मामा तेरे राज में चल रहे अपराधी लोगों के यहां बुलडोजर में कब तक भटकु मेरी बेटी को न्याय दिलाने को क्या मेरी बेटी तुम्हारी भांजी नहीं लगती क्या ?
मामला कुछ यूं है एक मां का दर-दर भटकने का पुलिस थाने से लेकर एसपी ऑफिस एसपी ऑफिस से लेकर आईजी ऑफिस आईजी ऑफिस एसपी ऑफिस आखिर क्यों पुलिस थाने पर आवेदन होने पर भी कार्य वही नहीं कर पाई पुलिस अगर समय रहते कार्यवाही की गई होती तो आज यह बच्ची जिंदा होती मामला विगत समय पूर्व दिनांक 1 दिसंबर 2021 को पुलिस के संज्ञान में लाया गया था आवेदिका दिव्या पिता संतोष पाटीदार उम्र 15 साल निवासी शांति नगर कॉलोनी थांदला जिला झाबुआ मध्य प्रदेश ने एक आवेदन श्रीमान थाना प्रभारी महोदय थांदला जिला झाबुआ के नाम से प्रेषित किया था जिसमें थाना प्रभारी द्वारा कोई उचित कार्रवाई नहीं करने पर आरोपी चिराग पिता नरेंद्र खड़िया के हौसले और बुलंद हुए विगत दिनों उसने फिर बच्ची को परेशान किया दूसरा आवेदन 5 दिसंबर 2021 फिर से दिया गया तब भी प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी इसका नतीजा यह हुआ कि आरोपी चिराग पिता नरेंद्र खड़िया एवं उसके साथी दोस्त के हौसले बुलंद होते गए बच्ची को परेशान करते रहे जिसका नतीजा यह हुआ कि 15 जनवरी 2022 के दिन दिव्या गंभीर अवस्था नशे की हालत में दशहरा मैदान स्थान थांदला सरकारी स्कूल के पास मिली जिसे पुलिस प्रशासन द्वारा सिविल हॉस्पिटल थांदला एडमिट करवाया जहां से उसे डॉक्टर द्वारा तत्काल जिला हॉस्पिटल झाबुआ रेफर किया गया झाबुआ जिला चिकित्सालय पर भी दिव्या का इलाज नाम मात्र का हुआ जिसका नतीजा एवं खामियाजा इतना बुरा भुगतना पड़ा कि 16 जनवरी 2022 के दिन दिव्या इस संसार से अलविदा कह गई मामले में गंभीरता वाली बड़ी बात तो यह है कि पुलिस प्रशासन थांदला द्वारा मामले कि एफ आई आर 16 फरवरी को की गई वह भी माता-पिता के द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर फोन लगाने पर , ढिलाई क्या दर्शाती है इतने समय पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई आखिर क्या कारण रहे पुलिस प्रशासन का इतना ढीला रवैया अपनाने पर अगर माता-पिता के दिए हुए पहले ही आवेदन पर प्रशासनिक रूप से कोई कार्रवाई की जाती तो आज दिव्या अपने माता पिता को छोड़कर इस दुनिया में जी रही होती
दिव्या की माता ने हमे बताया कि दिव्या की उम्र 15 वर्ष की थी दिव्या की चिराग से स्कूल की दोस्ती थी एवं अन्य अपराधियों साथ मिलकर वो उससे प्रेम करने एवं सादी करने का दबाव बना रहे थे , पर दिव्या को ये नामंजूर था वह एक नाबालिक बच्ची थी पर एक तरफा प्यार ने मेरी बेटी को उन दरिंदो ने मुझसे छीन लिया , पुलिस द्धारा जो प्रकरण दर्ज किया गया जिसमें नशे की हालत में मेरी बच्ची की मौत बताई गई पर मेरी बेटी कभी भी किसी भी प्रकार से किसी भी नशे का कोई सेवन नहीं करती थी प्रशासन द्वारा जो एफआईआर में धारा 305 के तहत केस दर्ज किया गया है वह बिल्कुल ही गलत है क्योकि मेरी बेटी की हत्या की गई और थांदला टीआई कोसलिया चौहान ने पैसे लेकर ओर मुझहे डरा धमका कर केस दर्ज किया , जिसमे मेरी बेटी को नशे की हालत में मृत बताया ओर कहा कि तेरी बेटी नशा करती है , अगर प्रशासन मामले की तह तक जाएं और तरीके से कार्रवाई करें तो इस मामले में कई पुख्ता सबूत मिलेंगे जोकि चिराग पिता नरेंद्र खड़िया एवं चिराग के मित्र जो इस मामले में संगीन पाए जाते हैं प्रशासन अगर अभी भी उन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता है तो एक मा कहां तक भटकेगी
दिव्या द्धारा दिनांक 1 . 12 . 2021 दिया गया आवेदन अगर पुलिस कार्यवाही करती तो दिव्या आज जीवित होती ।