झाबुआ

आदिवासी समाज सुधारक संघ ने जनजाति प्रमाणपत्र रद्द करने की एसडीएम से मांग की ईसाई होने के बाद भी लिया जारहा अजजा आरक्षण का लाभ

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झाबुआ । आदिवासी समाज सुधारक संघ के सरक्षक आजाद प्रेमसिंह डामोर द्वारा 4 जनवरी को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को ज्ञापन प्रस्तुत करके धर्मान्तरित ईसाई फादर पास्टर, विशप पादरी का जनजाति प्रमाणपत्र रद्द याने निरस्त कर ईसाई सूची में शामील करने के संबंध में ज्ञापन प्रस्तुत किया । ज्ञापन में माननीय सुपी्रम कोर्ट का फैसला केरल बनाम स्टेट आफ केरला एण्ड डीएनआर वर्सेस चन्द्रमोहन 2004 व माननीय हाईकोर्ट जबलपुर सुशांत पुरोहित वर्सेस स्टेट आफ मध्यप्रदेश 4 अप्रेल 2019 व लोकुर कमेटी की सिफारिश के अनुसार धर्मान्तरण के बाद नही मिल सकता । आदिवासी होने का लाभ का हवाला देकर मांग की गई है कि विशप फादर पीटर खराडी संस्था डायोसिस कैथोलिक मिशन झाबुआ प्रमुख विशप फादर पोल मुनिया संस्था फिलिदिलफिया, फादर रमेश नलवाया पाडलवा,फादर फुरचन्द पिता लालूू भूरिया गांव व पोस्ट अन्तरवेलिया जो पूर्णतः ईसाई बन चुके है व वर्तमान में ईसाई धर्म के प्रचारक होकर बिशप,फादर के रूप में ईसाई धर्म संस्कृति के वाहक बन चुके है । इनके अलावा 55 अन्य फादर,पास्टर,पादरी की भी सूची देकर इन्हे भी अनुसूचित जनजाति सूची से बाहर किये जाने की मांग करते हुए इनके अजजा प्रमाणपत्र निरस्त कर ईसाई सूची में शामील किये जाने की मांग ज्ञापन में की गई है । इसके साथ ही तीन ईसाई व्यक्ति जोसफ मेडा पटवारी, जाॅन मेडा पटवारी एवं ईगूसिंह गणावा राजस्व निरीक्षक वृत्त-02, पेटलावद ने फर्जी सर्टिफिकेट बना कर आदिवासी के अजजा कोटे से शासकीय नौकरी ली है, जो विधि विरुद्ध है । अजजा और ईसाई दोनो अलग अलग वर्ग है तथा दोनों अलग अलग समुदाय है और दोनों की संवैधानिक कानूनी आरक्षण की व्यवस्थायें अलग अलग है । अतः इन तीनों का अजजा प्रमाणपत्र खारिज किये जाने की मांग के साथ ही इन्हे शासकीय सेवा से बर्खास्त करने तथा आरक्षण वापस लेने की मांग की गई है । उक्त ज्ञापन की प्रतिलिपि कलेक्टर झाबुआ को भी कार्यवाही के लिये सौपी गई है । सलग्न- प्रस्तुत ज्ञापन

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