झाबुआ

झाबुआ के बाबूलाल कुम्हारे को उच्च शिक्षा की सबसे बड़ी डिग्री PHD अवार्ड होने पर बहुत- बहुत बधाई!

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झाबुआ जिले के एक गरीब परिवार मैं जन्मे बाबूलाल कुम्हारे द्वारा उच्च शिक्षा की सबसे बड़ी पीएचडी अवार्ड प्राप्त होने पर , सभी मित्रों ने और परिवारजनों ने बाबूलाल जी को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी । बाबूलाल जी जो स्वयं दृष्टिबाधित होते हुए भी दिव्यांग जनों की समस्याओं को लेकर अध्ययन किया और सशक्तिकरण हेतु विभिन्न पहलुओं पर विचार किया तथा दिव्यांगता अभिशाप ना बन कर कैसे जीवन में आगे बढ़ा जाए, इसको लेकर भी विशेष अध्ययन किया । बाबूलाल जी ने पूर्व में भाबरा के ब्लाइंड स्कूल से अपना अध्ययन किया और उसके बाद शासकीय महाविद्यालय झाबुआ अध्ययन किया व बाद में इंदौर में जाकर शोध पूर्ण कर अवार्ड प्राप्त किया । बाबूलाल कुम्हारे स्वयं दिव्यांग(दृष्टि बाधित) होते हुए भी, दिव्यांग जनों की सेवा में सदैव समर्पित रहते हुए, दिव्यांगता के क्षेत्र में अपना शोध कार्य पूर्ण किया। जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है
” विकलांग जनों की सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक सशक्तिकरण के प्रयासों का अध्ययन, झाबुआ जिले के विशेष सन्दर्भ में। बाबूलालजी दारा अति महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करना , झाबुआ जिले के लिए अत्यंत गौरव की बात है। आपको उच्च शिक्षा के इस सर्वोच्च शिखर तक पहुंचाने वाले, आप में छिपी हुई प्रतिभा को पहचान कर, निखारने वाले, दिव्य दृष्टि वाले DAVV Indore के श्री अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, इंदौर के समाजशास्त्र विभाग व शासकीय महाविद्यालय झाबुआ के गुरुजनों को अपनी सफलता का श्रेय दिया है । साथ ही साथ भारत सरकार एवं राज्य सरकार से निवेदन किया है कि दिव्यांग जनों को PHD डिग्री में मार्गदर्शन करने वाले प्रोफ़ेसर्स को पुरस्कृत किया जाना चाहिए।

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