झाबुआ । सत्य, धर्म, शांति तथा अहिंसा का महामंत्र देने वाले श्री सत्यसाईं बाबा के संकल्पों के अनुरूप पूरे विश्व में सत्य साईं सेवा संगठनों द्वारा जो आध्यात्मिक तथा सेवा गतिविधियां संचालित की जा रही है, वह प्रत्येक सेवाकार्य करने वाले व्यक्ति को आंतरिक सुकून प्रदान कर रही है। श्री सत्यसाईं बाबा आज भी हम सभी के बीच विद्यमान हैं और हमारा पथ प्रदर्शन करते हुए सद्मार्ग पर चलने का संदेश सतत देते रहते हैं,यह बात श्री सत्यसाईं सेवा समिति के सौभाग्यसिंह चौहान ने श्री सत्यसाईं सेवा समिति द्वारा मनाये जारहे सार्इ्र सप्ताह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहीं । उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में दो मार्ग होते हैं। पहला भोतिक मार्ग जिसमें टेलीविजन देखना, मोबाइल देखना, चकाचौध की जिंदगी जीना है और दूसरा मार्ग है श्रेयस मार्ग, जिसमें साधना, सेवा, नाम स्मरण, सद्साहित्य पढ़ना आदि आता है। इसलिए जीवन में मूल्यों को बढ़ाने के लिए श्रेयस मार्ग ही सभी के लिए हितकारी होता है। जीवनभर हम बटोरने में लगे रहते हैं, लेकिन अंत समय में केवल भगवान का स्मरण तथा नाम ही जाता है। संसार में रहते हुए भी हमें स्मरण के माध्यम से अपना जीवन सुखमय तथा खुशहाल बना सकते है। ईश्वर एक है। किसी का भी नाम लो, किन्तु सच्ची श्रद्धा के साथ लेना चाहिए। नाम स्मरण से भगवान में पूरा ध्यान लग जाता है। इसलिए जीवन में हमें संसार में रहते हुए भी आध्यात्मिकता, ईश्वर के प्रति दृढ़ विश्वास, नाम संकीर्तन, अभ्यास मंडल के माध्यम से धार्मिक तथा आध्यात्मिक चर्चा, बच्चों में संस्कार देने का काम करना चाहिए। श्री सत्यसाईं सेवा समिति के कार्यक्रम में, राजेन्द्र सोनी, नगीन पंवार, हिमांशु पंवार, संतोष यावले, ज्योति सोनी,, विनोद यावले, आदि उपस्थित थे।