झाबुआ

योग का अर्थ है अपनी चेतना का बोध अपने अन्दर निहीत शक्तियों को विकसित करके परम चैतन्य आत्म साक्षात्कारएवं पूर्ण आनंद की अनुभूति की जासकती है -श्रीमती सूरज डामोर

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पतंजलि महिला योग परिवार ने मनाया रजत जयंति स्थापना दिवस


महिलाओं ने किये अपने अनुभव साझा ।


झाबुआ । महिला पतंजलि योग समिति झाबुआ द्वारा स्थानीय कालेज मार्ग स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर रजत जयंती स्थापना दिवस समारोह पतंजलि परिवार द्वारा मनाया गया । योग, आयुर्वेद,स्वदेशी वैदिक, सांस्कृतिक प्रकल्पांे के 21 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य मे समारोह का आयोजन किया गया । महिला मंडल द्वारा योग करो निरोग रहो नारे के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । इसके तहत सामूहिक योग, प्राणायाम, किया गया साथ ही सूर्य नमस्कार पूर्व आईए अधिकारी श्रीमती सूरज डामोर द्वारा करवाया गया । श्रीमती डामोर ने कहा कि सूर्य नमस्कार एवं योग करने से शरीर में उर्जा का संचार होता है । उन्होने बताया कि योग का अर्थ है अपनी चेतना का बोध अपने अन्दर निहीत शक्तियों को विकसित करके परम चैतन्य आत्म साक्षात्कारएवं पूर्ण आनंद की अनुभूति की जासकती है । योग गुरू सुश्री रूकमणी वर्मा ने सुस्वाथ्य ही सम्पूर्ण सुखों का आधार है, स्वास्थ्य है तो जहान है नही तो श्मशान है के बारे मे विस्तार से जानकारी दी ।


भावना टेलर, विनिता टेलर द्वारा अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि प्रतिदिन योग करने से त्रिदोष, वात कफ पीत्त का शमन होता है । जरिना अंसारी के अनुसार वे विगत कई बरसों से योग कर रही है और अब वे पूरी तरह स्वस्थ है । रजनी पाटीदार एवं किरण पाटीदार का कहना था कि आहार, विहार एवं व्यवहार सन्तुलित व संयमित होना चाहिये जिससे कार्यो में दीव्यता मन में सदा पवित्रता एवं शुभ सोच बनती हे । माना गिडवानीद्वारा गुरू की महिमा पर बताया कि महर्षि पंतंजलि द्वारा योग विधा का प्रादूर्भाव किया गया । बिना गुरू के ज्ञान संभव नही है । शर्मिला कोठारी द्वारा योग करे निरोग एवं आहार पर नियंत्रणके बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आहार का प्रभाव हमारे विचारों पर भी पडता है। चंदा धाक एवं राधा पटेल ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनके घुटनों का दर्द तो कम ही हुआ साथ ही उनका वनज भीकम हुआ है । पूनम सिंन्हा, ने प्रतिदिन नियमित योग करने से पूरे दिन ताजगी बनी रहने की बात कही तथाा दिन भर प्रसन्नता से व्यतित होता है। हेमा गुप्ता ने यांेग के महत्व की जानकारी देते हुए कहा कि उन्हे हाथ सुन्न होने की शिकायत योग से ही दूर हुई है । अब वे रात्री में पूरी निंद के साथ से सकती है। साधना अत्रे के अनुसार उन्हे भी स्वास्थ्य में अच्छा लाभ हुआ है।


योग समिति की महिलाओ का कहना है कि योग गुरू रूकमणी वर्मा द्वारा प्रतिदिन कराये जाने वाले योग प्राणायाम से अच्छा लाभ हुआ है तथा उन्हे दवाईया लेने की आवश्यकता नही पडती है । शुगर-ब्लड प्रेशर भी नार्मल हो गये है । वही गायंत्री मंदिर में निवासरत जगला राजू आदि ने भी रूकमणी वर्मा से प्रेरित होकर योग करने की बात कहते हुए प्रसंशा की । सुश्री वर्मा ने नगर की सभी माताओं एवं बहिनों से आव्हान किया है कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए शरीर मे प्रतिरोधात्मक शक्ति विकसित करने के लिये गायत्री शक्तिपीठ में प्रातः 6 बजे से आयोजित निशुल्क योगाभ्यास कक्षाओं में शामील होकर स्वस्थ जीवन एवं प्रफुल्लित मन के लिये इसका अवश्य ही लाभ लेवें ।

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