झाबुआ :- जिले में लचर कानून व्यवस्था और पुलिस विभाग की लचीली कार्यप्रणाली के कारण ही माफिया और गुंडे तत्व सक्रिय होते नजर आ रहे हैं । जिले में अब भी बेखौफ होकर अवैध सट्टे का व्यापार , अवैध शराब का व्यापार, अवैध रेत माफिया ,नशीले पदार्थों का क्रय विक्रय और कई अन्य तरह की अवैध गतिविधियां लगातार जारी है । और इन्हीं गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विगत दिनों 20 जनवरी को ही वी.सी के माध्यम से सभी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त निर्देश भी दिए गए थे लेकिन अब तक जिले में इस तरह की कोई भी कार्यवाही नहीं की गई….? क्यों ….क्या कारण है …?
20 जनवरी को कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में कानून व्यवस्था की जिलेवार समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा था कि मध्यप्रदेश शांति का टॉपू बना रहें , इसके सतत प्रयास होने चाहिए। प्रदेश में अपराधियों, माफियाओं एवं गुंडों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गुंडो, माफियाओं और अपराधियों को नेस्तनाबूत करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चिन्हित अपराधों में दोषियों को सजा मिलनी चाहिए । इसमें किसी भी प्रकार की उदासीनता नही होना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश में सक्रिय चिटफंड कम्पनियों एवं एनजीओ की गतिविधियों पर भी निगरानी रखी जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि समाज में नशे की प्रवृत्ति को रोकने के लिए नशामुक्ति अभियान भी चलाए। उन्होंने कहा कि महिलाओं के विरूद्व अपराध रोके।
लेकिन 20 जनवरी वी.सी में दिए गए निर्देशों के बाद भी जिले में अब तक ना तो किसी भी तरह की, माफियाओ और अपराधियों को लेकर कोई जांच प्रारंभ नहीं की गई है और न नहीं उनकी अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के प्रयास किए गए हैं या फिर गुंडा तत्वों को लेकर अब तक कोई सक्रिय कारवाई ,इस जिले में देखने को नहीं मिली है । जिसे संभवत: ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जिले में गुंडा और माफिया तत्व खत्म हो चुके है । जिले में संभवत पूर्ण रूप से शांति नजर आ रही है ऐसा पुलिस की कार्यप्रणाली से नजर आ रहा है अन्यथा यदि हम इंदौर , रतलाम आदि अनेक जिलों पर गौर करें तो मुख्यमंत्री के दिए गए निर्देशों के पालन में इन गुंडा तत्व और माफियाओं पर इन जिलों में लगातार कार्रवाई जारी है लेकिन हमारे जिले में अब तक इसको लेकर कोई सुगबुगाहट तक नजर नहीं आ रही है क्यों ….क्या कारण है….? अब तो जिले में थानों के बाहर भांजगड़ी प्रथा देखने को मिल रही है जहां हर तरह की शिकायत के बाद इन भांजगडीयो द्वारा केस को जैसे-जैसे रफा-दफा किया जाता है और अपना आर्थिक उल्लू सीधा किया जाता है । जिले के पुलिस थानों में किसी व्यक्ति तरह की शिकायत को लेकर यदि आप आवेदन देते हैं तो सर्वप्रथम उसकी जांच होती है और वह जांच कब पूरी होती है वह पुलिस को भी नहीं पता और ना ही आवेदक को और कई बार आवेदक का आवेदन भी नजर नहीं आता है और आमजन शिकायत करने से धीरे-धीरे दूरी बनाने लगते हैं । जिले में जब तक गुंडे और माफियाओं को लेकर सख्त जांच और कारवाई नहीं की जावेगी , तब तक जिले की जनता का सरकार पर भरोसा करना काफी कठिन लग रहा है । टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इतनी उन्नति करने के बाद भी अब भी पुलिस इन माफिया और गुंडों तत्व को ट्रेस करने में क्यों सफल नहीं हो पा रही है । आखिर क्यों हमारा साइबरसेल भी इतना कमजोर नजर आ रहा है की गुंडे और माफिया के मोबाइल उनकी पहुंच से बाहर नजर आ रहे हैं । पुलिस क्यों माफियाओं और गुंडों पर कार्रवाई करने के लिए असमंजस की स्थिति में हैं । आओ पता लगाएं :- आखिर क्या कारण है कि मुख्यमंत्री के दिए गए निर्देशों के बाद भी जिले में अब तक गुंडों और माफियाओं पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई…..?