झाबुआ नगर के थांदला गेट के पास एवं अदिति होटल के पीछे की कॉलोनी का हाल बदहाल है , मूलभूत सुविधाओं से वंचित यह क्षेत्र झाबुआ नगर के बीचों बीच स्थित है , कहने को तो आज नगर पालिका परिषद को साढ़े चार साल के लगभग हो गए पर आज तक न वहाँ पानी , नाली , पक्के मकान जैसे मूलभूत सुविधाएं अभी तक नही पहुची आजादी के 70 वर्ष के बाद हम एक स्वच्छ शहर और विकास शील शहर की बात करते है पर बाते है बातों का क्या सिर्फ कागजों पर ही नगर पालिका परिषद विकास करती है , जमीनी हकीकत तो ओर कुछ बया करती है , जब आज हम उस कॉलोनी में गए तो पता लगा के 2011 से पहले से वहाँ के यह रहवासियो ने पानी और नाली जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए आवेदन किया था 11 साल बाद भी वहाँ मूलभूत सुविधाओं को किनारे कर नगर पालिका परिषद के सभी जनप्रतिनिधियों ने अपना काम बनता , भाड़ में जाए जनता के तर्ज पर आधारित कार्य किया है , यदि नगर के मुख्य जगह पर यह आलम है तो सोचिए नगर के बाहरी छेत्र जो नगर पालिका परिषद के अंतरगत आते है , उनके हाल कैसे होंगे जब मेन मार्केट में कोई जनप्रतिनिधि पूछने नही आता तो नगर के अन्य क्षेत्रों में कोन जाता होगा , वहां के रहवासियों से हमने जब बात की तो उन्होंने हमें बताया कि कई बार हम समस्याओं को लेकर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष और हमारे पार्षद के पास गए हमे बस आस्वासन के अलावा कुछ नही प्राप्त हुआ , ओर हमे तो अब लगता है कि हमे राम भरोसे छोड़ दिया गया है न कोई सुनने वाला न कोई समाधान करने वाला ।
नगर पालिका के मेन बाजार मै वह सफाई कर्मी जो नगर की सफाई करते वह उनको शुद्ध पीने का पानी नसीब हो रहा वह नगर मै अपनी जरूरत का पानी सिर पर उड़कर लाने को मजबूर है नगर पालिका राम भरोसे है मनोज अरोरा वनवासी कल्याण आश्रम परिषद्