झाबुआ

यदि कोई नारी कुछ करने का निश्चय कर ले तो वह उस कार्य को करे बिना पीछे नहीं हटती है- किरण शर्मा

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महिला पतंजलि योग समिति ने मनाया विश्व महिला दिवस ।

झाबुआ । स्त्री को सृजन की शक्ति माना जाता है अर्थात स्त्री से ही मानव जाति का अस्तित्व माना गया है। इस सृजन की शक्ति को विकसित-परिष्कृति कर उसे सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक न्याय, विचार, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, अवसर की समानता का सु-अवसर प्रदान करना ही नारी सशक्तिकरण का आशय है। उक्त बात महिला पतजंलि योग समिति द्वारा प्रातः 7-30 बजे गायत्री शक्तिपीठ झाबुआ मे महिलाओं के योगाभ्यास के बाद आयोजित कार्यक्रम में स्त्री शक्ति की प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती किरण शर्मा ने व्यक्त किये । पतंजलि महिला योग समिति द्वारा आयोजित विश्व महिला दिवस के अवसर पर बडी संख्या मंे महिलाये उपस्थित रही ।
इस अवसर पर योग गुरू सुश्री रूकमणी वर्मा ने कहा कि नारी समाज का एक महत्वपूर्ण अंग है जिसके बिना समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। नारी के अंदर सहनशीलता, धैर्य, प्रेम, ममता और मधुर वाणी जैसे बहुत से गुण विद्यमान है जो कि नारी की असली शक्ति है। यदि कोई नारी कुछ करने का निश्चय कर ले तो वह उस कार्य को करे बिना पीछे नहीं हटती है और वह बहुत से क्षेत्रों में पुरूषों से बेहतरीन कर अपनी शक्ति का परिचय देती है। उन्होने कहा कि प्राचीन काल से ही हमारे समाज में झाँसी की रानी, कल्पना चावला और इंदिरा गाँधी जैसी बहुत सी महिलाएँ रही है जिन्होंने समय समय पर नारी शक्ति का परिचय दिया है और समाज को बताया है कि नारी अबला नहीं सबला है। आधुनिक युग में भी महिलाओं ने अपने अधिकारों के बारे में जाना है और अपने जीवन से जुड़े निर्णय स्वयं लेने लगी है। आज भी महिला कोमल और मधुर ही है , लेकिन उसने अपने अंदर की नारी शक्ति को जागृत किया है और अन्याय का विरोध करना शुरू किया है।
इस अवसर पर मोना गिडवानी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज के युग में नारी भले ही जागरूक हो गई है और उसने अपनी शक्ति को पहचाना है लेकिन वह आज भी सुरक्षित नहीं है। आज भी नारी को कमजोर और निस्सहाय ही समझा जाता है। पुरूषों को नारी का सम्मान करना चाहिए और उन पर इतना भी अत्याचार मत करो की उनकी सहनशीलता खत्म हो जाए और वो शक्ति का रूप ले ले क्योंकि जब जब नारी का सब्र टूटा है तब तब प्रलय आई है। नारी देवीय रूप है इसलिए नारी शक्ति सब पर भारी है। नारी से ही यह दुनिया सारी है।
मायापंवार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम सब को नारी शक्ति को प्रणाम करना चाहिए और आगे में उनकी मदद करनी चाहिए क्योंकि यदि देश की नारी विकसित होगी तो हर घर, हर गली और पूरा देश विकसित होगा। इस अवसर पर रजनी पाटीदार, श्रीमती शिवकुमारी सोनी, विनीता टेलर,साधना अत्रे, भावना टेलर, मोना गिडवानी सोनल कटकानी, श्रीमती जरिना अंसारी, निधीता रूनवाल, राधा पटेल, लीना पटेल, किरण पाटीदार शर्मीला कोठारी, श्रुति जेन, शालू बाबेल, शीतल कटकानी ने भी नारी शक्ति पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सभी महिलाओं ने एक दुसरें को विश्व महिला दिवस की बधाईया दी ।

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