अबीर गुलाल और पुष्पों के साथ होली खेली श्री गोवर्धननाथ जी नेश्याम धणी रंग बरसावे, गोकुल की काकंड़ में कान्हों धेनू चरावें रे,- फाग गीतों ने वातावरण को किया भक्तिमयझाबुआ ।
नगर के एक मात्र पुष्टिमार्गीय श्री गोवर्धननाथजी की हवेली मे फाल्गुनी एकादशी के पावन पर्व पर सायंकाल शयन आरती के पूर्व भगवान श्री गोवर्धननाथ जी को अबर,गुलालएवं प्राकृतिक रंगो के साथ पुष्पो से फागोत्सव का दश्रनीय आयोजन किया गया । पण्डित दिलीप मुखिया आचार्य ने बताया कि एकादशी को मंदिर में जमुना महिला मंडल की महिला श्रद्धालुओं द्वारा भजन कीत्रन का आयोजन किया गया सायंकाल 7 बजे मंदिर के पट खुलते ही भगवान श्री गोवर्धननाथजी को अबीर,गुलाल, एवं पुष्पो से होली खिलवाई गइ्र । तत्पश्चात मंदिर में उपस्थित सभी महिला श्रद्धालुओं एवं पुरूष श्रद्धालुओं को रंग एवंसप्तरंगीगुलाल एवं अबीर के साथ होली खेली गई । सभी भाव विभोर होकर फागोत्सव काआनंद लेते नजर आये । पण्डित रमेश त्रिवेदी, कान्हा अरोडा,रूदा्रंश राजपुरोहित, प्रतीक पालीवाल द्वारा संगीतमय फाग गीतों की प्रस्तुति के साथसभी के बीच जाकर रंगो कीबौछार की गई । एक नन्हे बालक ने पूरेसमय कृष्णकी वेशभूषा में भगवान के समक्ष नृत्य प्रस्तुत किया । वही भगवान के सम्मान में मशाल भी जलाई गई । पूरे समय पुष्प वर्षा व गुलाल के साथ कृष्ण कन्हैया लाल को होरी का गायन किया गया। पुष्टिमार्गीय परम्परा पालन करने वाले भक्त मण्डल के साथ, समाज बन्धुओं ने फागोत्सव मनाया गया । मंदिर के ट्रस्टी हरिश शाह एवं एडवोकेट राजेन्द्र अग्निहोत्राी ने बताया कि प्रतिवर्ष 41 दिनों तक बसंत पंचामी सेहोली के दूसरे दिन तक मंदिर में इस प्रकार के फागोत्सव मनोरथ का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर श्याम धणी रंग बरसावे, गोकुल की काकंड़ में कान्हों धेनू चरावें रे, खेलण पधारो नंद पधारो, नंद गांव को लालो आयो गायन चंग, ढोलक के साथ लय ताल से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।