मंदिर परिसर में अखंड ज्योत प्रज्जवलित किए जाने के साथ अखंड रामायाण पाठ का भी हो रहा आयोजन महाष्टमी को हवन एवं दशहरे पर रामायण पाठ की पूर्णाहूति पर कन्या भोज एवं भंडारे का होगा आयोजन
झाबुआ। चैत्र नवरात्रि पर्व के चलते शहर के सभी माताजी मंदिरों में भक्तों का तांता लग रहा है। भक्तजन माता के नौ रूपों की आरधाना एवं भक्ति में पूर्णतः लीन है। मंदिरो में माता के जयकारे गूंजायमान हो रहे है। शहर के नेहरू मार्ग स्थित प्राचीन दक्षिण मुखी महाकालिका माता मंदिर, सामने स्थित प्राचीन संतोषी माता मंदिर, कॉलेज मार्ग स्थित अंबे माता मंदिर एवं खोड़ियार माता मंदिर, गायत्री शक्तिपीठ कॉलेज मार्ग, बसंत कॉलोनी स्थित गायत्री मंदिर, हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित नवदुर्गा धाम पर प्रतिदिन भक्तों की दर्शन-पूजन के लिए भीड़ लगने के साथ यहां विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान भी संपन्न हो रहे है। शहर के नेहरू मार्ग स्थित प्राचीन दक्षिणमुखी महाकालिका माता मंदिर में प्रतिदिन माताजी का अलग-अलग रूपों मे श्रृंगार मंदिर के व्यवस्थापक कांतिलाल नानावटी एवं चोला चढ़ाने का कार्य पं. राजेन्द्रपूरी गोस्वामी कर रहे है। चैत्र नवरात्रि में मंदिर पर आकर्षक वि़द्युत सज्जा, टेंट लगाने के साथ पूरे मंदिर परिसर को केसरिया ध्वजों से सुसज्जित किया गया है। मंदिर में ज्वारे भी बोए गए है। वहीं अखंड ज्योत भी प्रज्जवलित की गई। मंदिर के समीप धर्मशाला में सद्गुरू रामायण मंडल द्वारा अखंड रामायण पाठ किया जा रहा है। जिसमें प्रतिदिन श्री राम दरबार की पूजन के साथ यह पाठ सुंदर रूप से संगीतमय प्रस्तुति दी जा रहीं है। अष्टमी पर हवन एवं दशहरे पर कन्या भोज का आयोजन नवनीत कला मंडल द्वारा मंदिर में 9 अप्रेल, अष्टमी को शाम 5.30 बजे से हवन एवं दशहरे पर अखंड रामायण पाठ की पूर्णाहूति पर कन्या भोज और भंडारे का आयोजन मंदिर के समीप धर्मशाला पर रखा गया है। इसी प्रकार कॉलेज मार्ग स्थित अंबे माता मंदिर पर भी प्रतिदिन माताजी का विशेष श्रृंगार एवं चोला मंदिर के सेवक पं. विजय शर्मा चढ़ा रहे है। यहां भी हवन एवं कन्या भोज का आयोजन होगा। कॉलेज मार्ग स्थित गायत्री शक्तिपीठ एवं बसंत कॉलोनी स्थित गायत्री मंदिर पर चैत्र नवरात्रि में गायत्री महामंत्र के जाप, अनुष्ठान किए जा रहे है। इसके अलावा माता भक्तों द्वारा अपने घरों पर भी माताजी की स्थापना कर पूजा-अर्चना की जा रहंी है। व्रत एवं उपवास रखकर मनोकामनाएं पूर्ण करने हेतु माता रानी से प्रार्थना की जा रहंी है।