झाबुआ – वन विभाग की लापरवाही के चलते आज 13 फरवरी को झाबुआ से लगी हुई नल्दी घाटी की पहाड़ियों पर एक जिंदा तेंदुआ दिखाई दिया । जो शिकार की तलाश में भटकता हुआ इधर आ गया था । सुबह के समय तो वह तेंदुआ तड़पता और छटपटाता भी हुआ भी नजर आया । लेकिन संभवत समय पर उपचार नही मिलने या जाल में फंसा हुआ तेंदुआ निकल नहीं पाने के कारण जान गवा बैठा..। वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने उसे पकड़ने के लिए एक फंदा डाला , जिसमें वह तेंदुआ तो आ गया , परंतु जिंदा पकड़ने के बजाय वह अपने प्राण गवा गया । उक्त तेंदुआ को वन विभाग की टीम चाहती तो जिंदा भी पकड़ सकती थी परंतु तेंदुए को पकड़ने में बरती गई लापरवाही , उस तेंदुए की अकाल मृत्यु का कारण बन गई । अमृत तेंदुए के शरीर को वन विभाग की टीम गाड़ी में डालकर इंदौर ले गई । तेंदुए की मौत ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं सर्वप्रथम क्या वन विभाग झाबुआ टीम उस घायल तेंदुए को प्रारंभिक तौर पर उपचार उपलब्ध नहीं करा सकती थी या फिर उस तेंदुए के लिए पानी व खाद्य सामग्री भी उपलब्ध नहीं करा सकती थी । संभवत घायल तेंदुआ को पानी या खाद्य सामग्री भी उपलब्ध होती ,तो जान बचने की संभावना बन सकती थी । इस फंदे में यदि रात भर से फंसा हुआ है तो पानी व खाद्य सामग्री की आवश्यकता भी हुई होगी । चूंकि यह तेंदुआ एक ही स्थान पर सुबह से ही हलचल कर रहा था । इसके अलावा सबसे बड़ी बात इंदौर की रेस्क्यू टीम को जब सूचना मिल गई ,तो करीब 3 घंटे में भी झाबुआ पहुंचते , तो संभवत: तेंदुए की जान बचाई जा सकती थी । सबसे बड़ी लापरवाही इंदौर रेस्क्यू टीम का देरी से पहुंचना । इंदौर से करीब 5 घंटे में रेस्क्यू टीम झाबुआ पहुंची । शहर के घटनास्थल पर उपस्थित जागरूक नागरिक ने बताया कि करीब 12:30 बजे तक तेंदुआ में हलचल देखी गई और करीब 1:00 बजे टीम रेस्क्यू टीम झाबुआ पहुंची । तो कहीं ना कहीं रेस्क्यू टीम की लेटलतीफी भी मुख्य कारण है । वही जिम्मेदार वन विभाग जिसे यह भी नही पता होता है कि जिले के जंगल में कहां कहां शिकारियों ने इस प्रकार के फंदे और जाल बिछा रखे हैं। शिकारी जाल चाहे जंगली सुवर को पकड़ने के लिये लगाता हो पर है तो वह कानून के विरुद्ध ही।इंदौर की रेस्क्यू टीम 5 घंटे में झाबुआ पहुंच गई ,लेकिन जिले के वन विभाग के डीएफओ घटनास्थल पर नहीं पहुंच पाए ….क्यों क्या कारण है …….? तेंदुए की अकाल मृत्यु के दोषियों को क्या विभाग दंडित करेगा यह विषय नगर में जन चर्चा का विषय बना हुआ है….?
वन विभाग की लापरवाही और रेस्क्यू टीम की लेटलतीफी के कारण घायल तेंदुए को अपनी जान गवाना पड़ी । क्या शासन-प्रशासन इसकी जांच कर कार्रवाई करेगा क्या…..?