झाबुआ – जहां भौतिकवाद के इस युग में ईमानदारी और मानवता बहुत ही कम देखने को मिलती है और जहां इस भौतिकवाद और सोशल मीडिया के युग में मोबाइल एक अहम हिस्सा है वही उसका गुम हो जाने पर मोबाइल धारक बेचैन भी हो जाता है और फिर उसे पाने के लिए आवेदन से लेकर सारे प्रयास भी करता है लेकिन कई बार ऐसे घूम हूए मोबाइल जब किसी इमानदार पुलिस वाले को मिलता है और वह पुनः धारक को ढूंढ कर उसे वापस करता है तो मोबाइल धारक की खुशी का ठिकाना नहीं रहता है और इस ईमानदारी के लिए वह पुलिस जवान सुनील बच्चन की भूरी भूरी प्रशंसा भी करता हैं और धन्यवाद भी ज्ञापित करता है।
कुछ ऐसा ही झाबुआ के पुलिस जवान सुनील बच्चन ने मानवता का परिचय देते हुए गुम हुए या रोड किनारे पडे हुए मोबाइल को उठाकर , मोबाइल धारक को ढूंढकर पुनः उसके सुपुर्द किया । पुलिस आरक्षक सुनिल बच्चन को कल रात्रि 9:00 बजे पुलिस लाइन गेट के बाहर रोड किनारे पर सैमसंग कंपनी का एक मोबाइल गिरा हुआ देखा , साथ में पावर बैंक भी था । सुनील बच्चन ने उस मोबाइल को उठाया और अपने संबंधित तथा परिचितों और मित्रो को उक्त मोबाइल की जानकारी दी और मोबाइल धारक को ढूंढने की बात कही तथा स्वयं भी यह प्रयास करने में जुट गए कि यह मोबाइल किसका है । सुनील बच्चन ने मोबाइल की कॉल लिस्ट में से फोन लगाना शुरू किए, कुछ मोबाइल नंबर पर घंटी गई , लेकिन किसी ने रिसीव नहीं किया । लेकिन करीब आधे घंटे बाद मोबाइल धारक के भाई ने उक्त मोबाइल पर फोन लगाकर पूछा , तब पुलिस जवान ने कहा कि यह मोबाइल मुझे रोड किनारे मिला है और जो भी इसका मालिक है या उसके घर वाले उसको इसकी सूचना दी जाए और पुलिस अधीक्षक के बंगले पर मैं ड्यूटी कर रहा हूं वहां से आकर ले जाएं.। तब उसके भाई ने बताया कि सेलू नाम का उसके भाई है और वह मोहनपुरा का निवासी है तथा यह गुम.हुआ उसका मोबाइल हैं । उसके भाई ने सेलू के परिवारजनों को सूचना दी और रात्रि करीब 10:00 बजे मोबाइल धारक पुलिस अधीक्षक के बंगले पर आकर अपना मोबाइल ले गया और पुलिस जवान सुनील बच्चन को इस ईमानदारी के लिए भूरी भूरी प्रशंसा की और धन्यवाद भी ज्ञापित किया। इस प्रकार पुलिस जवान सुनील बच्चन ने ईमानदारी और मानवता का परिचय देते हुए गुम हुए मोबाइल को , धारक को.ढूंढ कर मोबाइल लौटाया ।