आहत को पैसा देना पड़ता है। शिविर में निःशुल्क विधिक सहायता एवं सलाह योजना, नेशनल लोक अदालत आदि विषयों पर जानकारी प्रदान की गई। शिविर को संबोधित करते हुये वरिष्ठ अधिवक्ता श्री दिनेश सक्सेना ने छात्र/छात्राओं को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 की जानकारी देते हुए कहा कि प्रायः यह देखने में आता है कि बच्चों का कम उम्र में विवाह कर दिया जाता है या बालक-बालिका नासमझी के कारण भाग कर विवाह कर लेते है। उन्होंने कहा कम उम्र में विवाह को अधिनियम द्वारा प्रतिषेध किया गया है एवं दंडनीय बनाया गया है। बाल विवाह करवाने वाले दोषी होते है। श्रीमती ठाकुर ने कहा कि विवाह के लिए बालिका की आयु कम से कम 18 वर्ष एवं बालक की आयु 21 वर्ष पूर्ण करने के बाद ही विवाह किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दहेज लेना एवं देना अपराध है। शिविर में सुश्री प्रतिभा सोनी द्वारा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के बारे में जानकारी देते हुये कहा कि अगर कोई व्यक्ति आपको स्कूल, कोचिंग या बाजार जाते समय स्पर्श करता है जिससे आपको असुरक्षित और गंदा महसूस होता है तो ये असुरक्षित स्पर्श है, इसका विरोध करें। ऐसा करने वाला आपकी जान पहचान वाला या आपका रिश्तेदार, टीचर, पड़ोसी कोई भी हो सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि वो आपको लालच देकर या डरा धमका कर ऐसा कर रहा हो यदि ऐसा है तो तुरंत इसका विरोध करें। आप शोर मचाकर लोगो को इकट्ठा करें, अपने माता-पिता को तुरंत इसकी सूचना दें। आप अपने शिक्षको से इस बारे में बता करे तथा चाइल्ड लाईन 1098 पर शिकायत करे और तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दे। कार्यक्रम में अधिवक्ता श्री मुकुल सक्सेना बच्चों को भारतीय संविधान की उद्देशिका समझाई गई एवं राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत, मौलिक अधिकार एवं मौलिक कर्तव्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। उक्त शिविर में स्कूल प्राचार्य श्री पी.एस. चौहान एवं स्टॉपगण उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक श्री एस.के. मिश्रा ने किया एवं आभार सरपंच कल्याणपुरा श्री शंकरसिंह हटिया ने माना।

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