सांसद गुमानसिंह डामोर ने सबका साथ सबका विकास सबका विष्वास वाला बजट निरूपित किया
झाबुआ । केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को लोकसभा में अपना चैथा आम बजट पेश किया। केंद्रीय बजट में पूरी तरह चुनावी नजर आ रहा है। इसमें किसानों, छात्रों और बेरोजगारों का खास ध्यान रखा गया है। उक्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रतलाम-झाबुआ के सांसद गुमानसिंह डामोर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी द्वारा पेश किया गया बजट देश में आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने वाला बजट है, जो नए भारत की नींव रखेगा और 130 करोड़ भारतवासियों की जिंदगी बेहतर करेगा। उन्होने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाया गया ये बजट, एक दूरदर्शी बजट है, जो भारत की अर्थव्यवस्था का स्केल बदलने वाला बजट साबित होगा। ये बजट भारत को आत्मनिर्भर बनाने के साथ स्वतंत्रता के 100वें वर्ष के नए भारत की नींव डालेगा। इसके लिए नरेंद्र मोदी जी और निर्मला सीतारमण जी बधाई के पात्र है । श्री डामोर के अनुसार नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी के नेतृत्व में तैयार 2022-23 का बजट आम आदमी की आकांक्षाओं और आशाओं को पूरा करने वाला सिद्ध होगा। संांसद गुमामनसिंह डामोर के अनुसार बजट नए भारत के निर्माण में क्रांतिकारी कदम है। बजट में जो भी बातें कहीं गई हैं वो भारत को जोड़ने वाली हैं। इस बजट में किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य है। ये निर्यात बढ़ाने वाला बजट है। बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। यह बजट भारत के विकास का बजट है। श्री डामोर के अनुसार बजट में कई नए कदमों का ऐलान किया है इस बजट में कौशल विकास पर बल दिया गया है, निर्यात बढ़ाने के लिए नई घोषणाएं की गई और इफ्रास्ट्रक्चर के लिए 2 लाख करोड़ रुपए से रोजगार बढ़ेगा । यह बजट ग्रोथ को रफ्तार देने और राजकोषीय खर्चों में संतुलन बनाने वाला है। पर्सनल इनकम टैक्स रेट में कटौती से कंज्यूमर डिमांड को बढ़ाने में मदद मिलेगी. सोलश सेक्टर के साथ फिजिकल इंफ्रा पर सरकार ने फोकस किया है। इससे मीडियम टर्म में ग्रोथ की क्षमता बेहतर होगी.। श्री डामोर ने बताया कि कम आय कर दरों के विकल्प पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा,कि हम लोगों के हाथ में पैसा रखना चाहते थे, खासकर मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग. हम आयकर प्रक्रिया को आसान बनाना चाहते थे और अनुपालन को बढ़ाना चाहते थे। कॉरपोरेट टैक्स में कटौती और नई कंपनियों को दिए जाने वाले लाभ के साथ-साथ जीएसटी संग्रह में सुधार से राजस्व सृजन में सुधार होगा। इससे अगले साल राजकोषीय घाटे को कम करने में मदद मिलेगी और विनिवेश में भी सुधार आएगा। श्री डामोर के अनुसार निर्मला सीतारमण जी ने जो बजट पेश किया , उसके लिए मैं उनको और पीएम मोदी जी को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं ये बहुत ही प्रगतिशील बजट है, देश के सामने जो चुनौतियां थी उन चुनौतियों को समझकर अगले दशक का एक प्रकार से रोड मैप इस बजट में दिया हुआ है। सांसद डामोर के अनुसार इंडस्ट्री के लिए एक ऐतिहासिक बजट है। आज एंटी डंपिंग जो एमएमएफ सेक्टर की बहुत बड़ी चुनौती थी उसका समाधान देने के लिए धानमंत्री और वित्त मंत्री जी का आभार व्यक्त करता हूं । करों में राहत मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए दिवाली से कम नहीं। उन्होने कहा कि मोदी सरकार ने टैक्स सिस्टम को तर्कसंगत बनाने, बुनियादा ढांचा को बूस्ट देने, बैंकिंग सिस्टम को मजबूत बनाने, बिजनेस करना आसान बनाने और निवेश बढ़ाने के लिए प्रभावकारी कदम उठाए गए हैं. यह भारत के 5 लाख करोड़ डॉलर इकोनॉमी बनने के रास्ता तय होगा। ग्रामीण विकास मंत्रालय को आवंटित किए जाने वाले 1,22,000 करोड़ रुपयों (जिसमें मनरेगा यानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट के तहत एक बड़ी रकम 61,500 करोड़ भी शामिल है) के माध्यम से मोदी सरकार ने जो संकेत दिया है वह बताता है कि दक्षिणपंथी अर्थव्यवस्था का मॉडल मार्केट फंडामेंटलिज्म से केनेसियन मल्टीप्लायर की ओर जा रहा है। श्री डामोर ने कहा कि ग्रामीण भारत की खुशहाली के मकसद से समाज कल्याण योजनाओं पर भी सरकार ने पूरा ध्यान दिया है। वर्ष 2020 के बजट में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की महिलाओं के कल्याण के लिए किया गया 53,700 करोड़ रुपये का प्राविधान और अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्गो के लिए किया गया 85,000 करोड़ रुपये का प्राविधान तथा महिलाओं के उत्थान से जुड़े खास कार्यक्रमों के लिए किया गया 28,600 करोड़ रुपये का प्राविधान व सुपोषण योजनाओं के लिए किया गया 35,600 रुपये का प्राविधान, यह दर्शाता है कि देशवासियों के भूखे पेट को भरने में सक्षम होगा। ग्रामीण विकास मंत्रालय की योजनाओं के अलावा मोदी सरकार ने स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम का जो प्रावधान किया है वह भी गरीबों के हित में एक बड़ा कदम है। इसे भी दक्षिणपंथी कल्याण अर्थशास्त्र का हिस्सा कहा जा सकता है। सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए लिए वर्ष 2019-20 के बजट में 62,500 करोड़ रुपये देने प्राविधान किया था, जो उसके पिछले दो वित्तीय वर्षो में उच्चतम रही थी, उसे बढ़ाकर इस बार 69,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। वही गरीब घरों तक एलपीजी गैस पहुंचाने वाली सरकार की लोकप्रिय उज्ज्वला योजना के लिए 1,118 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। सांसद गुमानसिंह डामोर ने प्रस्तुत बजट को कल्याणकारी बजट बताते हुए भारत के सभी वर्गो के लिये इसमें दिये गये हित लाभो कोे ’’सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास वाला ’’ बजट निरूपित किया ।