झाबुआ

झाबुआ नगर के बीच बाजार चल रहे अवैध बूचड़खाने ।

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झाबुआ से नयन टवली की खबर ✍️

झाबुआ नगर को शांति प्रिय शहर कहा जाता है , पर यहां मेंन मार्केट में वार्ड क्रमांक 7 झाबुआ शहर की कोई भी महिला कुमारवाड़ा यानी कि कुम्हारों के घर तक मटकी तवा घरेलू सामान लेने के लिए नहीं जा सकती है कुमार वाडा जाने वाले समस्त रास्तों पर मीट की दुकानें रोड पर लगी है एवं रोहितदास मार्ग में अदेव बूचड़खाने सरे आम चल रहे है , बकरा , मुर्गा एवं अन्य जीव जंतुओं को मार कर सरे आम बेच रहे है , आस पास की आम जनता बहुत परेशान है बहुत बदबु आती है वहाँ रहना मुश्किल होता जा रहा है , कई रहवासियों ने वहाँ से निकलना बंद कर दिया है , आस पास रहने वाले बच्चो ने गलियों में खेलना बंद कर दिया , जीव , जन्तुओ को मार कर उनका गंदा खून नालियों में बहाया जाता है , जिसके कारण वहां रह रहे आम नागरिकों को अनेको बीमारियां होने का भी डर है , कई बार शिकायत करने के बाद भी यह अवैध व्यपार बंद नही हुआ जब कि आज पास कई मंदिर है जैसेकि शंकर मंदिर , जेन मंदिर वहाँ अनेको श्रद्धलुओं का प्रतिदिन आना जाना रहता है , पर गंदी बददु के कारण वहां श्रद्धलुओं को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है , कई बार सामाजिक संगठन एवं वनवासी कल्याण परिषद , विश्व हिंदू परिषद एवं अन्य संगठनों द्धारा झाबुआ एस डी एम एव अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को  लिखित आवेदन एवं मौखिक रूप से भी स्लॉटर हाउस के लिए उचित स्थान दे कर मुख्य बाजार से इन बूचड़खानों को हटाने के लिए इस विषय को उनके सज्ञान में लाया गया पर अभी तक इतनी बड़ी समस्या पर अधिकारी मोन व्रत धारण कर के बैठे है , इतनी गम्भीर समस्या का निराकरण न होना अपने आप मे अधिकारियों की नाकामी को दर्शाता है , जनता तो कह रही है साहब कि राम राज्य और प्रजा दुःखी के नारे को प्रशासन सिद्ध करने के लिए आतुर है , जहाँ प्रदेश सरकार गुंडों ओर माफियाओ पर कार्यवाही कर उनके मकान जमींदोज कर रही है , पर झाबुआ प्रशासन के सहियोग से  खुले आम बूचड़खाने बढ़ते जा रहे है ।।

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