झाबुआ – एक तरफ जहा आधुनिक युग में आमजन सोशल मीडिया के माध्यम से और फूल और ग्रीटिंग के माध्यम से 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मना रहे थे वही वनवासी कल्याण परिषद (गोपाल कॉलोनी) झाबुआ अध्यक्ष मनोज अरोरा और उनकी टीम द्वारा हिंदू संस्कृति को जगाए रखने के उद्देश्य को लेकर वैवाहिक जोड़ों का सम्मान किया गया , मातृ पितृ पूजन दिवस मनाया और पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए वीरों के सम्मान में 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की ।
वनवासी कल्याण परिषद (गोपाल कॉलोनी )झाबुआ आश्रम पर कार्यक्रम दोपहर करीब 2:00 बजे प्रारंभ हुआ । इसमें मुख्य रूप से शरद शास्त्री , सचिव उपाध्यक्ष जयेंद्र बैरागी , मुख्य अतिथि दीपेश सकलेचा( बबलू ), हेमेंद्र (नाना) राठौर , अल्केश नायक ,पर्वत सिंह चौहान , सुशील सिसोदिया, भट्ट साहब अखिल त्रिवेदी सुशील सिसोदिया सोसाइटी प्रबंधक, निर्मला अजनार , रतनी विशेष रूप से उपस्थित थे । जानकारी देते हुए वनवासी कल्याण परिषद अध्यक्ष मनोज अरोड़ा ने बताया कि जहां एक तरफ लोग आधुनिक युग का पर्व वैलेंटाइन डे मना रहे थे वहीं हमने हिंदू संस्कृति को जीवित रखने के उद्देश्य को लेकर , 11 वैवाहिक जोड़ों का सम्मान किया गया । अध्यक्ष ने सभी विवाहित जोड़ों का तिलक लगाकर और माला पहनाकर सम्मान किया गया और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए मंगलकामनाएं की । इसके बाद अध्यक्ष मनोज अरोड़ा ने मातृ पितृ पूजन दिवस बच्चों के साथ मनाते हुए बताया कि माता पिता दिवस जिसे मातृ पितृ पूजन दिवस भी कहा जाता है । और बच्चों को मातृ पितृ दिवस के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हर साल 14 फरवरी को मनाया जाने वाला त्यौहार है। इस दिन सभी धर्मों के बच्चे अपने माता-पिता की पूजा करते हैं और उन्हें तिलक लगाकर माला पहना कर उनका आशीर्वाद लेते हैं। यह त्यौहार भगवान गणेश द्वारा किए गए शिव और पार्वती के पूजन से अपनी प्रेरणा लेता है। यह दिन माता पिता को समर्पित है जो अपने बच्चों को वह सम्मान, प्यार और देखभाल देते हैं जिसके वे हकदार हैं। मातृ – पितृ दिवस भारतीय बच्चों में हमारी भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों की विरासत के महत्व को जगाने के लिए है । और मातृ पितृ पूजन का आयोजन भी किया गया । इसके मनोज अरोडा ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा अटैक और आतंकी हमले में शहीद हुए वीरों के बारे में जानकारी दी । यह भी बताया कि इसी दिन देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शहीद भगतसिंह, राजगुरू, सुखेदव को भी फांसी दी गई थी । इसलिए 14 फरवरी का दिन वीर शहीदों और सपूतो के लिए भी जाना जाता है । इसके बाद कवि चौहान द्वारा महाराणा प्रताप की कविता का पठन किया गया ।वही जयंत बैरागी ने देश के प्रांतों के बारे में जानकारी दी व संस्कृति के बारे में विस्तार रूप से बताया ।कार्यक्रम का सफल संचालन शरद शास्त्री ने देश का इतिहास बारे में जानकारी देते हुए किया । अंत उपस्थित जनों ने पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए वीरों के सम्मान में और शहीद वीर सपूतों के भी सम्मान में 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की ।।अंत में अध्यक्ष मनोज अरोड़ा ने सभी का आभार माना ।