झाबुआ

आओ पता लगाएं :- वह कौन सूरजमल एंड संस है जो सामग्री के दुगूनी राशि के बिल दे रहा है और भुगतान के लिए कह रहा है…..?

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झाबुआ- मध्यप्रदेश राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा प्रदेश के समस्त कलेक्टरों को पत्र के माध्यम से एकीकृत शाला निधी के उपयोग के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं । समग्र शिक्षा अभियान की गाइडलाइन के अनुसार वार्षिक अनुदान की दरों को शालाओं में दर्ज छात्र संख्या के आधार पर तय किया गया है और समग्र शिक्षा अभियान के तहत वार्षिक अनुदान में नामांकन के आधार पर ही दरों पर स्वीकृति दी गई है । इसके अलावा राज्य शिक्षा केंद्र ने जिला परियोजना समन्वयक को पत्र के माध्यम से निर्देशित किया, कि समग्र शिक्षा योजना अंतर्गत शाला प्रबंधन समितियों के व्यय, विकासखंड स्तर पर PFMS portal से भुगतान की मदवार जानकारी अनुसार ही कार्य करें । इसके अंतर्गत शाला स्तर के समस्त व्यय जिला या विकासखंड स्तर से कराए जाने के संबंध में निर्देशित किया गया है । साथ ही संदर्भित पत्र क्रमांक 2 के माध्यम से समग्र शिक्षा योजना अंतर्गत राज्य स्तर से प्रति विकासखंड के मान से राशि 1 करोड रुपए व्यय सीमा निर्धारित की गई है । राज्य स्तर से विकासखंड हेतु निर्धारित की गई व्यय सीमा में से विकासखंड सीमा में आने वाली कक्षा एक से आठवीं तक संचालित प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में होने वाली विभिन्न प्रकार के व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु दिशा निर्देश जारी किए गए हैं ।

जिसके अंतर्गत एकीकृत शाला आकस्मिक निधि का भुगतान नामांकन 1 से 30 तक राशि ₹ 10 हजार , 31 से 100 तक ₹. 25 हजार , 101 से 250 तक ₹ 50 हजार , 251 से 1000 तक 75 हजार एवं 1000 से अधिक नामांकन वाली शाला हेतु ₹ 1लाख निर्धारित किए गए हैं । 2. स्पोर्ट्स प्राथमिक शाला हेतु राशि ₹ 5000 एवं माध्यमिक शाला ₹ 10000 प्रति शाला के मान से निर्धारित है 3.स्कूल सेफ्टी के अंतर्गत प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला के rs 2000 के मान से निर्धारित हैं ।। विकासखंड स्तर पर शाला प्रबंधन समिति द्वारा बिल प्रस्तुत करने पर संबंधित विकासखंड द्वारा क्रमांक 1 से 3 में वर्णित मदो अनुसार प्रमाणीकरण प्राप्ति उपरांत भुगतान किया जाना है ।। इस तरह के दिशा निर्देशों के आते ही जिले की एक फर्म ने जिले के कई प्राथमिक व माध्यमिक शाला में माल देने के पहले ही बिल पहुंचा दिए हैं और इन बिलों में तेरह 13 आइटम दर्शाए गए हैं जिनकी संख्या कुल 23 हैं और जिसकी राशि ₹ 5000 बिल में दिख रही है । जब हमने बिल पर गौर किया तो किट बैग राशी रू 460 रुपए दर्शाया गया है जबकि इस तरह के बैग मात्र 200 से ₹ 230 में बाजारों मे आसानी से उपलब्ध हैं । हाइट नापने वाली height scale ₹. 460 बिल मे दर्शाई गई है जबकि इस तरह की स्केल ₹. 250 में बाजार में आसानी से उपलब्ध हो रही है । डिजिटल स्केल जो बाजार में ₹ 450 से लेकर ₹. 750 बाजार में उपलब्ध हैं वह बिल में 1650 रुपए दर्शाए गई हैं । टेनिस बॉल ₹. 30 में बाजारों में उपलब्ध है वही बिल में ₹ 51 दर्शाई गई है । इसके अलावा कैरम बोर्ड की राशि ₹. 650 बिल में है जबकि इस प्रकार के कैरम बोर्ड बाजारों में 250 से ₹ 300 में आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं । लूडो ₹ 30 में बाजार में मिल रहा है जबकि बिल में ₹ 50 हैं प्लास्टिक बॉल बाजारों में 5 से ₹ 10 में उपलब्ध हो रही है वही ₹. 22 बिल में नजर आ रही है । इस बिल में हर सामग्री की दर करीब 50% अधिक है कुछ सामग्री तो दुगनी पर भी दी जा रही है । संपूर्ण खरीदी जांच का विषय है । इस तरह की खरीदी में विशेष रूप से जन शिक्षक और बीआरसीसी का विशेष योगदान रहता है । शाला प्रबंधन समिति तो इनके द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन कर भुगतान करती है । प्राथमिक और माध्यमिक शाला मे खरीदी में एक बड़े घोटाले की आशंका है जिसकी जांच की जाना चाहिए और शासन की राशि का दुरुपयोग ना हो या भ्रष्टाचार ना हो इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए । इस बिल में इस तरह शाला प्रबंधन समितियों के माध्यम से शालाओ में बिल पहुंचाया जा रहे हैं और भुगतान के लिए कहा जा रहा है । जबकि नियमानुसार शाला प्रबंधन समिति की बैठक की जाना चाहिए तथा फमो के कोटेशन के आधार पर वर्क आर्डर निकाले जाने के बाद शाला प्रबंधन समिति द्वारा सामग्री को ओके किए जाने के बाद ही बिल भुगतान के लिए जाना चाहिए । झाबुआ जिले की इस फर्म ने जिले के कई स्कूलों में शालाओं में यह बिल पहुंचा दिए हैं और सामग्री पहुंचाने की बात कही गई है और भुगतान के लिए कहा जा रहा है समस्त सामग्री जन शिक्षक और बीआरसीसी की निर्देशानुसार खरीदी की जा रही है जो कि जांच का विषय है । वनवासी कल्याण परिषद अध्यक्ष मनोज अरोरा ने इस तरह की दुगूनी दर पर सामग्री खरीदी का विरोध करते हुए संपूर्ण प्रक्रिया की जांच की मांग की है तथा सत्यता पाए जाने पर कार्रवाई के लिए आवेदन देने की बात भी कही ।आओ पता लगाएं वह कौन :- सूरजमल एंड ससं से जो सामग्री देने के पहले बिल दे रहा है और भुगतान के लिए कह रहा है….. साथ ही सामग्री की दरें भी बाजार दर से 50% अधिक है या दुगनी है…?

प्राथमिक और माध्यमिक शाला में बच्चों के लिए खरीदी की जाने वाली सामग्री की गुणवत्ता और बिल़ में दर्शाए गए दरों की जांच की बाजार भाव से की जाएगी । तथा दरें अधिक पाए जाने पर संबंधित पर कार्यवाही के लिए आवेदन भी दिया जाएगा….।

मनोज अरोरा , अध्यक्ष , वनवासी कल्याण परिषद झाबुआ.।

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