झाबुआ

आज़ाद यह बलिदान तेरा याद रहेगा – आज़ाद है सारा वतन आज़ाद रहेगा ” भेरूसिंह चौहान”तरंग” _

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झाबुआ/ अखिल भारतीय साहित्य परिषद के बैनरतले शासकीय माध्यमिक विद्यालय,नरसिंहपुरा में आजादी के महासमर में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर बलिदानी क्रांतिकारी शहीद चंद्रशेखर आज़ाद का बलिदान दिवस प्रभारी प्राचार्य दिनेश धुंध के मार्ग दर्शन में वरिष्ठ साहित्यकार कवि पी. डी.रायपुरिया के मुख्य आतिथ्य , अखिल भारतीय साहित्य परिषद के जिलाध्यक्ष साहित्यकार कवि भेरूसिंह चौहान “तरंग”की अध्यक्षता एवं कवि जगदीश राघव के विशेष आतिथ्य में “एक शाम आज़ाद के नाम” कार्यक्रम का आयोजन किया गया । सर्व प्रथम उपस्थित अतिथि पी. डी.रायपुरिया, भेरुसिंह चौहान “तरंग” प्रभारी प्राचार्य दिनेश धुंध एवं प्रधानाध्यापक एम. के. गौड द्वारा मां सरस्वती व शहीद चंद्रशेखर आज़ाद के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित किया गया । साथ ही समस्त स्टॉफ एवं विद्यार्थियों ने भी पुष्प अर्पित किए। तत्पश्यात सरस्वती वंदना कु.प्रतिभा, मनीषा, आशा एवं रोशनी ने प्रस्तुत की ।
इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों का पुष्प मालाओं से स्वागत संस्था के स्टॉफ द्वारा किया गया । मंचीय कवि जगदीश राघव ने अपने विचार व्यक्त करते हुए देश भक्ति रचना “हे नमन उस शौर्य को जो प्राण का संचार कर दे- देश पर अपने को न्योछावर जो बारंबार कर दे , हे नमन उस वीर को जो तिरंगे में पड़ा है …..प्रस्तुत कर वाह वाही लूटी । साहित्यकार मंचीय कवि भेरूसिंह चौहान “तरंग” ने अपने विचार व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों से कहा की आप पढ़ लिखकर जो भी बने नेता मंत्री बने , अच्छे अच्छे पदों पर आसीन हो ,लेकिन सबसे पहले चंद्रशेखर आज़ाद भगतसिंह, सुभाषचंद्र बोस ,महाराणा प्रताप , बिरसा मुंडा, टंट्या मामा जैसे देश भक्त बने ।अपने अंदाज में वीर रस की शहीद चंद्रशेखर आज़ाद को समर्पित रचना “आज़ाद यह बलिदान तेरा याद रहेगा – आज़ाद है सारा वतन आज़ाद रहेगा ” सुनाकर तालियां बटोरी । इसके साथ ही उन्होंने कई रचनाएं सुनाकर सभी को सराबोर किया । साहित्यकार कवि पी. डी. रायपुरिया ने अपनी देश भक्ति रचना सुनाकर सभी का मन मोह लिया । कवि मकनसिंह खपेड़ ने अपनी कविता “आज उनकी दी हुई आजादी में हम आज़ाद नहीं है – अरे तुम आज़ाद की आज़ादी का पाठ नहीं पढ़ा सकते हो ” सुनाई । एम. के. गौड़ ने भी वीर रस की कविता सुनाई । कांतिलाल मनसारे ने भी अपनी बात को पटल पर रखते हुए गीत सुनाया । सभी ने एक से बढ़कर एक अपनी काव्य रचना से सभी को बांधे रखा ।
इस अवसर पर कार्यक्रम के दौरान साहित्यकार कवि भेरूसिंह चौहान “तरंग” ने शहीद चंद्रशेखर आज़ाद पर केंद्रित स्वरचित काव्य संग्रह “आज़ाद तेरे नाम ” संस्था को भेंट की । कार्यक्रम का सफ़ल संचालन मकनसिह खपेड़ एवं आभार व्यक्त किया कांतिलाल मनसारे ने ।
इस अवसर पर गणमान नागरिक ,समस्त शिक्षक स्टॉफ ग्रेवियल कटारा,विजय बिलवाल, बाबूसिंह हिहोर, शैलेंद्रसिंह चौहान, हेमसिंह भूरिया,जी.कटारा, श्रीमती वेरोनिका मेड़ा,श्रीमती नर्मदा चौहान एवं विद्यार्थी उपस्थित थे ।

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