झाबुआ

खेल सामग्री खरीदी मामले में… खेल भी वही होगा, खिलाड़ी भी वही होंगे और टारगेट भी वही होगा, सिर्फ मुखोटे बदलेंगे……..सूत्र….

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झाबुआ- जिले के विभिन्न प्राइमरी और माध्यमिक शालाओं में खेल सामग्री खरीदी मामले में शिकायतों के दौर के बाद कार्रवाई का दौर भी लगातार जारी है करीब डेढ़ करोड़ की लागत की इस खेल सामग्री खरीदी में अनियमितता, बीआरसी और जनशिक्षकों की मनमानी के बाद , जब जांच हुई , तब कई खुलासे हुए । सर्वप्रथम कलेक्टर सोमेश मिश्रा द्वारा खेल सामग्री खरीदी में सामग्री की अनियमितता को लेकर 2 बीआरसी और करीब 6 से अधिक जनशिक्षकों को निलंबित किया गया । इसके बाद कलेक्टर सोमेश मिश्रा के आदेश पर जांच होने के बाद गुणवत्ताहीन, स्तरहीन , अमानक और सामग्री के मनमाने दाम लेने पर जिले की छह फर्मों को ब्लैक लिस्टेड किया गया और संदेश दिया गया की गुणवत्ताहीन , अमानक और अधिक दर वाली सामग्री नहीं ली जाएगी । लेकिन इन सबके बीच कांग्रेस से आयातित शख्स, जो अपने आप को भाजपा का नेता कहता है वह इस खेल सामग्री खरीदी में पूर्ण रूप से लिप्त था और उसी के द्वारा यह सारा चक्रव्यूह रचा गया था , ऐसा हमारे सूत्रों ने बताया । अपने आप को भाजपा का नेता कहने वाले यह शख्स , जिला प्रशासन की सब कार्रवाई के बाद भी यह कहने में संकोच नहीं कर रहा है ……कि खेल भी वही होगा….. खिलाड़ी भी वही होंगे और टारगेट भी वही रहेगा……. सिर्फ मुखोटे बदलेंगे …….इसका अर्थ यह है कि खेल सामग्री जो इन शासकीय शालालों में खरीदी जाना है वह यथावत रहेगी….। सप्लायर के चेहरे भी वही रहेंगे सिर्फ इनकी फर्में बदल जाएगी और टारगेट भी पुराना रहेगा …..। चर्चा चौराहा पर चल पड़ी है कि आखिर वह कौन आयातित शख्स हैं जो अपने आप को भाजपा का नेता कह रहा है और इस तरह के कार्यों में संलिप्त है । यदि यह शख्स भाजपा के जिला संगठन में है या कोई अन्य पद पर है या नहीं…यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन यदि हां ….तो फिर भाजपा के लिए चिंतन का विषय है । सूत्रों के अनुसार पूर्व में भी ट्रांसफर उद्योग में भी इस आयातित नेता ने जमकर माल बटोरने का प्रयास किया है तथा यह संदेश दिया है कि राम नाम जपना पराया माल अपना…..। इस तरह के नेताओं के कारण ही भाजपा में जो मूल कार्यकर्ता है वह धीरे-धीरे भाजपा से दूरी बना रहा है क्योंकि आज भी भाजपा के छोटे कार्यकर्ताओं का कार्य नहीं हो पा रहा है और तो और कुछ कार्यकर्ताओं का कहना हैं करीब 30 से 40 साल से हम भाजपा के झंडे उठा कर घूम रहे हैं घर-घर भाजपा की रीति रीति से अवगत करा रहे हैं लेकिन आज तक हमें संगठन में कोई पद से नवाजा नहीं गया है फिर भी हम भाजपा के कार्यकर्ता हैं लेकिन कुछ आयातित नेताओं ने भाजपा की परिभाषा ही बदलने का प्रयास किया है । कहीं ना कहीं इस तरह के शख्स जो अपने आप को भाजपा का नेता कह रहे हैं और इस तरह बच्चों को दी जाने की सामग्री की राशि डकारने का प्रयास कर रहे हैं ऐसे लोगों के कारण भाजपा की छवि भी धूमिल हो रही है । इस तरह.के आयातित भाजपा नेता पर भाजपा को मंथन करना होगा…. । क्योंकि आने वाले चुनाव पर इस तरह के मुद्दों से विपरीत प्रभाव जनता पर पड़ता है । देखना अब यह दिलचस्प होगा कि क्या यह आयातित नेता द्वारा दिया गया वक्तव्य चरितार्थ होगा या फिर बच्चों के लिए उत्कृष्ट सामग्री खरीदी की जाएगी..।

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