झाबुआ

अंकुरम इंटरनेशनल स्कूल में मनाया गया मातृ पितृ पूजन दिवस और पुलवामा अटैक में शहीद हुए सैनिकों के सम्मान मे मौन रखकर श्रद्धांजलि दी

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झाबुआ – एक तरफ इस आधुनिक युग में सोशल मीडिया का प्रचलन अधिक हो गया है और इस कारण 14 फरवरी को लोग वैलेंटाइन डे को सोशल मीडिया के माध्यम व फुल और ग्रीटिंग देकर भी मना रहे थे । वही अंकुरम इंटरनेशनल स्कूल द्वारा शिक्षा के साथ-साथ बच्चों में संस्कारों के निर्माण को लेकर 14 फरवरी को पितृ पूजन दिवस मनाया गया और साथ ही पुलवामा अटैक में शहीद हुए सैनिकों के लिए 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।


बच्चों ने मातृ पितृ पूजन दिवस के आयोजन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का प्रारंभ प्रार्थना से हुआ। कार्यक्रम में प्री प्राइमरी एवं प्राइमरी के बच्चे अलग-अलग समय पर सहभागी हुए। अंकुरम इंटरनेशनल स्कूल की डायरेक्टर डॉ. चारुलाता दवे ने कार्यक्रम के शुरुआत में बच्चों को 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा अटैक के बारे में बताया गया । और आतंकी हमले में शहीद हुए वीरों के बारे में जानकारी दी ।यह भी बताया कि इसी दिन देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शहीद भगतसिंह, राजगुरू, सुखेदव को भी फांसी दी गई थी । इसलिए 14 फरवरी का दिन वीर शहीदों और सपूतो के लिए भी जाना जाता है । अगली कड़ी में अंकुरम इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों और स्टाफ द्वारा इस विशेष अवसर पर धरातल स्थल पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम रखकर पुलवामा आतंकी हमले में शहीदों.हुए सैनिक और शहीद तीन वीर सपूतों के सम्मान में 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।


मातृ पितृ दिवस मनाया गया….।

कलेक्टर सोमेश मिश्रा द्वारा दिए गए आदेश अनुसार अंकुरम इंटरनेशनल स्कूल द्वारा मातृ पितृ पूजन मनाया गया । माता पिता दिवस जिसे मातृ पितृ पूजन दिवस भी कहा जाता है । स्कूल के प्राचार्य रितेश लिमये ने बच्चों को मातृ पितृ दिवस के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हर साल 14 फरवरी को मनाया जाने वाला त्यौहार है। इस दिन सभी धर्मों के बच्चे अपने माता-पिता की पूजा करते हैं और उन्हें तिलक लगाकर माला पहना कर उनका आशीर्वाद लेते हैं। यह त्यौहार भगवान गणेश द्वारा किए गए शिव और पार्वती के पूजन से अपनी प्रेरणा लेता है। यह दिन माता पिता को समर्पित है जो अपने बच्चों को वह सम्मान, प्यार और देखभाल देते हैं जिसके वे हकदार हैं। मातृ – पितृ दिवस भारतीय बच्चों में हमारी भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों की विरासत के महत्व को जगाने के लिए है।.जानकारी देने के पश्चात शिक्षिकाओं के निर्देशन में बच्चों से क्राफ्ट के द्वारा बेस्ट पेरेंट्स की ट्रॉफी बनवाई गई। इस तरह कार्यक्रम का सफलता पूर्वक समापन हुआ।

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