झाबुआ

अंकुरम इंटरनेशनल स्कूल में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया बसंत पंचमी पर्व।

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झाबुआ- अंकुरम इंटरनेशनल स्कूल द्वारा बसंत पंचमी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । बच्चो ने बसंत पंचमी के आयोजन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती जी की पूजन एवं प्रार्थना से हुआ। कार्यक्रम में प्री प्राइमरी एवं प्राइमरी के बच्चों ने अलग-अलग गतिविधियों में भाग लिया। स्कूल द्वारा स्पीच कंपटीशन, डांस कंपटीशन ,फैंसी ड्रेस कंपटीशन रखा गया। जिसमें बच्चे सरस्वती माता की वेशभूषा में आए । शिक्षकों द्वारा बसंत पंचमी का महत्व बताया। बच्चों को बताया इस दिन पीले वस्त्र पहनकर सरस्वती माता जी की पूजा व आराधना की जाती है। शिक्षिकाओं द्वारा सभी बच्चों को मोटिवेट किया गया । सभी बच्चे व शिक्षक पीले वस्त्र पहन कर आए। इसी प्रकार सभी बच्चों ने अलग-अलग प्रकार से बसंत पंचमी के महत्व की जानकारी दी एवं इसके साथ-साथ बच्चों को पीले रंग की पहचान भी हुई ।

अंकुरम इंटरनेशनल स्कूल की डायरेक्टर डॉक्टर चारुलता दवे ने ने बसंत पंचमी के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि बसंत ऋतु में हमारे जीवन में एक अद्भुत शक्ति लेकर आती है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इसी ऋतु में ही पुराने वर्ष का अंत होता है और नए वर्ष की शुरुआत होती है। इस ऋतु के आते ही चारों तरफ हरियाली छाने लगती है। सभी पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं। आम के पेड़ बौरों से लद जाते हैं और खेत सरसों के फूलों से भरे पीले दिखाई देते हैं, जौ और गेहूँ की बालियाँ खिलने लगतीं हैं और हर तरफ रंग-बिरंगी तितलियाँ मँडराने लगतीं हैं। इसी स्वाभाव के कारन इस ऋतु को ऋतुराज कहा गया है। इस ऋतु का स्वागत बसंत पंचमी या श्रीपंचमी के उत्सव से किया जाता है । अपने संबोधन में कहा कि हमारे शास्त्रों में विद्यारंभ के समय सबसे पहले ’’ सरस्वत्यै नमस्तुभ्यम् ’’मंत्र से बच्चों की शिक्षा आरंभ की जाती है । उन्होने कहा कि आज ही के दिन मांता सरस्वतीजी का जन्म हुआ था व वैदिक पूजा पाठ कर मनाते आ रहे है ।

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