झाबुआ

तेलीवाड़ा के मशहूर सट्टे के सरगना पर भी निगाहे रखो साहब

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अब माहरे एक जनों फिर मिलियो वो बतई रियो थो की भैया एसो काम चल रियो है ।

झाबुआ से नयन टवली कि खबर ✍️

सट्टे का सरगना तेलीवाडा में चला रहा जोरो सोरो से सट्टा क्यो क्योकि वो कहावत तो आप ने भी सुनी होगी ।

*न चले हल , न चले कुल्हाड़ी घर बैठे सट्टा , देने आवे सट्टे के व्यापारी*

कहने वाले कहते है कि सट्टे का सरगना अपना सट्टे का अड्डा जोरो सोरो से चला रहा है , लोगो को दिखाने ओर पुलिस से बचने के लिए सट्टे के सरगना के घर पर ताला बहार से लगा रहता है , घर इतना बड़ा है कि इंसान आगे से पीछे के रास्ते कब गायब हो जाए पता नही चलता  पर अंदर खाने खिड़की से पर्चियां अंदर जाती है , लोग कहते है कि साठे तीन रुपये पर ब्याज के पैसे देता है सट्टे का सरगना सोचिए जो पहले खुद बर्फ गोले की गाड़ी लगता हो और पैसे लेता हो ब्याज पर अब वो लोगो को देता है उसके पास दो मोबाइल है जो इनके गुर्गो के पास रहते है उसी के माध्यम से खाईवाली का अंधा धंधा उसने चला रखा है , ओर तो ओर कई बीसी भी सट्टे के सरगना ने चला रखी है शाम को अपने सोक मौज मस्ती में  प्यालो का भी लुफ्त उठता है , सट्टे के सरगना हर काम अलग – अलग तरीको से करता है  ताकि पुलिस को पता न चले की गोलमाल है भई सब गोलमाल है की शूटिंग चल कहा से रही है , अब देखते है कितने दिन ओर यह कारोबार चलता है ।।

साहब मुख्य जगहों पर इन सट्टे बाजो का कब्जा ओर चैराहो – चौराहों पर इनकी बाते ये साबित करती है ही प्रसाशन इनकी ओर अपना ध्यान नही दे रहा इसलिए ही झाबुआ भी सट्टे का गढ़ बनते जा रहा है ओर 1 के 10 के चक्कर मे कई युवा बर्बादी की कगार पर है और कई लोगों का पुराना इतिहास बताता है कि इसका खामियाजा अपनी जान गवाकर भी कइयों ने चुकाया है ।

खबर के माध्यम से प्रशासन को सतर्क करना हमारा दायित्व है और इन लोगो पर कार्यवाही करना आप का ।

ये तो फिर भी प्यादा है , बड़े बड़े कारोबारियों की कहानियां भी हम जल्द आप के सामने लाएंगे ।

बने रहिए हमारे साथ क्यो क्योकि

नाम टवली है मेरा 😎
सब की खबर रखता हूं 🙏

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