झाबुआ

अंकुरम इंटरनेशनल स्कूल में मनाया गया वर्चुअल गुड़ी पड़वा

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झाबुआ- अंकुरम इंटरनेशनल स्कूल मे शुक्रवार को विद्यालय में गुड़ी पड़वा व हिंदू नव वर्ष का आयोजन किया गया ।कार्यक्रम के शुभारंभ में शिक्षीका अर्चिता के द्वारा बच्चों को गुड़ी पड़वा व नववर्ष की शुभकामनाएं दी। वही शिक्षीका शारदा ने श्लोक के माध्यम से नव वर्ष की शुभकामनाएं दी ।
जिसका अर्थ है जिस प्रकार सूर्य प्रकाश देता है, संवेदना करुणा को जन्म देती है, पुष्प सदैव महकता रहता है, उसी तरह आने वाला हमारा यह नूतन वर्ष आपके लिए हर दिन, हर पल के लिए मंगलमय हो। तत्पश्चात श्रीमती अर्चिता राठौर के निर्देशन में आर्ट और क्राफ्ट के द्वारा एक बहुत ही सुंदर गुड़ी पड़वा का ग्रीटिंग कार्ड बनवाया गया। जिसमें बच्चों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और सुंदर सुंदर ग्रीटिंग कार्ड तैयार किए।


गुड़ी पड़वा कब और क्यों मनाया जाता है?
चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा कहते हैं। इस दिन से हिंदू नव वर्ष आरंभ होता है। गुड़ी का अर्थ है विजय पताका। कहा जाता है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था। इसी दिन से नया संवत्सर भी शुरू होता है अतः इस तिथि को” नव संवत्सर” भी कहते हैं। इसी दिन से चैत्र नवरात्रि का आरंभ भी होता है। चैत्र ही एक ऐसा महीना है जिसमें वृक्ष तथा लताएं फलते फूलते हैं। मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्री राम ने बाली के अत्याचारी शासन से प्रजा को मुक्ति दिलाई। बाली के अत्याचारी शासन से मुक्त हुई प्रजा ने घर-घर में उत्साह मना कर ध्वज( गुड़ी) फहराए। आज भी घर के आंगन में गुड़ी खड़ी करने की प्रथा प्रचलित है इसलिए इस दिन को गुड़ी पड़वा नाम दिया गया। महत्त्व बताने के पश्चात राम सर के द्वारा गुड़ी पड़वा पर एक बहुत ही सुंदर स्वरचित कविता प्रस्तुत की गई।
इस वर्चुअल गुड़ी पड़वा के आयोजन में अंकुरम इंटरनेशनल के फाउंडर डॉक्टर लोकेश दवे , डायरेक्टर डॉक्टर चारुलता दवे तथा प्रिंसिपल डॉक्टर रितेश लिमये ने अपनी सहभागिता दी। कार्यक्रम के अंत में सभी शिक्षक तथा शिक्षिकाओं जिनमें अर्चिता राठौर, प्रीति तिवारी ,अश्विनी खेड़े, वंशिका नायक, सुरभि अग्रवाल, शारदा कुमावत सुचिता राठौर ,ललिता नायक ,रिचा देराश्री, सीमा वागद्रे, नीतू जैन ,राम पटेल सर , जयेंद्र चौहान सर के द्वारा हिंदू नव वर्ष व गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं दी।

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