झाबुआ

10 का जीरू.. 12 रू मे……35 का कोल्ड ड्रिंक 40 रू मे….. जिले में एमआरपी से अधिक दरों में बिक रहा है पेय पदार्थ……… कुलिंग के नाम पर हो रही अधिक वसूली…. प्रशासन का जिम्मेदार विभाग जान कर भी अंजान ….?

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झाबुआ – गर्मी के मौसम आते ही जिले में पेय पदार्थ की डिमांड बढ़ जाती है और पेपर पदार्थ ठंडा ना हो तो ग्राहक इसे खरीदने में संकोच करता है । वही झाबुआ जिले में गर्मी की दस्तक के साथ ही पेय पदार्थों पर लिखी हुई अधिकतम खुदरा मूल्य से व्यापारी द्वारा अधिक राशि वसूल कर जिले के भोले-भाले ग्रामीण जनता को लूट रहे हैं और शोषण कर रहे हैं वही दूध की थैलियों पर भी अंकित मूल्य से अधिक दर, साची संचालक व अन्य व्यापारियों द्वारा लिए जा रहे हैं तथा कूलिंग के नाम पर अधिक वसूली की जा रही है वही जिला प्रशासन का संबंधित विभाग जान कर भी अंजान और ग्राहक इस अधिक वसूली से परेशान हैं…।

जानकारी अनुसार यदि आप कोई भी सामान खरीदते हैं तो उसमें उसकी कीमत लिखी रहती है. किसी सामान के डिब्बे या पैकेट पर उसकी एमआरपी (MRP) लिखी रहती है. इसका मतलब तो आप जानते ही होंगे. MRP का फुल फॉर्म होता है Maximum Retail Price यानी अधिकतम खुदरा मूल्य । एमआरपी किसी सामान की वह कीमत होती है, जिससे अधिक पैसे पर उसे नहीं बेचा जा सकता है. कोई भी खुदरा दुकानदार किसी ग्राहक से सामान के बदले ज्यादा से ज्यादा एमआरपी के बराबर कीमत ले सकता है. वह चाहे तो एमआरपी से कुछ पैसे कम भी ले सकता है, लेकिन उससे अधिक कीमत नहीं ले सकता. एमआरपी से अधिक कीमत लिए जाने पर दुकानदार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जा सकती है और उपभोक्ता अदालत में केस भी किया जा सकता है.। हां यह जरूर है कि व्यापारी द्वारा एमआरपी से अधिक बिल तो नहीं दिया जा रहा है लेकिन राशि जरूर वसूली जा रही है । क्योंकि जिले में भगोरिया पर्व का दौर लगातार जारी है और जहां जहां पर हाट बाजार लगते हैं वहां वहां पर भगोरिया पर्व का आनंद आसपास के गांव के लोगों द्वारा उस मेले में जाकर लिया जाता है मेले में कुल्फी , कोल्डीक्स या पेय पदार्थ की दुकानें भी लग रही है साथ ही साथ संबंधित गांव में भी कई पेय पदार्थ की दुकान है जहां पर ब्रांडेड.कंपनी के कोल्ड ड्रिंक उपलब्ध है यदि आप इन कोल्ड ड्रिंक की दुकान पर जाकर किसी भी कंपनी का कोल्ड ड्रिंक खरीदते हैं तो संबंधित दुकानदार द्वारा एमआरपी से अधिक राशि वसूल की जाती है उदाहरण के लिए यदि आप ₹ 10 का जीरू खरीदते हैं तो व्यापारी द्वारा ₹ 12 वसूले जा रहे हैं वहीं कोल्ड ड्रिंक पर यदि ₹ 35 अंकित हैं तो ₹ 40 वसूले जा रहे हैं इस प्रकार पेय पदार्थ के व्यापारियों द्वारा एमआरपी से अधिक राशि वसूल कर जनता को छला जा रहा है ।जबकि नियमानुसार सामान को खरीदने के लिए सामान पर अंकित मूल्य से अधिक राशि वसूल नहीं की जा सकती है चाहे वह कूलिंग के नाम पर हो चाहे अन्य नाम पर हो । इसी तरह हर व्यापारी कूलिंग या रेंट या गोडाउन चार्ज के नाम पर चार्ज करने लगा , तो देश में हर तरह के चार्ज व्यापारी द्वारा लगाए जा सकते हैं । जिससे एमआरपी का महत्व.ही धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा । लेकिन सभी क्षेत्रों को छोड़कर मात्र कोल्डड्रिंक और दूध कंपनी के व्यापारियों द्वारा पदार्थों पर अंकित मूल्य से अधिक राशि वसूली जा रही है । जिससे उपभोक्ता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है वहीं जिले में भी कई दूध व्यापारियों द्वारा दूध की थैली पर अंकित मूल्य से 1 या ₹ 2 अधिक लिए जा रहे हैं यदि दूध की थैली पर ₹ 22 लिखे हैं तो 23 या ₹ 24 लिए जा रहे हैं इस तरह जिले में ग्राहकों का शोषण किया जा रहा है । वही कई व्यापारी ने बताया कि कोल्ड ड्रिंक जिस दर पर हमें उपलब्ध हो रही है उससे कहीं अधिक तो बिजली का बिल हमें भरना पड़ता है जिससे हमे आर्थिक नुकसान होता है और इसलिए कूलिंग के नाम पर राशि वसूली जा रही है । दूध व्यापारियों का भी यही कहना हैं । वही हम व्यापारियों का विरोध तो नहीं कर रहे हैं लेकिन कहीं ना कहीं इन बड़ी कंपनियों द्वारा एमआरपी में वृद्धि न करना या फिर छोटे व्यापारियों के लाभ की ओर ध्यान ना देना भी एक बड़ा कारण है जिससे यह छोटे व्यापारी एमआरपी से अधिक दामों में बेचते हैं लेकिन इन सबके बीच ग्राहक को भी तो आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है । इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं….यह जांच का विषय है । वही नापतोल विभाग नापतोल विभाग के जिम्मेदारो का कहना है कि यदि हमें कोई शिकायत मिलती है तो हम कार्रवाई करते हैं । जिसका अर्थ यह समझा जा सकता है कि शिकायत नहीं मिलने पर विभाग द्वारा कोई रूटीन चेकिंग नहीं की जाएगी या उपभोक्ताओं के अधिकारों की ओर ध्यान नहीं दिया जाएगा । यह भी समझ से परे है …..हमारा उद्देश्य यह है कि आम जनता को पेय पदार्थ और दूध की थैली एमआरपी पर उपलब्ध हो…..। जिससे उपभोक्ता अपने आप को ठगा सा महसूस ना करें ….। वहीं बड़ी कंपनियों को भी छोटे व्यापारियों के लाभ की ओर भी ध्यान देना चाहिए , जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान ना हो और यह व्यापारी भी एमआरपी पर माल विक्रय कर सकें …। क्या शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देकर जिले में एमआरपी से अधिक दरों में बिक रहे पेय पदार्थ को लेकर कोई कार्रवाई करेगा या फिर यह सब यूं ही एमआरपी से अधिक राशि लेकर उपभोक्ताओं का शोषण करते रहेंगे…..?.

जिले में एमआरपी से अधिक दर पर सामान विक्रय को लेकर, नापतोल विभाग द्वारा समझाइश दी जाना चाहिए और नहीं मानने पर कार्रवाई की जाना चाहिए..।

मनोज अरोरा, अध्यक्ष , वनवासी कल्याण परिषद झाबुआ

जिले में एमआरपी से अधिक दर पर सामान विक्रय हो रहा है तो शिकायत के आधार पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी..।।

कपिल कदम , नापतोल निरीक्षक , झाबुआ।

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