झाबुआ

आओ पता लगाएं :- कौन है वह गोलू जो जिले के विभिन्न शासकीय स्कूलों की खेल सामग्री की राशि को डकारने का प्रयास कर रहा है..

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झाबुआ – जिले के विभिन्न शासकीय स्कूलों के प्राइमरी और माध्यमिक शालाओ के लिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा खेल सामग्री के लिए करोड़ों रुपए की राशि आबंटित की । ताकि आदिवासी बहुल जिले  के भोले-भाले ग्रामीण बच्चे , इसका उपयोग कर सके । लेकिन जिले की कई फर्मो दारा  इस राशि को डकारने का प्रयास किया जा रहा है । आओ पता लगाएं :- कौन है वह गोलू जो विभिन्न शासकीय स्कूलों की खेल सामग्री को डकारने का प्रयास कर रहा है…..?

जानकारी. अनुसार जिले में प्रायमरी स्कूल 1977 प्रति स्कूल 5000(खेल सामग्री के लिए )कुल = 98 लाख 85 हजार
जिले में कुल मिडिल स्कूल 425 प्रति स्कूल 10000( खेल सामग्री)कुल = 42 लाख 50 हजार…….।
कुल =1 करोड़ 41 लाख 3500 की सप्लाई खेल सामग्री के लिए राशि आबंटित की जाना हैं । पालक शिक्षक संघ के माध्यम से यह खरीदी की जाना हैं । लेकिन इसमें विशेष रूप से जन शिक्षक और बीआरसी का सबसे अहम रोल है इनके द्वारा निर्देशानुसार ही पालक शिक्षक संघ द्वारा संबंधित फर्म से खरीदी की जा रही है और घटिया किस्म के सामग्री खरीदी कर शासन को चूना लगाने का भरसक प्रयास किया जा रहा है । जनजाति बच्चो की खेल सामग्री पर किन किन फर्मों की है टेढी  नजर यह पता लगाने का भी प्रयास किया जा रहा है और कौन-कौन से बीआरसी द्वारा इन फर्मों को गुणवत्ताहीन सामग्री के लिए समर्थन दिया जा रहा है यह भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है ग्रामीण युवा अपने अपने गांव की स्कूलों में सप्लाई होने वाली सामग्री की गुणवत्ता जरूर देखें। वैसे यह काम पालक शिक्षक संघ के माध्यम से होना था पर अदृश्य दबाव में कुछ व्यापारी कर रहे है।  जिले के कई प्राथमिक व माध्यमिक शाला में माल देने के पहले ही बिल पहुंचा दिए हैं और इन बिलों में तेरह 13 आइटम दर्शाए गए हैं जिनकी संख्या कुल 23 हैं और जिसकी राशि ₹ 5000 बिल में दिख रही है । जब हमने बिल पर गौर किया तो किट बैग राशी रू 460 रुपए दर्शाया गया है जबकि इस तरह के बैग मात्र 200 से ₹ 230 में बाजारों मे आसानी से उपलब्ध हैं । हाइट नापने वाली height scale ₹. 460 बिल मे दर्शाई गई है जबकि इस तरह की स्केल ₹. 250 में बाजार में आसानी से उपलब्ध हो रही है । डिजिटल स्केल जो बाजार में ₹ 450 से लेकर ₹. 750 बाजार में उपलब्ध हैं वह बिल में 1650 रुपए दर्शाए गई हैं । टेनिस बॉल ₹. 30 में बाजारों में उपलब्ध है वही बिल में ₹ 51 दर्शाई गई है । इसके अलावा कैरम बोर्ड की राशि ₹. 650 बिल में है जबकि इस प्रकार के कैरम बोर्ड बाजारों में 250 से ₹ 300 में आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं । लूडो ₹ 30 में बाजार में मिल रहा है जबकि बिल में ₹ 50 हैं प्लास्टिक बॉल बाजारों में 5 से ₹ 10 में उपलब्ध हो रही है वही ₹. 22 बिल में नजर आ रही है । इस बिल में हर सामग्री की दर करीब 50% अधिक है कुछ सामग्री तो दुगनी पर भी दी जा रही है । ऊपर दर्शाए गए चित्र अनुसार सामग्री की गुणवत्ता पर गौर किया जाए तो संभवत: कुल 1200 से 1500 की है सामग्री नजर आ रही है और ₹ 5000 के बिल दिए जा रहे हैं और तो और जिन शालाओं में यह सामग्री पूर्व के वर्षों की रखी हुई है वहां इन फर्मों द्वारा 60 से 70% राशि नगद दी जा रही है और चैक पूर्णा राशि  ( प्रायमरी स्कूल ) के याने 5000 लिए जा रहे हैं । संपूर्ण खरीदी जांच का विषय है । इस तरह की खरीदी में विशेष रूप से जन शिक्षक और बीआरसीसी का विशेष योगदान रहता है । शाला प्रबंधन समिति तो इनके द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन कर भुगतान करती है । प्राथमिक और माध्यमिक शाला मे खरीदी में एक बड़े घोटाले की आशंका है । अलग-अलग विकासखंड में अलग-अलग फर्मो द्वारा खेल सामग्री के बिल दिए जा रहे हैं और सामग्री बाद में पहुंचाने की बात कही जा रही है और चेक शाला प्रबंधन समिति के लिए जा रहे हैं ।

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