नगर में सिर्फ 15 दिन मिलता है पानी ओर नगरपालिका वसूलती हैे पूरे महीने की रकम,जलकर की रकम बढाने के विरोध में नगर में जनसहयोग से किया जासकता है नगर बंदवार्ड क्रमांक 5 के पार्षद नरेन्द्र संघवी ने जताया विरोध
झाबुआ । नगरपालिका द्वारा जनता को मूलभूत सुविधायें देने का दायित्व होता है, ओर इसके बदले नगरपालिका प्रतिवर्ष नागरिकों से टेक्स भी वसूलती है । नगरपालिका परिषद द्वारा नगर में जल प्रदाय करने का जिम्मा लिया हुआ है, पूर्व में नगर में जल प्रदाय लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के माध्यम से होता था तथा जल प्रदाय शुल्क 12 से 15 रूपये प्रति नल कनेक्शन लिया जाता रहा है। नगरपालिका झाबुआ ने जब से पीएचई से उक्त व्यवस्था हेण्डेड ओव्हर की है तब से जल प्रदाय व्यवस्था पूरी तरह लडखडा चुकी है तथा नागरिकों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति भी पर्याप्त रूप से नही हो पारही है। विगत दिनों कांग्रेस बहुमत वाली नगरपालिका परिषद ने नलो से प्रदाय किये जाने वाले जल का मासीक शुल्क 200/रुपये प्रतिमाह कर दिया है जिसे लेकर नगर के जल उपभोक्ताओं में आक्रोश साफ साफ दिखाइ्र दे रहा है। वार्ड क्रमांक 5 के पार्षद नरेन्द्र संघवी ने इसे लेकर अपना प्रखर विरोध दर्ज कराते हुए कहा है कि नगरपालिका झाबुआ ने नगर की जनता तथा वार्ड के कइ्र पार्षदों को विश्वास मंे लिये बगैेर ही नल जल प्रदाय का चार्ज 200 रुपये कर दिया है। श्री संघवी ने कहा कि नगर में जलकर के शुल्क मे बढोत्तरी को लेकर हमने विरोध भी दर्ज कराया था । लेकिन नगरपालिका परिषद में हमारा बहुमत नहीं होने से यह बढोत्तरी करने का प्रस्ताव पास हो गया था । हमे जनता के अधिकारों को लेकर सडक पर उतरना पडेगा । जिस प्रकार कोविड-19 के दोरान नगर में दुकाने बंद रखी गई थी, इसी तरह नगरवासी एक दिन जलकर के विरोध में नगर बंद रखने का आव्हान करें । श्री संघवी के अनुसार उन्होने कइ्र बार सीएमओ नगरपालिका को बता भी चुके है कि नगर में ं एक रोज छोड़कर पानी एक समय ही दिया जा रहा है । महीने के 15 रोज ही वास्तव में जल प्रदाय हो पाता है। जबकि रोज नल देने का प्रस्ताव पारित किया गया है । और अगर संयोग से पाइपलाइन फूट जाती है तो 5 दिन पाइप लाइन फूटीलाइन जोड़ने में लग जाते है वे 5 दिन भी कम हो जाते हैं तो महीने में 10 से 15 दिन ही नल आते हैं । इसलिये 15 दिन जल प्रदाय का चार्ज 200 रुपये बहुत ज्यादा है । पार्षद नरेन्द्र संघवी का कहना है कि आम जनता का सहयोग इसमें मिले इसके लिये वे जनता से आव्हान कर रहे है कि सिर्फ 15 दिन पानी देने वाली नगरपालिका पूरे महीने के 200 रुपये किस आधार पर वसुल रही है, इसके लिये सडकों पर आकर बिना आन्दोलन किये हक्क मिलना मुश्किल है। नगरपालिका झाबुआ द्वारा घर घर जाकर जलकर की राशि की वसुली कर रही है, यहां तक तो ठीक लेकिन जिन लोगों के नल कनेक्शन तक कट चुके हे उनके भी बिल नगरपालिका देरही हे। जिससे नगर के नागरिकों में व्यापक असंतोष है। उन्होने नगरपालिका परिषद से अनुरोध किया है कि पारित प्रस्ताव के अनुसार नगर में प्रतिदिन पेय जल का प्रदाय किया जावे या ्िफर आधे महीने प्रदाय होने की स्थिति में उस मान से आधा बिल दिया जाना चाहिये । उक्त प्रस्ताव झाबुआ की जनता की कमर तोडने वाला हे इस पर पुनर्विचार किया जाना जरूरी है।
नगरपालिका परिषद झाबुआ की जलप्रदाय की कार्यप्रणाली एवं नगर की जनता के शोषण को लेकर वनवासी कल्याण परिषद झाबुआ के नगर अध्यक्ष मनोज अरोडा ने भी अपना विरोध दर्ज कराते हुए मांग की है कि नगरपालिका पारित प्रस्ताव पर पुनर्विचार करे तथा जनता को राहत मिले ऐसे कदम उठावे ।