झाबुआ – देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेम पोर्टल के को मान्यता देते हुए संपूर्ण शासकीय विभागों में सामग्री भी कम दर आने पर इस प्लेटफार्म के माध्यम से खरीदी की जा सकती हैं। जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदी का उद्देश्य था कि कम दरों पर अच्छी गुणवत्ता युक्त माल या सामग्री क्रय की जा सके । लेकिन झाबुआ जिले में इस जेम पोर्टल के माध्यम से एकलव्य विद्यालय मोरडूडिंया द्वारा नियम कायदों को दरकिनार करते हुए स्मार्ट एलईडी टीवी 64000 के स्थान पर 68500 में स्वीकृत की और इस तरह मोदी जी के इस प्लेटफार्म का मजाक बनाने का प्रयास किया ।
जानकारी अनुसार राणापुर ब्लॉक के एकलव्य विद्यालय मोडुडिंया द्वारा जेम पोर्टल पर बीड नंबर GEM/2022/B/1826344 के माध्यम से 55 इंच स्मार्ट एलईडी स्मार्ट टीवी खरीदी हेतु बीड जेम पोर्टल पर अपलोड की । संभवत इस बीड की बीड सबमिशन डेट 14 जनवरी थी । तथा इसमें मुख्य रूप से जीएसटी, पैन कार्ड , ऑथराइजेशन लेटर के साथ-साथ जिस कंपनी की एलईडी टीवी है आईएसओ सर्टिफिकेशन भी सबमिट करना अनिवार्य था ।.विगत दिनो बीड से संबंधित जानकारी के लिए प्लेटफार्म पर दिए गए शख्स रघुवीरसिंह अजनार से संपर्क करना था जब हमने बीड हेतु संबंधित कर्मचारी से फोन पर संपर्क किया और बीड अपलोड करने हेतु जानकारी चाहिए, तो कर्मचारी का कहना था कि मुझे इस तरह की किसी भी खरीदी की बारे में जानकारी नहीं है तथा बीड अपलोड के लिए किसी गोलू नाम के शख्स की बात कही तथा यह भी बताया कि गोलू ने आईडी और पासवर्ड लेकर बीड अपलोड की तथा ओटीपी भी मांगा था । आओ पता लगाए:- कौन है वह गोलु… जो इस तरह शासकीय बीड को अपलोड कर रहा है । और पूरी बीड की मॉनिटरिंग भी कर रहा है.और टेक्निकल इवोल्यूशन में अन्य फर्मों को बाहर भी कर रहा हैं ।.संभवत: चार फर्मों ने इस बीड में सहभागिता की थी तथा अन्य तीन फर्मों को टेक्निकल इवैल्यूएशन में बाहर कर दिया गया था । क्योंकि आईएसओ सर्टिफिकेशन किसी भी फर्म ने सबमिट नहीं किया था । श्री नाकोडा ट्रेडर्स जो की चौथी फर्म थी उसने भी आईएसओ सर्टिफिकेशन सबमिट नहीं किया था लेकिन बीड में अपनी शर्त रखते हुए यह लिखा ….I will provide you at the time of supply…..। जबकि नियम में स्पष्ट उल्लेख था कि आपको जिस कंपनी की स्मार्ट एलईडी टीवी है उस कंपनी का आइएसओ सर्टिफिकेशन सबमिट करना अनिवार्य है इस तरह की कंडीशनल बीड को स्वीकार करना नियम विरुद्ध है वही यदि इसी तरह कंडीशनल बीड एक्सेप्ट की जाती है तो कोई भी फर्म नियम व शर्तों में यह भी लिख सकता है कि मैं जीएसटी या पैन कार्ड या आधार कार्ड सामग्री सप्लाई के समय सबमिट कर दूंगा, जो कि पूर्ण रूप से गलत है । इस तरह किसी फर्म विशेष की कंडीशन को मान्य करते हुए अधिक दर वाली फर्म की दरें , जेम पोर्टल पर L 1 पर स्वीकृति देना सरासर गलत है ।जबकि एक अन्य फर्म ने भी आइएसओ सर्टिफिकेशन सबमिट नहीं किया था लेकिन दर ₹ 64000 थी । जबकि नियम अनुसार कोई भी फर्म यदि बीड में दी गई शर्तों को पूरा नहीं करता है तो उसकी बीड अस्वीकार किया जाना चाहिए । लेकिन यहां पर श्री नाकोडा ट्रेडर्स को आर्थिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से अधिक दर वाली फर्म की दरें L 1 पर स्वीकृत की । जब हमने इस संबंध में एकलव्य विद्यालय मोरडूडींया के प्राचार्य नायक सा. से फोन पर इस संबंध में चर्चा की , तो उन्होने कहा कि उनहें भी इस प्लेटफार्म की संपूर्ण जानकारी नहीं है और किसी संबंधित कर्मचारी.से पूछकर जानकारी देने की बात कही । क्या शासन प्रशासन इस और ध्यान देकर इस तरह जेम पोर्टल के माध्यम से अधिक दर वाली फर्म से खरीदी को लेकर की जा रही प्रक्रिया की कोई जांच करेगा या फिर यह यह सब यूं ही मनमानी करते रहेंगे और जेम पोर्टल को आधार बनाकर अधिक दरो में खरीदी करते रहेंगे…..?