झाबुआ

जिला स्तरीय परिवार परामर्श केन्द्र निभा रहा मुस्तैदी से अपना दायित्व……….टूटे हुए परिवार को जोडने में अहम भूमिका निभाती है काउंसलर मंजु चौहान

Published

on


झाबुआ । रिश्तों में उपजे तनाव में दबाव से नहीं समझाइश से सुलह होती है। पुरातन समय में न्याय की यही व्यवस्था थी और अब विज्ञान के युग में भी टूटते संबंध दबाव के न्याय से नहीं, बल्कि समझाइश से ही सुलझ रहे हैं। पुलिस के जिला परामर्श केंद्र झाबुआ पर रिश्तों की ऊंच-नीच में समझाइश से सुलह कराई जा रही है। पिछले बरसों में महिला परामर्श केंद्र में समझाइश और समझौते लिए पहुंचने वाले दंपतियों की संख्या बढ़ी है और इनके बीच होने वाले समझौते भी बढ़े हैं, ठीक ऐसी ही स्थिति सालों पुराने पारिवारिक रिश्तों में आई कड़वाहट को लोग परिवार परामर्श केन्द्र की मध्यस्थता से आसानी से भुला रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि न्याय व्यवस्था की शुरुआत होने से पहले व्यवस्था यही थी कि समाज के गणमान्य लोग दो पक्षों या पारिवारिक विवाद को सुलझाने के लिए इकट्ठे बैठते थे और एकराय होकर फैसला लेते थे। इस फैसले को निर्विवाद रूप से माना जाता था। अब समाज भले ही विज्ञान की बातों पर भरोसा करता हो, लेकिन समझाइश और सुलह की यही व्यवस्था सर्वमान्य होती जा रही है। पिछले बरसों में समझाइश से सुलह का सोच बढ़ा है और विवादों के सुलझाने में पुराने तरीके का उपयोग किया गया है।
पुुलिस अधीक्षक श्री आशुतोष गुप्ता के मार्गदर्शन में जिला स्तरीय परिवार परामर्श केन्द्र झाबुआं में 1 जनवरी 2021 से 31-12-2021 तक कुल 508 मामले पहुंचे हैं और इनमें से 500 मामले समझाइश से सुलझ गए हैं यानि जो शिकायतें पहुंची उनमें से 98 फीसदी से अधिक मामलों में समझाइश से सुलह हो गई तथा मात्र 8 प्रकरणों में काउंसलिंग के माध्यम से उन्हे निपटाने की कार्यवाही पूरी मुश्तेदी से जारी है वही पूरे जिले के विभिन्न थानों से इसी कडी में 45 आवेदन मिले जिसमें से 12 का निराकरण इस परिवार परामर्श केन्द्र परकया जाचुका है तथा शेष के लिये काउंसलिंग की कार्य्रवाही जारी है । इनमे से अधिकांश लोग एक बार आने के बाद दोबारा अपनी शिकायत लेकर पहुंचे ही नहीं।
जिला स्तरीय परिवार परामर्श केन्द्र की प्रभारी श्रीमती गीता वंदलेहरा का कहना है कि यहां में पति-पत्नी के विवाद में जो शिकायतें पहुंचती हैं उनमें ज्यादातर समझाइश से सुलझ जाती हैं। पत्नी नहीं चाहती कि पति परेशान हो और पति भी परिवार सुखी चाहते हैं लेकिन छोटी-छोटी बातों के विवाद वैवाहिक जीवन खराब कर देते हैं। परिवार परामर्श केंद्र में दंपति को यही समझाया जाता है कि छोटी-छोटी बातों पर परिवार न बिगाड़ें। वे एक-दूसरे को समझते रहेंगे तो विवाद की नौबत ही नहीं आएगी।


जिला परिवार परामर्श केन्द्र में मुख्य भूमिका कांउसलर मंजु चौहान की ही रहती है । वही इन्हे सहयोग के लिये प्रधान आरक्षक सलमा परमार एवं नर्मदा मेडा का भी सहयोग प्राप्त होता है। काउंसलर मंजु चौहान का कहना है कि इस केन्द्र पर अधिकतर प्रकरण शराब के नशे मे पति-पत्नी के बीच विवाद के अलावा पत्नी या पति पर चारित्रिक शंका के ही आते है । व कई बाबर मामूली विवादों के चलते मातायें अपने 15-20 दिन तक के बच्चों को ससूराल मे छोड के मायके चली आती है, ऐसे स्थितियों में नवजात बच्चों की अकाल मौत भी हो जाती है, इस मानवीय संवेदना जैसी घटनाओं को भी पुनरावृति नही हो इसके लिये मंजु चौहान हमेशा सकारात्मक भूमिका निभाते हुए समझाईश के माध्यम से टूटते परिवारो को जोडे रखने का काम भी करती है। इसलिये पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता के प्रखर मार्गदर्शन में यहां पर 5-5 सालों के ऐसे प्रकरणों को काउंसलिंग के माध्यम से निराकृत करना जिले की बडी उपलब्धि ही कहा जावेगा । काउंसलर मंजु चौहान पति पत्नी के बीच छोटी छोटी बातों से हुए मनोविवादों एवं शंकाओं को अपनापन के माध्यम से, समझा बुछा कर उन्हे राजी करके निराकृत करने में अपनी भूमिका का निर्वाह कर रही है। सबसे बडी बात यह है कि परिवार परामर्श केन्द्र पर आये दिन गा्रमीणजन अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिये आते रहते है, यदि परमार्श केन्द्र पर मंजु चौहान को नही दिखते है तो वे वापस चले जाते है । मतलब साफ है कि लोगो एवं गा्रमीणों का पूरा विश्वास काउंसलर मंजु चौहान पर है कि वे ही उन्हे सही राह दिखाती है ओर उनकी बातों को गंभीरता से सुन कर काउंसलिंग करके पारिवारिक विवादों को बिना किसी कोर्ट के सुलझाती रहती है । आदिवासी समाज में तो मंजु चौहान के प्रति व्यापक विश्वास इस बात का प्रतिक है कि वे बिना किसी व्यकितगत स्वार्थ के समाज सेवा के इस प्रकल्प को गंभीरता से सुलझाने में अपनी भूमिका निभाती है ओर यह आपसी समझौता इसके बाद पूरी तरह स्थायी बन चुका होता है तथा परिवार में सुख-शांति का माहौल प्रेममय जीवन जीने की प्रेरणा देता है । इनके इसी उत्कृष्ठ कार्यो को देखते हुए इन्हे जिला कलेक्टर स्तर से, पुलिस अधीक्षक स्तर के अलावा स्वतत्रंता दिवस एवं गणतंत्र दिवस जेसे राष्ट्रीय पर्वो पर भी सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया गया है ।
झाबुआ का जिला स्तरीय परिवार परामर्श केन्द्र जिले मे ही नही वरन प्रदेश स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है तथा समाजसेवा के इस प्रकल्प को काउंसलर मंजु चौहान का मृदु एवं मानवीय व्यवहार निश्चित ही जिले के लिये गौरव की बात है ।

Trending