झाबुआ

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गुजरात और राजस्थान की सीमा पर मध्य प्रदेश की लगी ग्राम पंचायत झारनी विकास   की बाट जो रही है

झाबुआ से नयन टवली की खबर ✍️

झाबुआ जिले के उत्तरी छोर पर बसा ग्राम पंचायत धारणी जो गुजरात और राजस्थान की सीमा से लगा मध्य प्रदेश का अंतिम गांव है इसकी आबादी करीबन 3500 के आसपास है गांव विकास के बाट जो रहा है कहने को तो यह सीमावर्ती ग्राम पंचायत है परंतु गुजरात और राजस्थान को जोड़ने वाली सड़कें बदहाल अवस्था में है सड़के पूरी उखड़ चुकी है और गड्ढों में तब्दील हो चुकी है
तो दूसरी और मध्यप्रदेश और गुजरात को जोड़ने वाली सड़क पर स्थित पुलिया जो कच्चा है और गड्ढों में तब्दील हो चुका है बरसात में यह मार्ग नाले पर पानी आ जाने से अवरुद्ध हो जाता है जिससे राहगीरों के साथ ग्राम वासियों को भारी तकलीफों का सामना करना पड़ता है
उक्त संदर्भ में आज हमने उक्त गांव का भ्रमण किया और वास्तविकता को जानने का प्रयास किया ग्राम पंचायत के सरपंच जो भाजपा समर्थक है तान सिंह डामोर जी ने बेबाक ढंग से बताया कि मैंने मुख्यमंत्री से लगाकर बीजेपी के सांसद गुमान सिंह डामोर और जिला प्रशासन के आला अधिकारियों एवं पूर्व विधायक कल सिंह भाभर को कई बार गांव के विकास के लिए और इन रोडो के डामरीकरण के लिए आवेदन दिए परंतु आज दिनांक तक ना तो मुख्यमंत्री ने सुनवाई की ना सांसद ने की और ना ही आला अधिकारियों ने की इससे वह बेहद नाराज नजर आए उनका कहना था कि केंद्र की सरकार और प्रदेश के मुख्यमंत्री गांव के विकास की बात करते हैं पर हमारी ग्राम पंचायत और गांव आज भी विकास की बाट जो रहा है इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है
सरपंच साहब का कहना है कि 5 साल बाद जब विधानसभा के चुनाव आएंगे पंचायत के चुनाव आएंगे तब मतदाताओं के पास क्या संदेश लेकर जाएं इसकी चिंता भाजपा नेता और जनप्रतिनिधियों के साथ भाजपा की सरकार को गंभीरता से करना चाहिए ताकि गांव में भी भाजपा का वातावरण बना रहे
सरपंच ने हमें बताया कि ग्राम पंचायत में एक शासकीय उचित मूल्य की दुकान भी है और शासन की नीतियों के अनुसार ग्राम वासियों और आदिवासियों को कोरोना काल में निशुल्क खाद्य सामग्री वितरण करने का आदेश देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने दीया है परंतु यहां का सेल्समैन आदिवासी उपभोक्ताओं को शासकीय उचित मूल्य की दुकान से पूर्ण समान खाद्यन का वितरण नहीं करता है और उक्त खाद्य सामग्री को ब्लैक में बेच देता है या उपभोक्ताओं को महंगे दामों पर वितरित करता है सरपंच साहब का कहना है कि शासकीय उचित मूल्य की दुकान यहां पर शासकीय भवन उपलब्ध है फिर भी शासकीय उचित मूल्य की दुकान निजी मकान पर क्यों संचालित की जा रही है उनकी मांग है कि उक्त शासकीय उचित मूल्य की दुकान को शासकीय भवन जो रिक्त पड़ा है उसमें लाकर वहीं से संचालित की जाए सरपंच ने हमारे समाचार के माध्यम से जिला प्रशासन के मुखिया से मांग की है कि मध्य प्रदेश की सीमा का यह अंतिम ग्राम और यहां से गुजरने वाली राजस्थान और गुजरात की ओर जाने वाली सड़क मार्गो को शीघ्र डामरीकरण कर उसे सुधारने का कार्य चालू किया जाए ।।

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