झाबुआ, 18 दिसम्बर 2021। कलेक्टर श्री सोमेश मिश्रा के आदेश एवं खनिज अधिकारी धर्मेंद्र चौहान के निर्देशन में जिले में खनिजों के अवैध उत्खनन,परिवहन तथा भंडारण की रोकथाम हेतु खनिज विभाग द्वारा जिले की प्रशासनिक सीमा से परिवहीत हो रहे वाहनों की सघन जांच तथा अवैध खनिज गतिविधियों में संलिप्त संधिग्धों को चकमा देते हुए 17 दिसम्बर की सुबह से लेकर 18 दिसम्बर की देर रात तक जिले की विभिन्न तहसीलों और सीमांत क्षेत्रों का औचक निरीक्षण करने हेतु दो दलों का गठन करते हुए अलग अलग परिवहन मार्गो पर दबिश दी गई। पहले दल का नेतृत्व श्री धर्मेंद्र चौहान खनिज अधिकारी द्वारा किया गया,जिसमे शंकर कनेश खनिज निरीक्षक तथा सुरक्षा बल सम्मिलित रहे।दल द्वारा जिले की मेघनगर व थांदला तहसील के विभिन्न क्षेत्रों का आकस्मिक निरीक्षण कर खनिजो के अवैध परिवहन में संलिप्त वाहनों की जांच की गई।देर रात तक चली कार्यवाही में अधिकांश वाहनों में खनिज परिवहन हेतु अनिवार्य अभिवहन पारपत्र (रॉयल्टी) होना पाया गया।उक्त दल द्वारा जिले के सीमांत इलाके काकनवानी थांदला मार्ग पर जांच दौरान दो डंपर Gj20X0837] GJ20V9037 बगैर रॉयल्टी के खनिज रेत का परिवहन करते पाए जाने से ग्राम परवलया में जब्त किया गया। दल को जांच दौरान एक अन्य डंपर Gj20 X5555 जिसमें खनिज रेत परिवहन किया जा रहा था,रुकवाकर खनिज की रॉयल्टी चाही गई।वाहन में खनिज की ओवरलोड मात्रा पाते हुए, वाहन को जब्त किया गया।उक्त तीनों वाहनों को आगामी आदेश पर्यन्त थाना प्रभारी थांदला की अभिरक्षा में रखवाया गया है। दूसरे दल का नेतृत्व श्री राकेश कनेरिया सहायक खनिज अधिकारी द्वारा किया गया जिसमें विवेकानंद यादव खनिज निरीक्षक और सुरक्षा बल शामिल रहे।उक्त दल ने झाबुआ राणापुर तहसील क्षेत्रों में औचक दबिश दी गई, पारा,ढेकलबाड़ी और अवैध परिवहन के गुप्त मार्गो पर जांच दौरान अधिकांश वाहनों में विधिवत अभिवहन पास होना पाया गया। किंतु दो डंपरों GJ18BT2766 एवं MP 09HH4608 में परिवहित खनिज रेत की मात्रा ओवरलोड पाई जाने पर वाहनों को जब्त कर आगामी आदेश पर्यंत थाना प्रभारी राणापुरकी अभिरक्षा में खड़ा कराया गया है।बगैर वैध अभिवहन पारपत्र के खनिज रेत का एक अन्य ट्रक MP 09HH 1046 थाना प्रभारी कोतवाली झाबुआ की अभिरक्षा में खड़ा कराया गया है।उक्त जब्तशुदा वाहनों पर मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 व मध्य प्रदेश रेत नियम 2019 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही कर अर्थदंड की कार्यवाही की जावे ।