झाबुआ

नगरपालिका कार्यालय के बाहर महिलाओं ने पानी से भरी मटकियां फोड़कर शहर की लड़खड़ाती जल व्यवस्था को लेकर जताया विरोध

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वनवासी कल्याण परिषद् की ओर से नगरपालिका सीएमओ को ज्ञापन सौंपा गया, शहर की जल प्रदाय व्यवस्था में सुधार करने एवं जलकर की बढ़ाई राशि वापस लेने की प्रबल मांग की
झाबुआ। ग्रीष्मकाल आने के बाद भी शहर की जल प्रदाय व्यवस्था लचर होने एवं नगरपालिका तथा पीएचई विभाग द्वारा इस लचर व्यवस्था को दुरस्त करने में बरती जा रहीं लापरवाही और जल कर की मनमानी राशि वसूलने और तानाशाही आदि का विरोध वनवासी कल्याण परिषद् झाबुआ के बेनर तले शहर की मातृ शक्तियों और रहवासियों ने मिलकर किया।
7 मार्च, सोमवार को दोपहर 11.30 बजे वनवासी कल्याण परिषद् एवं भाजपा से जुड़े समस्त पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं के साथ शहर के विभिन्न वार्डों की महिलाएं और रहवासी नपा कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में एकत्रित हुए और यहां नगरपालिका हाय-हाय एवं नगरपालिका पानी के बढ़े हुए बिलों की राशि वापस लो … के नारों के साथ शहर की लचर जल व्यवस्था एवं जलकर की राशि बढ़ाए जाने का उम्र विरोध किया गया। सभी महिलाएं अपने घरों से पानी से भरी मटकियां भी लेकर आई और यह मटकी नगरपालिका के अधिकारियों तथा सब-इंजनियर के सामने फोड़कर शहर की जल प्रदाय व्यवस्था में सुधार नहीं होने और बढ़ी हुई जलकर की राशि कम नहीं होने पर आगामी दिनों में नगरपालिका कार्यालय का घेराव कर अधिकारी-कर्मचारियों को जूतों की माला पहनाने की भी धमकी दी गई।
जलप्रदाय की राशि प्रतिमाह 50 रू. की जाए
इस दौरान नगररपालिका सीएमओ एलएस डोडिया को झाबुआ शहर की जनता की ओर से वनवासी कल्याण परिषद् के बेनर तले एक ज्ञापन भी सौंपा गया। जिसमें उल्लेख किया गया कि शहर के नागरिकों को पूर्व में 12 रू. प्रतिमाह के हिसाब से घरों में जलप्रदाय किया जाता रहा है। कांग्रेस शासित नगर परिषद् ने उक्त राशि प्रतिमाह 200 रू. कर दी गई है। यह राशि शहर के नागरिकों पर अतिरिक्त भार के समान है। जिले के थांदला नगर में प्रतिदिन जल प्रदाय किया जाता है और इसके लिए प्रतिमाह 50 रू. शुल्क लिया जाता है, जबकि झाबुआ शहर में प्रतिदिन जलप्रदाय नहीं होने के बावजूद इतनी अधिक राशि ली जा रहीं है, जिसे घटाकर थांदला की भांति झाबुआ मं भीे 50 रू. प्रतिमाह की जाए।


प्रतिदिन एवं निर्धारित समय पर हो जलप्रदाय
शहर के लिए 47 करोड़ रूपए की नई पेयजल योजना तैयार की गई थी। तब परिषद् ने दावा किया था कि नई योजना आने के बाद शहर के घरों में प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में जलप्रदाय किया जाएगा, लेकिन जब योजना से जल वितरण शुरू कर दिया गया, तब भी प्रतिदिन जल प्रदाय नहीं किया जा रहा है। ऐसे में मांग है कि शहर के प्रत्येक घरों में प्रतिदिन कम से कम एक घंटे निर्बाध रूप से जलप्रदाय किया जाए। शहर में आधे घर और आधे क्षेत्र अभी तक नई जल प्रदाय योजना से नहीं जोड़े गए है। पूर्व में 23 किमी लाईन बिछाई गई थी। 20 किमी के लिए राशि आने के बाद भी नई लाईन नहीं डाली जा रहीं है। इसका कार्य अतिशीघ्र पूर्ण कर शहर के सभी घरों में कनेक्शन दिया जाए।
आए दिन फूट जाती है पाईप लाईन और लिकेज होते है वाल्व
शहर में नई पेजयल लाईन की मेन लाईन एवं सप्लाय लाईन कई जगह से टूट-फूट रहीं है। बार-बार वाल्व लिकेज हो जाते है। कई जगह ड्रेनेज से लगी लाईन भी फूट जाती है। गंदा पानी पाईप में आने से घरों में सप्लाय हो रहा है। पाईप लाईन फूटने से सड़कों को भी नुकसान हो रहा है, इसलिए तुंरत मेन लाईन एवं सप्लाय लाईन में सुधार किया जाए। शहर में 4-5 स्थानों पर जन-सहयोग से वाटर कूलर एवं प्याऊ स्थापित किए गए है, यह सभी वर्तमान में बंद है। गर्मी को दृष्टिगत रखते हुए इन सभी प्याऊ को चालू किया जाए एवं इनमें स्वच्छ जल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। ज्ञापन बाद इस मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन शहर के समस्त रहवासियों को नपा सीएमओ श्री डोडिया की ओर से दिया गया। ज्ञापन का वाचन हिमांशु त्रिवेदी ने किया।
यह रहे उपस्थित
ज्ञापन सौंपते समय मुख्य रूप से वनवासी कल्याण परिषद् के झाबुआ अध्यक्ष मनोज अरोरा, भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिला महामंत्री मयूर पवार, जिला मंत्री हेमेन्द्र नाना राठौर, आईटी सेल प्रभारी स्वीट गोस्वामी, भाजपा जिला मीडिया प्रभारी योगेन्द्र नाहर, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला महामंत्री सोनू अली सैयद, भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता हाजी लाला पठान, भाजपा के पूर्व झाबुआ मंडल अध्यक्ष दीपेश बबलू सकलेचा, पार्षद नरेन्द्र राठौरिया एवं नरेन्द्र संघवी, पिछड़ा वर्ग मोर्चा की पूर्व पदाधिकारी श्रीमती चेतना चौहान के साथ अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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