झाबुआ – झाबुआ के सबसे व्यस्ततम क्षेत्र और रहवासी क्षेत्र में पेट्रोल पंप कंपनी द्वारा पंप खोला जा रहा है जबकि आसपास का संपूर्ण क्षेत्र रहवासी है तथा पास में ही पुलिस विभाग के क्वार्टर्स भी हैं तथा सामने की ओर यातायात विभाग का बाल उद्यान भी है प्रश्न यह है कि आम जनों व बच्चों की की सुरक्षा को नजरअंदाज कर रहवासी क्षेत्र में पेट्रोल पंप खोला जा रहा है आखिर क्यों…. क्या कारण है… जबकि पंप के लिए जमीन अन्यत्र स्थान पर भी आबंटित की जा सकती है । फिर आम जनों की सुरक्षा को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है ……?
यदि हम इस पंप के आसपास की लोकेशन की बात करें तो प्रस्तावित पंप के पास 10 मीटर की दूरी पर ही पुलिस विभाग के शासकीय क्वाटर्स हैं जहां पर पुलिस विभाग का परिवार रहता है । वही पीछे की ओर ब्लॉक कॉलोनी ,बसंत कॉलोनी और 100 मीटर की दूरी पर पुलिस लाइन चौराहा जहां पर आमजनों की भीड़ रहती है शहर को जोड़ने वाला आवागमन का मेन रास्ता भी है प्रस्तावित पंप के सामने की बात करें, मात्र 50 मीटर की दूरी पर ट्रैफिक विभाग का यातायात पार्क हैं जहां पर विशेष रुप से बच्चों इस गार्डन में आते हैं और झूले आदि का आनंद लेते हैं । कई स्कूली विद्यार्थी भी गार्डन में आकर झूले चकरी का आनंद लेते हैं । शाम के समय में महिलाएं और बच्चे विशेष रूप से इस गार्डन में अपना समय व्यतीत करते हैं । वही इस गार्डन के सामने की ओर रामकृष्ण नगर कॉलोनी है जो कि एक रहवासी कॉलोनी है और सामने की ओर पुलिस विभाग के पुलिस ऑफिसर्स क्वाटर्स । इस तरह प्रस्तावित पंप के आसपास संपूर्ण क्षेत्र रहवासी क्षेत्र के रूप में हैं । क्योंकि इस तरह के पंप प्रारंभ किए जाने को लेकर शासकीय एनओसी प्राप्त हो गई होगी । लेकिन रहवासी क्षेत्रों होने के कारण क्या इन कॉलोनी के रहवासियों ने इस तरह के पंप खोलने के लिए सहमति दी या नहीं यह भी जानना आवश्यक है……। वहीं पूर्व में भी जिले के ही पेटलावद में एक छोटी सी गलती के कारण जो ब्लास्ट हुआ था और जिसमें करीब 78 से अधिक जाने गई थी और करीब 150 से अधिक लोग घायल हुए थे और दर्जनों घर भी तबाह हो गए थे । उस हादसे के बाद भी संभवत: जिला प्रशासन कुछ भी सीख लेने को तैयार नहीं है । इस तरह रहवासी क्षेत्र में पंप खोले जाने को लेकर यदि कोई घटना , दुर्घटना, हादसा होता है तो इसके लिए जिम्मेदारी भी तय करना जरूरी है क्योंकि क्षेत्र रहवासी है और घटना दुर्घटना का खामियाजा आमजनों को भुगतना पड़ता है और आर्थिक और पारिवारिक नुकसान भी आम जनों का ही होता है । तो इसके लिए पूर्ण रूप से पंप कंपनी को इसकी जिम्मेदारी लेना होगी या फिर शासन प्रशासन को पंप कंपनी को इस तरह रहवासी क्षेत्र में पंप खोलने के लिए उत्तरदायी मानना होगा….। अन्यथा फायदा किसी और का होता है और नुकसान जनता को भुगतना पड़ता है…..? रेवासी क्षेत्र को छोड़कर जनहित में इस पंप को अन्यत्र स्थान पर खोला जाना चाहिए…। क्या शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देकर इस तरह के रहवासी क्षेत्र में पंप खोले जाने को लेकर कोई जिम्मेदारी तय करेगा या फिर यह सब यूं ही चलता रहेगा….?