झाबुआ :- कहने वाले कहते हैं कि नई नवेली दुल्हन ज्यादा नखरे दिखाती है ऐसा ही सब कुछ इन दिनों झाबुआ जिले की पेटलावद जनपद में नवागत पदस्थ सीईओ व्यास अपने नखरे एवं तेवर सत्तापक्ष से जुड़े जनप्रतिनिधियों और भाजपा नेताओं को नियमों का हवाला देकर उन्हें पाठ पढ़ाने का प्रयास करने का प्रदर्शन करते आ रहे हैं । … सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नवागत सीईओ ने पेटलावद जनपद के अध्यक्ष एवं उनके पति जो कि भाजपा समर्थक हैं के खिलाफ पेटलावद थाने पर एफआईआर करने का आवेदन दिया । इस बात की शिकायत झाबुआ भ्रमण पर आए मध्य प्रदेश शासन के पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया को भाजपा नेताओं ने एवं पूर्व विधायक सुश्री निर्मला भूरिया , कलसिंह भाबर और लक्ष्मण नायक सहित अन्य पदाधिकारियों ने दर्ज कराई । तब पेटलावद जनपद के सीईओ व्यास को झाबुआ सर्किट हॉउस पर मंत्री द्वारा तलब किया गया । मंत्री द्वारा समझाइश और चेतावनी देने के बाद भी उनके त्यौहार ढीले नहीं पढ़े । मंत्री महोदय के जाने के पश्चात सर्किट हाउस पर पूर्व मंत्री रहे मध्यप्रदेश शासन की सुश्री भूरिया , अजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कलसिंह भाबर एवं भाजपा जिला अध्यक्ष नायक ने उन्हें समझाने का प्रयास कर अपनी कार्यपद्धति को ठीक-ठाक करने का कहा तो वे सबके समक्ष उन्हें ही नियमों का पाठ पढ़ाने लगे और अपने तेवर दिखाने लगे । बहुत देर तक इन सब में पेटलावद मुद्दे को लेकर गरमा गरम चर्चा होती रही परंतु नवागत सीईओ मानने को तैयार नहीं थे । तब वहाँ उपस्थित भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेता ने उस चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए नवागत सीईओ व्यास के लू उतारते हुए कहा कि आप भाजपा नेताओं को नियम मत सिखाइए । आप कितने नियम से काम करोगे हम तुम्हें बताएंगे । और नियम जब भंग करोगे तो फिर भागते हुए नजर आओगे । तब जाकर नवागत सीईओ व्यास कुछ ठंडे पड़े । इस बीच अतिरिक्त जिला पंचायत सीईओ वर्मा उन्हें वहां से हटा कर ले गए ऐसा नजारा सत्ता पक्ष के नेताओं को हतप्रभ करने वाला था ।
नवागत सीईओ के खिलाफ धरना प्रदर्शन की तैयारी …. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सत्तापक्ष से जुड़े जनपद से जुड़े जनप्रतिनिधि सरपंच और पंचों में पेटलावद जनपद सीईओ के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है और वह शीघ्र ही उनके खिलाफ धरना प्रदर्शन करके मोर्चा खोलने वाले हैं विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त प्रदर्शन में मध्यप्रदेश शासन की मंत्री रही पूर्व सुश्री निर्मला भूरिया भी उनके समर्थन में धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में पहुंच सकती है यदि ऐसा होता है सत्ता और संगठन के लिए एक बड़ी घटना हो जायेगी।
क्या पेटलावद के सीईओ कराधान योजना और मध्यान भोजन में हुई अनियमितता की नियम अनुसार जांच करेंगे । पेटलावद जनपद नवागत सीईओ व्यास जितनी दबंगता से नियमों की दुहाई देकर कार्य करने की बात भाजपा नेताओं के सामने कर रहे हैं भाजपा नेताओं का कहना है कि क्या बे उतनी दबंगता से अपने जनपद क्षेत्र की कई ग्राम पंचायत जो कांग्रेसी समर्थक सरपंच और जनप्रतिनिधि वहां पदस्थ है उन पंचायतों में केंद्र एवं प्रदेश की कराधान योजना एवं मध्यान भोजन योजना के अलावा और कई योजनाओं में भारी आर्थिक अनियमितता एवं घोटाले और नियम विरुद्ध भुगतान किए गए …क्या व्यास उनकी नियमानुसार दंडित करने का साहस दिखाएंगे । जबकि कराधान योजना मध्यान्ह भोजन योजना को लेकर सूचना के अधिकार में प्रमाणिक जानकारियां लेकर जिला पंचायत सीईओ कार्यालय एवं अधिकारियों को जांच के लिए आवेदन दिए गए थे जांच सही भी पाई गई परंतु समाचार लिखे जाने तक उन पर नियमानुसार कोई कार्रवाई दंडित करने की नहीं हुई है अतिरिक्त जिला पंचायत सीईओ से लगाकर अन्य अधिकारी उन यादों को दबाने के प्रयास में लगे हैं क्या व्यास अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भी नियम सिखा कर उन फाइलों को खोलकर पुनः जांच कर उन्हें दंडित करेंगे यह देखना अभी शेष है उल्टा चोर कोतवाल को डांटे पिछले दिनों झाबुआ जिला मुख्यालय के भंडारी चौराहे पर एक पुलिसकर्मी द्वारा मदहोश अवस्था में तेजी से वाहन चलाकर वहां खड़े फल फ्रूट वाली रैली को उड़ा दिया ।टक्कर मार कर वह एक एक्टिवा को भी जोर से टक्कर मारी । कि वह 10:15 फीट दूर जाकर गिरी।तत्पश्चात बिजली के पोल से वह वाहन टकराया खैरियत है कि कोई जन हानि नहीं हुई। उक्त घटना को लेकर गुस्साए लोगों ने उक्त वाहन चालक पुलिसकर्मी की पंचायती कर दी । इसके पश्चात 40- 50 पुलिसकर्मी वहां पहुंचे और चार पांच लोगों को गिरफ्तार करके थाने पर ले गए । कहते हैं ना उल्टा चोर कोतवाल को डांटे । कहते हैं कि अपराधी कौन और अपराध की सजा किसको दी जा रही है यह विचारणीय प्रश्न है
ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर झाबुआ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में हलचल तेज हुई ग्राम पंचायत त्रि स्तर पर होने वाले चुनाव को लेकर ग्रामीण जनता में भारी उत्साह और उमंग नजर आ रही है पंचायत चुनाव को लेकर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भारी राजनीतिक हलचल दिखाई देने लगी है पंचायत चुनाव को लेकर पंच से लगाकर सरपंच और सरपंच से लगाकर जनपद और जिला पंचायत के पदों पर भावी उम्मीदवार अपना भाग्य आजमाने के लिए मतदाताओं के बीच अभी से लामबंद हो रहे हैं जबकि शासन द्वारा पंचायत चुनाव को लेकर अभी अधिकृत चुनावी घोषणा नहीं की गई है
और अंत में 15 नवंबर को जनजाति गौरव दिवस को लेकर आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा झाबुआ जिले से 160 बसों को भेजने की जवाबदारी लेकर प्रदेश शासन से उसका बजट आवंटित कराया गया था कितनी बार गई कैसे गई और कब गई इसकी जानकारी विभाग को देना चाहिए वहीं दूसरी ओर विभाग द्वारा शासकीय कर्मचारी और शिक्षकों को प्रत्येक बस का प्रभारी बनाकर भेजा गया था उन्हें उस बस में यात्रा कर रहे कार्यकर्ता और जनता के लिए समुचित व्यवस्था प्रभारियों को फण्ड की व्यवस्था कराई गई थी परंतु सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रभारियों ने उक्त राशि का खर्च न करते हुए उसे बचाने का प्रयास किया गया ऐसे समाचार प्राप्त हो रहे है जिसकी जांच होना चाहिए।