सिर्फ रक्त दान दिवस के दिन कार्यक्रम करने से जागरूकता नही आने वाली साहब एक बड़े अभियान की ओर हमे बढ़ना होगा ।
रक्त दान महादान क्यो कहा गया क्योकि यह रक्त किसी मरते हुए व्यक्ति को एक नया जीवन दे सकती है ।
पर आज यह झाबुआ , अलीराजपुर जैसे आदिवासी छेत्रो के लिए एक चुनोती भरा कार्य बन कर हमारे सामने खड़ा है , इसका सबसे बड़ा कारण भ्रांति ओर गलतफहमी है जो हमारे ग्रामीण अंचल में फैली है , कई बार हमने यह देखा सुना कि ग्रामीण क्षेत्र का कोई व्यक्ति यदि बीमारी के या रक्त की कमी है कारण जिला अस्पताल आता है , तो वह सबसे पहले किसी नगर के व्यक्ति को ढूढ़ता है ताकि उसे रक्त मिल सके , यदि वह व्यक्ति खुदा न खस्ता अगर टाइम पर नही पहुँचता या किसी काम मे उलझ जाए तो वह पैसे के दम पर रक्त की खोज में जुट जाता है , अगर मरीज सीरियस भी हो तो भी अपना रक्त देने में कतराता है भले वो उसका पुत्र हो भाई हो माता हो पिता हो या खुद की जीवन संगिनी ओर कई बार तो मैने खुद ही ग्रामीण क्षेत्र के व्यक्तियों से बात की जब में स्वयं जिला अस्पताल रक्त देने गया तो उनका कहना है कि
हमू तोप मा काम करीई , हमू कमजोर से , हमू हल हाकीई घेर नो काम करीई हमू मरीई जाई तेर
मतलब अगर हम हमारा रक्त देगे तो मर जायेंगे तो मैने कहा कि में भी तो तुम्हारे यहाँ के व्यक्ति जो बीमार है उसे मेरा रक्त दे रहा हु तो उनके पास कोई जवाब नही होता और ऊपर से कहते है कि रुपिया आल दी जेतरा जोवे एतरा पर हमू लोई नी आलहू
इसका सीखा अर्थ रह है कि आज 21 वी सदी में हम नए भारत की बात करते है पर सरकार और प्रशासन द्धारा आज तक न कोई शिवर न कोई बड़ा जागरूकता अभियान कार्यक्रम नही चलाया गया जिससे हम हमारे ग्रामीण क्षेत्रों के भाइयो बहनों की मानसिकता को बदल सके और उन्हें रक्त दान महादान की ओर जागरूक कर सके ।
बहुत से व्यक्ति का समूह झाबुआ , थांदला , पेटलावद में यह नेक कार्य कर रहे है , उन सभी की मदद लेकर जनप्रतिनिधियों ओर सामाजिक संगठनों और कई ऐसे संगठनों को साथ लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को जागरुकता अभियान लंबे समय के लिए चलना चाहिए ताकि हर एक व्यक्ति जागरूक हो और ज्यादा से ज्यादा रक्त दान करे , बयान – मांगीलाल भूरिया युवा तरुणाई
इस खबर में माध्यम से हम प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को इस गंभीर समस्या की ओर उनका ध्यान आकर्षित करना चाहते है ताकि झाबुआ ओर अन्य जिलों में कोई व्यक्ति भी खून की कमी से अपनी जान न गवाएं ।